अलगाववादी नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी के पोते अनीस-उल-इस्लाम को जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी से निकाल बाहर किया गया है। उसे वहाँ ‘शेर-ए-कश्मीर’ इंटरनेशनल कन्वेन्शन सेंटर में रिसर्च अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था। ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ के नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के 45 दिन बाद शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) को सरकार ने ये कार्रवाई की। उसके साथ-साथ डोडा के एक शिक्षक को भी सरकारी नौकरी से निकाल बाहर किया गया।
जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ये आदेश जारी किया है। उन्होंने अनुच्छेद-311 का प्रयोग कर के ये आदेश दिया, जिसके तहत हाल ही में आतंकियों से हमदर्दी रखने वाले कई लोगों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है। आदेश में कहा गया है कि उप-राज्यपाल ने तथ्यों और इस मामले की परिस्थिति के अवलोकन व सूचनाओं के अध्ययन के बाद पाया कि उसे सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाता है।
सैयद अली शाह गिलानी का पोटा अनीस-उल-इस्लाम श्रीनगर के बेमिना स्थित ग्रीन पार्क में तैनात था। उसके अब्बा का नाम अल्ताफ अहमद शाह है। राज्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया। उसे तत्काल प्रभाव से सरकारी सेवा से निकाला गया है। इसी तरह GMS कठवा में तैनात डोडा के शिक्षक फरुख अहमद बट को लेकर भी आदेश जारी किया गया। ये आतंकियों से सहानुभूति रखता था।
Anees-ul-Islam, the grandson of Syed Ali Geelani terminated from services. pic.twitter.com/zwt2VVyUE9
— DD NEWS SRINAGAR (@ddnewsSrinagar) October 16, 2021
याद दिला दें कि जम्मू-कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को दफनाने से पहले उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था। पाकिस्तानी मीडिया ने ही इस बात की जानकारी दी थी। गिलानी ने कभी भी कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं माना। सन् 1990 में उन्होंने अलगाववाद की राजनीति करने वालों के लिए एक मंच तैयार किया था, जिसका नाम ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस रखा गया था। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के विरुद्ध तमाम गुट शामिल हो गए।
जम्मू कश्मीर फ़िलहाल हालात भयावह हैं। राजधानी श्रीनगर में आतंकियों ने एक ही दिन बाहरी राज्यों के दो नागरिकों की हत्या कर दी। ईदगाह इलाके में बिहार के एक रेहड़ी वाले को गोली मार दी गई, जो वहाँ पानी-पूरी बेचने थे। मृतक का नाम अरविंद कुमार साह है। वहीं आतंकियों ने शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) को ही पुलवामा में सगीर अहमद नाम के शख्स को गोली मार दी, जो मिस्त्री का काम करते थे। पुलवामा के ही काकापोरा में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला भी किया गया।