हिंदू बच्ची लावण्या द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया। कोई सोशल मीडिया के जरिए उसके लिए इंसाफ माँग रहा है तो कोई सड़कों पर आकर उसे न्याय दिलाने की कोशिशों में है। बच्ची के पिता ने कोर्ट से आत्महत्या मामले की जाँच के लिए सीबी-सीआईडी इन्वेस्टिगेशन की माँग की है जबकि कोर्ट ने फिलहाल लावण्या की आखिरी वीडियो की प्रमाणिकता जाँचने के लिए उसे फॉरेंसिक लैब भेजे जाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि ईसाई धर्म न अपनाने पर लावण्या के साथ स्कूल में जो कुछ हुआ और उसने जो कुछ अपनी आखिरी वीडियो में बयान किया उसे देख हर कोई विचलित है। इसी क्रम में साउथ इंडियन एक्ट्रेस प्रणिथा सुभाष ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए उम्मीद जताई है कि बच्ची को जल्द न्याय मिलेगा। उन्होंने लिखा कि ये देखना हृदयविदारक है कि धार्मिक चीजों को छोटे बच्चों पर थोपा जा रहा है।
Forced Conversion through Missionary Backed Schools stands now exposed by the suicide of an innocent student Lavanya. Missionary backed Schools are fuelling forced Conversion which is completely non-acceptable.#BanForcefulConversion#JusticeForLavanya pic.twitter.com/9g8rYe4f47
— ABVP (@ABVPVoice) January 22, 2022
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से लेकर छात्र संगठन एबीवीपी तक आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए आवाज उठा रहे हैं। इनके अलावा ट्विटर के सक्रिय यूजर अंशुल सक्सेना भी लावण्या के लिए न्याय माँगने सड़क पर हैं। सामने आई वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे वो ईसाई मिशनरियों से सामान्य जन को जागरूक कर रहे हैं और सबसे लावण्या के लिए इंसाफ माँगने की अपील कर रहे हैं। तमिलनाडु के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष विनोज पी सेलवन ने भी उपवास रखकर लावण्या को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाई है।
Justice for Lavanya.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) January 25, 2022
Voice for her Justice should spread across nation. pic.twitter.com/LG3NKnlvq9
Justice for Lavanya.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) January 25, 2022
Voice for her Justice should spread across nation. pic.twitter.com/LG3NKnlvq9
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने लावण्या की आखिरी वीडियो की जाँच के लिए उसे तमिलनाडु फॉरेंसिक साइंस लैब भेजने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान बच्ची के पिता ने कोर्ट को जानकारी दी कि पुलिस आरोपितों को पकड़ने की जगह उस व्यक्ति को फँसाने की कोशिशों में है जिसने उनकी बच्ची की वीडियो रिकॉर्ड की और दुनिया के सामने सच आया। कोर्ट ने पिता की बात सुनने के बाद वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति पर किसी तरह की पुलिस प्रताड़ना रोकने के लिए अंतरिम आदेश पास किया है। पिता ने ये भी कहा है कि पुलिस उनके ऊपर दबाव बनाती है। वह लोग इस केस सीबी-सीआईडी जाँच चाहते हैं।
मालूम हो कि तमिलनाडु के तंजावुर में नाबालिग छात्रा लावण्या की आत्महत्या का मामला 19 जनवरी, 2022 का है। लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया कि हॉस्टल वॉर्डन द्वारा उसे प्रताड़ित किया था और मारा-पीटा था। ये सब सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि उसने ईसाई मजहब में धर्मांतरण से इनकार कर दिया था। प्रताड़नाओं से तंग लड़की ने 9 जनवरी, 2021 को ही ज़हर खा लिया था। 10 दिन तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर लड़की का एक वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें वो बताती दिखती है कि धर्मांतरण न करने के कारण उसे प्रताड़ित किया गया था।