केरल में एक ईसाई महिला ने अपने पति पर इस्लाम कबूल करवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। महिला ने अपने पति के परिवार वालों को भी इस मामले में साथी बताया है। आरोपित पति का नाम असलम है। असलम पर अपनी पत्नी को जबरन एक इस्लामिक सेंटर में रखने का भी आरोप है। पुलिस ने 7 दिसम्बर 2021 को इस मामले में केस दर्ज किया है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की उम्र 20 साल है, जबकि असलम उस से 13 साल बड़ा (33 साल) है। घटना की शिकायत कोटमंगलम के पोथानीकाड (Pothanikad) थाने में की गई है। शिकायत के मुताबिक, महिला का धर्मांतरण के लिए 40 दिनों तक एक इस्लामिक केंद्र में रखा गया था।
शिकायत में महिला ने कहा, “मुझे जबरन पोन्नानी (Ponnani) ले जाया गया। वहाँ मुझे एक इस्लामिक सेंटर में रखा गया। मुझ पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता रहा। 40 दिनों तक मुझको कहीं निकलने नहीं दिया गया। मुझे किसी से सम्पर्क की भी इजाजत नहीं थी। मैं जैसे-तैसे सेंटर से निकली और अपने पति के पास पहुँची, लेकिन उसने भी मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से टॉर्चर किया।”
इस केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए असलम और उसका पूरा परिवार कोर्ट गया था। उन्होंने आरोपों को झूठा बताते हुए अग्रिम जमानत की माँग की थी। 10 जनवरी (सोमवार) को अदालत ने परिजनों को जमानत दे दी, लेकिन पति की याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायाधीश जी गिरीश ने अपने फैसले में कहा, “पीड़िता ने अपने पति पर बेडरूम की निजी पलों की तस्वीरों को दोस्तों के साथ साझा करने का आरोप लगाया है। यह कोई भी पत्नी स्वीकार नहीं कर सकती। साथ ही पीड़िता पर अपना धर्म थोपने का प्रयास किया गया है। इससे निश्चित तौर पर शिकायतकर्ता को मानसिक तकलीफ हुई होगी। आरोपित के विरुद्ध महिला के यौन उत्पीड़न के भी रिकॉर्ड पेश किए गए हैं। यह काफी दुखद है।”
पुलिस ने असलम और उसके परिवार वालों पर दहेज उत्पीड़न, गलत तरीके से बंदी बनाने और महिला का शील भंग करने की धाराएँ लगाई हैं। पुलिस के मुताबिक, “इन दोनों ने लव मैरिज की थी। इनकी शादी 11 नवम्बर 2019 को Pothanikkad के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस पर हुई थी। शादी के समय दोनों ने एक-दूसरे को उनके धर्म के पालन की छूट देने का आश्वासन दिया था। इस केस की जाँच चल रही है। आरोपित पक्ष द्वारा अग्रिम जमानत के आवेदन के दौरान पुलिस ने जाँच रिपोर्ट अदालत में जमा की है।”