रामनवमी पर खरगोन में हिंसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार (11 अप्रैल, 2022) को अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इसके लिए पाँच जेसीबी मशीनें लगाई गई।
#खरगोन– सीएम @ChouhanShivraj की सख्ती के बाद एक्शन में #प्रशासन, #रावनवमी के जुलूस में #उपद्रव करने वाले #आरोपियों के अवैध कब्जों पर चला #बुल्डोजर,भारी पुलिस बल तैनात,छोटी मोहन टॉकिज पर कार्रवाई @CollecterK#madhyapradesh #khargone #stonepelting #ramnavami #curfew #CMaction pic.twitter.com/jdYkPYtEcd
— News18 MadhyaPradesh (@News18MP) April 11, 2022
जानकारी के मुताबिक चार सरकारी कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है। इन पर अफवाहें फैलाने और हिंसा में शामिल होने के आरोप थे। इनमें से तीन दैनिक वेतनभोगी हैं और एक नियमित। नियमित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं दैनिक वेतनभोगियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिया था कि राज्य सरकार पथराव, दंगा और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
मध्यप्रदेश के ख़रगोन में #रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव करने वाले रोजेदारों के घरों को मैदान बनाया जा रहा है, सैकड़ों पत्थरबाज रोजेदारों की ईद अब जेल में बनेगी। pic.twitter.com/9PKZAyD7pG
— Prashant Umrao (@ippatel) April 11, 2022
सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जहाँ भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच जेसीबी मशीनों को अवैध मकानों को ध्वस्त करते हुए देखा जा सकता है।
मध्यप्रदेश: खरगोन में रामनवमी की शोभायात्रा पर जिन्होंने पथराव किया था पुलिस ने उन आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया pic.twitter.com/q4GS4AMHa2
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे कार्यवाही के निर्देश
इस घटना को लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इस हिंसा में शामिल आरोपितों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा था कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्य प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए राज्य सरकार क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर रही है।
मध्यप्रदेश में हमने लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक पारित किया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 11, 2022
खरगोन के दंगाइयों को दण्डित तो किया ही जाएगा साथ ही नुकसान की वसूली भी उनसे की जाएगी।
राज्य सरकार इस हेतु क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर रही है।
वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा था, “खरगोन के गुनहगारों से सख्ती से निबटा जाएगा। वहाँ जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को पत्थर का ढेर बनाएँगे। मध्य प्रदेश में कानून का राज है और सांप्रदायिक सौहार्द को किसी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। वहाँ पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल मौजूद हैं। फिलहाल शांति है। दंगाइयों को लगातार चिन्हित किया जा रहा है। 77 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कर्फ्यू अभी भी लगा हुआ है।”
#khargone के गुनहगारों से सख्ती से निबटा जायेगा। वहां जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को पत्थर का ढ़ेर बनाएंगे।#MadhyaPradesh में कानून का राज है और सांप्रदायिक सौहार्द को किसी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।@mohdept pic.twitter.com/q3pLeDqWni
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) April 11, 2022
क्या है पूरा मामला?
10 अप्रैल को, खरगोन के तालाब चौक इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा के दौरान छह पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हो गए। यहाँ तक कि SP सिद्धार्थ चौधरी को भी गोली लग गई। हमले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना अचानक नहीं घटी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे। एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। शाम की हिंसा के बाद रात के 12 बजे फिर से हिंसा भड़की थी।