पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद जिंदा जलाकर मार डाले गए 10 लोगों के मामले में केंद्रीय जाँच एजेंसी CBI ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने 21 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इन आरोपियों पर IPC की धारा 147, 148, 149 सहित कई गंभीर धारा लगाई गईं है। इसके साथ ही इन लोगों पर सशस्त्र दंगे करने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि TMC नेता और स्थानीय पंचायत के उप-प्रधान भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए हिंसा की गई थी। लगभग 70-80 लोगों की अनियंत्रित भीड़ ने पीड़ितों के घरों पर हमला किया। वहाँ तोड़फोड़ की और उन्हें जान से मारने के इरादे से उनके घरों में आग लगा दी। बता दें कि इस घटना से एक दिन पहले अज्ञात हमलावरों ने भादू शेख पर देसी बम से हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
DIG अखिलेश सिंह के नेतृत्व में सीबीआई टीम सीएफएसएल (CFSL) टीम के साथा शनिवार (26 मार्च 2022) को रामपुरहाट इलाके के बगतुई गाँव पहुँच गई है और घटना की जाँच शुरू कर दी है। सीबीआई के अधिकारियों ने मामले की जाँच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के अधिकारियों से इस मामले से जुड़े सारे कागजात भी ले लिए हैं। जाँच में किसी तरह अड़ंगा ना पहुँचे और सबूतों के साथ किसी तरह छेड़छाड़ ना हो, इसको लेकर गाँव में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सख्त कर दिया गया है।
West Bengal | CBI team led by DIG Akhilesh Singh along with CFSL team reaches Rampurhat village to investigate #Birbhum violence case pic.twitter.com/dYFaN4MZyr
— ANI (@ANI) March 26, 2022
भादू शेख की हत्या के बाद मंगलवार (22 मार्च 2022) को अपराधियों 10-12 घरों को निशाना बनाते हुए इनके परिवारों के साथ मारपीट भी की थी। उसके बाद उनके घरों में आग लगा दी थी, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जाँच के लिए मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि राज्य की ममता बनर्जी की सरकार के इशारे पर पुलिस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटनास्थल का दौरा किया और TMC के ब्लॉक प्रमुख अनिरुल हुसैन को सरेंडर करने के लिए कहा था। इसके बाद पुलिस ने हुसैन को गिरफ्तार कर लिया था।