कर्नाटक (Karnataka) के गडग जिले में सात शिक्षकों को SSLC परीक्षा में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब (Hijab/Burqa) पहनने की अनुमति देने के कारण निलंबित कर दिया गया है। इन शिक्षकों के खिलाफ जाँच के आदेश भी दिए गए हैं। परीक्षा गडग के सीएस पाटिल बॉयज हाई स्कूल और सीएस पाटिल गर्ल्स हाई स्कूल में आयोजित की गई थीं। जिन शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है उनमें एसयू होक्कलड, एसएम पत्तर, एसजी गोडके, एसएस गुजामगड़ी और वीएन किवूदार, केबी भजंत्री और बीएस होनागुडी शामिल हैं।
हिजाब पहनकर परीक्षा दे रही छात्राओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अध्यापकों पर कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक, सोमवार (28 मार्च 2022) को जब कुछ मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा हॉल में पहुँचीं तो न तो शिक्षकों ने और न ही सुपरवाइजर ने उन्हें इसे उतारने के लिए कहा। आधे घंटे से अधिक समय तक उन्होंने हिजाब पहनकर परीक्षा दी। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद DDPI जीएम बसवलिंगप्पा को इस घटना के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा लिखने की अनुमति देने के लिए शिक्षकों को निलंबित करने का आदेश जारी किया। यह निलंबन मंगलवार (29 मार्च 2022) से प्रभावी हुआ है।
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे सीएस पाटिल हाई स्कूल के एक शिक्षक ने कहा, “परीक्षा हॉल 4 और 8 में कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर प्रवेश करती हैं। हमने प्रिंसिपल को सूचना दी तो कुछ लोगों ने वीडियो और फोटो खींच लिए। हमने तुरंत उनसे हिजाब हटाने के लिए कहा और उन्होंने ऐसा किया।”
वहीं प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार ने उच्च न्यायालय के अधिनियम, नियम और फैसले के अनुसार निर्देश दिया था। कहा गया था कि हर सरकारी कर्मचारी को नियम का पालन करना होगा। यदि इसका पालन नहीं किया जाता है तो निश्चित रूप से कुछ कार्रवाई करनी होगी और नोटिस दिया जाएगा। हमें उनसे जानकारी लेनी चाहिए और उसके बाद अंतिम कार्रवाई तय की जानी चाहिए। लेकिन, स्पष्ट रूप से उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया है इसलिए यह (कार्रवाई) की गई है।”
कुछ दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि सरकारी आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर उनके आला अधिकारियों से संपर्क करने के बाद शिक्षकों को निलंबित किया। श्रीराम सेना की जेवरगी तालुका इकाई के अध्यक्ष निंगनगौड़ा मालिपाटिल ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, “परीक्षा हॉल के अंदर हिजाब पहने छात्रों के वीडियो थे। हमने इस मामले को ब्ल़ॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) के समक्ष उठाया और शिक्षक के निलंबन की माँग की।”
इधर उडुपी जिले की 40 मुस्लिम छात्राओं ने मंगलवार (29 मार्च 2022) को पहली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा छोड़ दी। छात्राओं का कहना था कि हिजाब विवाद को लेकर हाल में आए उच्च न्यायालय के उस आदेश से वे आहत हैं, जिसमें स्कूल में हिजाब पहनकर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं में कुंडापुर की 24 लड़कियाँ, बिंदूर की 14 और उडुपी सरकारी कन्या पीयू कॉलेज की दो लड़कियाँ शामिल हैं।
ये छात्राएँ कक्षा में हिजाब पहनने को लेकर कानूनी लड़ाई में शामिल थीं। इन लड़कियों ने पहले प्रैक्टिकल एग्जाम भी छोड़ दिए थे। इसी तरह आरएन शेट्टी पीयू कॉलेज में 28 मुस्लिम छात्राओं में से 13 परीक्षा में उपस्थित हुईं। हालाँकि कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा केंद्र पहुँचीं, लेकिन उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। उडुपी के भंडारकर कॉलेज की एक छात्रा ने परीक्षा नहीं दिया। वहीं, नवुंदा सरकारी पीयू कॉलेज की आठ में से छह छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी। बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य प्रथा नहीं है और शैक्षणिक संस्थानों में इस पर प्रतिबंध जारी रहेगा।