Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाज'ईसाई बनने को कहा, मना करने पर टॉयलेट साफ़ करने को मजबूर किया': तमिलनाडु...

‘ईसाई बनने को कहा, मना करने पर टॉयलेट साफ़ करने को मजबूर किया’: तमिलनाडु में 17 साल की लड़की की आत्महत्या, माता-पिता ने बताई सच्चाई

लावण्या के परिजनों ने बताया, "मुझे कहा जाता था कि अपनी बेटी को हमारी तरह बना दो, तब वो पड़ेगी, बड़े पद पर पहुँचेगी और समाज में उसे सम्मान मिलेगा।"

तमिलनाडु के तंजावुर में 17 वर्षीय छात्रा लावण्या की आत्महत्या का मामला अब जोर पकड़ रहा है। ये घटना बुधवार (19 जनवरी, 2022) की है। लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल वॉर्डन द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया था और मारा-पीटा गया था, क्योंकि उसने ईसाई मजहब में धर्मांतरण से इनकार कर दिया था। लड़की ने 9 जनवरी, 2021 को ही ज़हर खा लिया था। 10 दिन तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर लड़की का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वो बता रही है कि धर्मांतरण न करने के कारण उसे प्रताड़ित किया गया था।

‘CNN News18’ से बात करते हुए लड़की के माता-पिता ने कहा कि सोमवार (10 जनवरी, 2022) को उनके पास 9:45 बजे सुबह एक फोन कॉल आया। उनसे पूछा गया कि क्या लावण्या उनकी बेटी है, हामी भरने पर बताया गया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और उसे उलटी हो रही है। उन्हें आकर घर ले जाने के लिए कहा गया। उन्हें तब तक ये भी नहीं बताया गया कि उनकी बेटी ने ज़हर खा लिया है। अगले दो दिनों तक वो लावण्या को लेकर अस्पतालों में घूमते रहे।

लावण्या के परिजनों ने बताया, “ईसाई धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने के बाद मेरी बेटी को ज़हर खाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अस्पताल के रिपोर्ट्स से ही पता चला कि मेरी बेटी ने ज़हर खाया है। मुझे कहा जाता था कि अपनी बेटी को हमारी तरह बना दो, तब वो पड़ेगी, बड़े पद पर पहुँचेगी और समाज में उसे सम्मान मिलेगा। वो लोग मेरे पड़ोसी ही थे, तभी से मुझ पर भी दबाव बनाया जा रहा था। धमकी दी गई थी कि किसी को इस बारे में कुछ बताने पर मेरी बेटी के चरित्र को लेकर गलत अफवाह फैलाई जाएगी।”

माता-पिता ने बताया कि लावण्या को शौचालय साफ़ करने और भोजन बनाने के अलावा अकाउंट्स मैनेज करने का काम करवाया जाता था, क्योंकि उसने ईसाई बनने से इनकार कर दिया था। परिजनों का कहना है कि मजदूर और गरीब परिवार होने के कारण पुलिस-प्रशासन ने उनकी शिकायत को गंभीरता से भी नहीं लिया। उन्होंने बताया कि घर में तीन और बच्चे हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी। उन्होंने दोषियों को जेल भेजने की माँग की और ईसाई स्कूल को भी तत्काल सील करने की माँग की।

उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन से गुहार लगाते हुए कहा कि हम मजदूर हैं, किसी को भी हमारी बेटी की तरह इस दौर से न गुजरना पड़े। लड़की की माँ ने कहा कि हमें इस मामले में न्याय चाहिए, क्योंकि बेटी तो वापस नहीं मिल सकती है और कोई और इस दौर से न गुजरे। उन्होंने आरोपितों का नाम रक्वीलिन मेरी और सहाया मेरी बताया। उन्होंने बताया कि पोंगल के बाद ट्रांसफर सर्टिफिकेट की माँग करने पर वो भी नहीं दिया गया। लड़की पढ़ने में अच्छी थी और उसे 500 में 489 मार्क्स आए थे। इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe