Sunday, May 5, 2024
Homeदेश-समाजमेवात के बाद अब हैदराबाद में निकाह धड़ाधड़, मस्जिदों में लंबी लाइन: '21 साल...

मेवात के बाद अब हैदराबाद में निकाह धड़ाधड़, मस्जिदों में लंबी लाइन: ’21 साल में शादी’ वाला कानून आने से पहले ही मुस्लिमों में खलबली

हैदराबाद में कम से कम आधा दर्जन परिवारों ने इस कानून के डर से अपनी बेटियों की निकाह की तारीख बदली है।

केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल करने का प्रस्ताव पास किया था। हालॉंकि अभी इस संबंध में कानून नहीं बना है। लेकिन इसकी आहट से ही मुस्लिम समुदाय में अफरातफरी दिख रही है। वे जल्दी से जल्दी लड़कियों का निकाह करना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इसके कारण हैदराबाद के पुराने शहर की मस्जिदें व्यस्त और गुलजार हैं।

जल्दबाजी में किए जा रहे इन निकाहों में शामिल दुल्हनों की उम्र 18 से 20 साल के बीच बताई जा रही है। पहले इनमें से अधिकांश का निकाह 2022-2023 में होना तय था। लेकिन शादी की न्यूनतम उम्र से जुड़ा नया कानून आने के डर से अब उनके परिजन इंतजार नहीं करना चाहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बाबत ओल्ड सिटी में रहने वाले कम से कम आधा दर्जन परिवारों से बात की, जिन्होंने इसी कारण से अपनी बेटियों की निकाह की तारीख बदली है। रिपोर्ट में कहा गया है कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से निकाह के बावजूद परिवारों ने ‘विदाई’ की रस्म को फिलहाल टाल दिया है।

19 साल के एक लड़की की अम्मी समरुन्निसा ने TOI से बात करते हुए कहा कि उनकी तीन बेटियाँ हैं, जिनमें से एक विकलांग है। ऐसे में वह अपनी एक बेटी की शादी के लिए दो साल और इंतजार कैसे कर सकती है? वहीं बाबानगर की एक महिला ने बताया कि उसके पति कमाने के लिए श्रीलंका गए हैं और वह उनके वापस आने के बाद 2022 के मध्य में अपनी बेटी का निकाह करना चाह रही थी, लेकिन बिल के बारे में सुनने के बाद उसे जल्दबाजी में यह कदम उठाना पड़ा है। 

इसी तरह रहमत अली ने 26 दिसंबर को अपनी बेटी का निकाह किया और उसकी विदाई 4-5 महीने में करेंगे, क्योंकि अभी उनके पास बेटी को फर्नीचर, गहने या कपड़े आदि देने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं चंद्रयानगुट्टा निवासी एक जोड़ा अपनी बेटी की शादी के लिए केसीआर सरकार की ‘शादी मुबारक’ योजना पर निर्भर है। 2014 में टीआरएस सरकार ने यह योजना शुरू की थी। यह योजना एससी, एसटी, ईबीसी या अल्पसंख्यकों को 1 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देती है। योजना के लाभ के लिए लड़कियों की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

इलाके के एक स्थानीय नेता फ़िरोज़ खान ने बताया कि इसी योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार निकाह करवा रहे हैं, ताकि वो जल्द से जल्द इसके लिए आवेदन कर सकें। वहीं बिल को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और अमरत-ए-मिल्लत-ए-इस्लामिया तेलंगाना और आंध्र के अमीर (प्रमुख) मौलाना जफर पाशा का कहना है कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ में ‘घुसपैठ’ के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में एक मुस्लिम लड़की यौवन प्राप्त करने के बाद शादी कर सकती है।

गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा के मेवात से भी ऐसी ही खबर सामने आई थी। यहाँ के मुस्लिम बहुल वाले नूँह क्षेत्र में लोग ऐसे लड़कों की तलाश में हैं, जो 2 दिन में निकाह करने के लिए तैयार हो जाए। इमामों के पास दूल्हा बताने की इतनी माँग बढ़ गई है कि अब इस संबंध में अजान के समय घोषणा भी होती सुनी गई है। नूँह जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद इस कानून को लेकर कहा था, “हम इस पर आपत्ति जताते हैं। ये उनके लिए ठीक है जो पढ़ी लिखी हैं और जीवन में कोई उद्देश्य रखती हैं, लेकिन जिनका कोई उद्देश्य नहीं है, वह अनपढ़ हैं, उन्हें उनके माता-पिता शादी न होने पर भार समझते हैं।“

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रामलला का दर्शन करने पर कॉन्ग्रेस में महिला प्रवक्ता से बदतमीजी, ‘गेट आउट’ कह निकाला था: इस्तीफा देकर बोलीं राधिका खेड़ा – जिस पार्टी...

राधिका ने अब बताया है कि अयोध्या में दर्शन करने की वजह से कॉन्ग्रेस पार्टी में उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।

आतंकी संगठन हमास से हमदर्दी, गाजा के लिए रोना-धोना: इजरायल ने देश में ‘अल जज़ीरा’ पर लगाया ताला, सारा सामान भी जब्त किया

इजरायल ने हमास के साथ संबंध रखने के कारण देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए कतर के मीडिया चैनल अल जजीरा का प्रसारण बंद कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -