Sunday, November 17, 2024
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तम्मी अंकल से कॉन्ग्रेस तक, नवजोत से अमरिंदर तक: कभी गले पड़ते तो कभी भागते ‘सिक्सर सिद्धू’

सिद्धू के इस पीछे पड़ने और भागने की यात्रा को देखकर तो केवल इतना ही कहा जा सकता है कि कभी तो ठहर जाओ गुरु! पर ये उनका अस्थिर स्वभाव ही है कि इस्तीफे के बाद से ही नेटिजन्स उनका 'नेक्स्ट टारगेट' भी बताने लगे हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू। क्रि​केटर से कमेंटेटर बने और फिर नेता। बीच में कुछ साल कॉमेडी संग भी लग गए। लेकिन 57 साल के सिद्धू की इस यात्रा में जो चीज हमेशा देखने को मिली है, वह है उनका अस्थिर स्वभाव। पीछे पड़ने या कहें कि गले पड़ने की उनकी आदत जितनी पुरानी है, उतनी ही पुरानी झटके से जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ भागने की उनकी फितरत भी रही है। इस ग्राउंड पर उनका प्रदर्शन परिवार, करियर और राजनीति हर लेवल पर एक जैसा रहा है। कभी कोई गिरावट नहीं!

नाटकीयता से भरपूर सिद्धू की इस यात्रा की शुरुआत राजनीति से ही करते हैं। अमरिंदर सिंह को किनारे कर जब कॉन्ग्रेस नेतृत्व को लग रहा था कि उसने पंजाब में आंतरिक संघर्ष पर काबू पा लिया है, प्रदेश अध्यक्ष पद से सिद्धू ने अचानक इस्तीफा दे पार्टी की हालत ‘माया मिली न राम’ जैसी कर दी। इस्तीफा देने का दिन भी वो चुना जिसे कॉन्ग्रेस ने अपने एक प्लान (कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल करवाना) को अंजाम तक पहुँचाने के लिए चुना था।

इससे पहले सिद्धू इसी तरह राज्यसभा की सांसदी से इस्तीफा देकर बीजेपी से भागे थे। तब उन्होंने खुद को जन्मजात कॉन्ग्रेसी बताया था। उस समय वे उसी अमरिंदर सिंह के गले पड़ते दिखे थे, जिनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्होंने पीछे पड़ छीन ली। इस दौरान वे पाकिस्तान जाकर उसकी फौज के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा के गले भी लग आए।

गेंदबाजों खासकर स्पिनरों के पीछे पड़ने के अपने इस हुनर की वजह से सिद्धू को प्रशंसक ‘सिक्सर सिद्धू’ भी कहते हैं। लेकिन, आज भी लोग 1996 का वो वाकया याद करते हैं जब वे टीम इंडिया को इंग्लैंड दौरे के बीच ही छोड़ आए थे। अचानक उठाए गए उनके इस कदम की वजह तत्कालीन कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ उनके मतभेद बताए जाते रहे हैं। बीसीसीआई के पूर्व सचिव जयवंत लेले ने इस घटना के सालों बाद अपनी किताब में बताया कि अजहर ने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया था जो हैदराबाद में सामान्य है पर उत्तर भारत में इसे गाली के तौर पर देखा जाता है। इसी से उखड़ सिद्धू ने दौरा बीच में ही छोड़ दिया था।

क्रिकेट से नाम कमाने वाले सिद्धू ने जब कमेंट्री की दुनिया में एंट्री की तो उन पर अपने कॉन्ट्रेक्ट से भागने के आरोप लगे। स्टार इंडिया के साथ 22.5 करोड़ रुपए की कमेंट्री डील का उनका मामला 2015 में कोर्ट तक पहुँच गया था। अरसे तक कपिल शर्मा के शो से जुड़े रहने वाले सिद्धू ने इससे अपना नाता तोड़ने से पहले भी अपने जिद्द और अहंकार का उसी तरह प्रदर्शन किया था जो पंजाब से जुड़े हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में देखने को मिला है।

दिलचस्प यह है कि कपिल शर्मा शो के एक एपिसोड में उनकी डॉक्टर/नेता पत्नी नवजोत कौर ने खुलासा किया था कि कैसे जब वह पढ़ाई कर रहीं थी तो सिद्धू उनके पीछे पड़ गए थे। साथ ही यह भी बताया था कि शादी के बाद जब उनकी सहेलियाँ और रिश्तेदार मिलने आते तो सिद्धू भागकर बाथरूम में छिप जाते थे। इसी शो में मौजूद उनके एक दोस्त ने दुनिया को बताया था कि कैसे पड़ोस वाले तम्मी अंकल से सिद्धू भागा करते। इस भागमभाग में एक बार वे उस बेड के नीचे भी छिप गए थे जिस पर तम्मी अंकल बैठे थे।

सिद्धू के इस पीछे पड़ने और भागने की यात्रा को देखकर तो केवल इतना ही कहा जा सकता है कि कभी तो ठहर जाओ गुरु! पर ये उनका अस्थिर स्वभाव ही है कि इस्तीफे के बाद से ही नेटिजन्स उनका ‘नेक्स्ट टारगेट’ भी बताने लगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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