Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षासिख फॉर जस्टिस का आतंकी जसविंदर मुल्तानी जर्मनी में गिरफ्तार: लुधियाना ब्लास्ट का है...

सिख फॉर जस्टिस का आतंकी जसविंदर मुल्तानी जर्मनी में गिरफ्तार: लुधियाना ब्लास्ट का है मास्टरमाइंड, दिल्ली-मुंबई में भी हमले की थी साजिश

मोदी सरकार ने जर्मन अधिकारियों से खालिस्तानी कट्टरपंथी को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद जसविंदर को संघीय पुलिस द्वारा मध्य जर्मनी में एरफर्ट से गिरफ्तार किया गया।

लुधियाना ब्लास्ट में शामिल खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFJ)’ के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि वो दिल्ली और मुंबई में भी लोगों को निशाना बनाने की साजिश में शामिल था। इसके अलावा कथिततौर पर लुधियाना ब्लास्ट का वो मास्टरमाइंड था।

बॉन (जर्मनी का एक शहर) और नई दिल्ली आधारित राजनयिकों के अनुसार, मोदी सरकार ने जर्मन अधिकारियों से खालिस्तानी कट्टरपंथी को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद जसविंदर को संघीय पुलिस द्वारा मध्य जर्मनी में एरफर्ट से गिरफ्तार किया गया।

कहा जा रहा है कि वो पंजाब में सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी करने के काम से भी जुड़ा था। पूर्व में होशियारपुर का रहने वाला मुल्तानी खालिस्तानी संगठन के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी है। वह कई अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहा है।

45 साल के जसविंदर के बारे में बताया जा रहा है कि उसने बॉर्डर पर किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल की हत्या की साजिश भी रची थी। इस काम के लिए उसने मध्य प्रदेश के जीवन सिंह नाम के व्यक्ति को भड़काया था। लेकिन पुलिस की स्पेशल सेल ने उसको पहले गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसके फोन की जाँच से ये बात सामने आई थी कि वो मुल्तानी के संपर्क में था, जो कि जर्मनी में है। जाँच के क्रम में दो दिन पहले ही रॉ टीम मुल्तानी के फ्लैट पर भी गई थी।

गौरतलब है कि पंजाब के लुधियाना कोर्ट परिसर में 23 दिसंबर को एक ब्लास्ट हुआ था। पंजाब पुलिस ने फॉरेंसिक जाँच की रिपोर्ट के आधार पर बताया था कि कोर्ट परिसर में हुए धमाके में RDX का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने बताया कि धमाके के लिए 2 किलोग्राम RDX का इस्तेमाल किया गया था। धमाके के कारण पानी की पाइप लाइन फट गई थी। वहीं, ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की पहचान गगनदीप सिंह (30) के रूप में हुई, जिसके खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से लिंक थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -