Sunday, May 5, 2024
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‘अल्लाह हमें इस प्रकोप से बचाए’ : सुपरमार्केट में हिंदू मूर्तियाँ देख भड़का इस्लामी समूह, पत्र लिख कर रखी हटाने की माँग

सुपरमार्केट प्रशासन ने हाजी को फटकार लगाते हुए बताया कि वो लोग अपनी सेल में जो भी सामान रखते हैं उसे उपभोक्ता की जरूरत और माँग देखकर रखते हैं। सुपरमार्केट ने इस बात को भी साफ किया कि वो लोग किसी एक मजहब से नहीं जुड़े हुए हैं।

त्रिनिदाद और टोबैगो नामक कैरिबियाई देश में शुक्रवार (3 दिसंबर 2021) को अंजुमन सुन्नतुल जमात एसोसिएशन (Anjuman Sunnatul Jamaat Association) की एक ब्रांच ‘रियल स्ट्रीट जमात’ ने सुपरमार्केट में हिंदू मूर्ति दिखने पर आपत्ति जाहिर की है। इस्लामी समूह ने प्राइस क्लब सुपरमार्केट को पत्र लिख कर अपनी आपत्ति जताई कि आखिर वो लोग हिंदुओं से संबंधी चीजों को क्यों बेच रहे हैं।

इंटरनेट पर शेयर हो रहे पत्र में 3 दिसंबर की तारीख है, जिसमें हाजी इम्तियाज अली ने ये लिखा है कि हाजी रुकनुद्दीन इंस्टिट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज (Haji Ruknudeen Institute of Islamic Studies ) की एक छात्रा सुपरमार्केट गई थी, जहाँ उसने हिंदू मूर्तियाँ और हिंदुओं से जुड़ी सामग्री सेल पर लगी देखी। हाजी ने आगे इन मूर्तियों को बाजार से हटाने की बात अपने पत्र में कही और ये भी लिखा कि अल्लाह हमें इस प्रकोप से बचाए।

जानकारी के अनुसार, इस पत्र के बाद सुपरमार्केट प्रशासन की ओर से हिंदू मूर्तियाँ और हिंदू सामग्री हटाने से मना कर दिया गया है। सुपरमार्केट ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि पिछले 27 वर्षों से उन्होंने सभी पंथों और नस्लों के लोगों के लिए एक परिवार उन्मुख वातावरण प्रदान किया है। पोस्ट में हाजी पर आरोप लगाया गया कि उनकी सुपरमार्केट के एक निदेशक के साथ दुश्मनी है। इसमें लिखा गया, “प्राइस क्लब किसी भी ऐसे व्यक्ति के बयानों पर संज्ञान नहीं लेगा जो इंद्रधनुष जैसे राष्ट्र में असमानता और अशांति पैदा करने के लिए तैयार है, जिसे हम सभी घर कहते हैं।”

सुपरमार्केट प्रशासन ने हाजी को फटकार लगाते हुए बताया कि वो लोग अपनी सेल में जो भी सामान रखते हैं उसे उपभोक्ता की जरूरत और माँग देखकर रखते हैं। सुपरमार्केट ने इस बात को भी साफ किया कि वो लोग किसी एक मजहब से नहीं जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हाजी को बाजार की अन्य दुकानों पर उपलब्ध ऐसी वस्तुओं से आपत्ति नहीं है जैसे कि वो उन्हें निशाना बना रहे हैं। 

सुपरमार्केट ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने अपनी जाँच में पाया है कि पत्र लिखने वाला अंतर धार्मिक संगठन के बोर्ड में कार्य करता है, त्रिनिदाद और टोबैगो की विभिन्न जेलों में मुस्लिम जेल चैपलिन के रूप में कार्य करता है और इसे SEA और कॉनकॉर्ड में मार्गदर्शन के लिए विशेष समिति में भी नियुक्त किया गया था।

सुपरमार्केट ने अपने पोस्ट से दुख जताया और कहा कि ये विचलित करने वाली बात है कि ऐसा विभाजनकारी व्यक्ति उस पद पर काम करता है जिस पर सौहार्द, सहिष्णुता बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। अपने पोस्ट में हिंदू मूर्तियों को हटाने से मना करने के बाद मार्केट प्रशासन ने हाजी इम्तियाज अली से माफी माँगने की माँग की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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