Tuesday, May 7, 2024
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गुजरात हिंसा में विदेशी फंडिंग, पहले से ही रच ली गई थी साजिश: ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे जुताई थे: गिरफ्तार मौलवियों से पूछताछ में खुलासा

रामनवमी के जुलूस पर पथराव और हिंसा की घटनाएँ पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे कई राज्यों से भी सामने आई हैं। भारत में 'उदारवादियों' ने यह दावा करके हिंसा को सही ठहराने की कोशिश की है कि 'मुस्लिम क्षेत्रों' में श्रीराम की जय-जयकार वाले संगीत और नारे लगाकर मुस्लिमों को उत्तेजित किया गया।

गुजरात (Gujrat) के हिम्मतनगर रामनवमी हिंसा (Ram Navami Violence) मामले में चल रही जाँच के बीच खंभात हिंसा की जाँच में चौंकाने वाली खबरें सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि इस हिंसा में कम-से-कम तीन मौलवी शामिल हैं और इन्होंने राज्य के अलग-अलग इलाके के लोगों को खंभात में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए बुलाया था।

गुजराती समाचार चैनल वीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसमें शामिल लोगों को इन मौलवियों ने शहर के बाहर से बुलवाया था।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस हिंसा की साजिश को पहले से ही शातिराना ढंग से रचा गया था और शोभा यात्रा से एक दिन पहले इसमें शामिल लोगों को इलाके की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए बाहर से बुलाया गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शोभा यात्रा के दौरान पहले पथराव किया गया और फिर दुकानों में आग लगा दी गई। खंभात हिंसा में गिरफ्तार तीनों मौलवियों से पूछताछ में पता चला है कि शोभा यात्रा में बवाल करने के लिए इन लोगों ने पहले की योजना बना ली थी। हिंसा को अंजाम देने के लिए मौलवियों ने भरूच और अहमदाबाद से लोगों को खंभात बुलाया था और उनके यहाँ रहने-खाने की व्यवस्था की थी। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि इसके लिए देश के बाहर से फंडिंग भी की गई थी।

न्यूज 18 गुजराती ब्यूरो के प्रमुख जनक दवे की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी रजाक अयूब, हुसैन हशमाशा दीवान भीड़ को पथराव करने के लिए उकसाने में शामिल थे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए हैं।

दवे की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस दिन शोभा यात्रा की अनुमति मिली थी, उसी दिन पथराव और हिंसा की योजना बनाई गई थी। शोभा यात्रा रविवार को थी और आरोपितों ने बाहरी लोगों को शनिवार को ही खंभात बुला लिया था। जिन लोगों को पथराव और हिंसा के लिए बुलाया गया था, उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें कुछ नहीं होगा और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।

आरोपितों ने शोभा यात्रा से पहले भारी मात्रा ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे जैसे अन्य हथियार इकट्ठा कर लिए थे। अगले दिन रविवार को जब शोभा यात्रा निकली और मस्जिद से गुजरने लगी, इसी दौरान यात्रा में शामिल लोगों पर पथराव शुरू हो गया। अचानक हुए इस हमले में कई लोग घायल हो गए।

कई रिपोर्ट में यह बता भी सामने आई है कि कथित पुलिस अत्याचारों से लड़ने के नाम पर लोगों से चंदा वसूले कर धन इकट्ठा किए गए। वहीं, धन के विभिन्न स्रोतों की भी जाँच की जा रही है।

रामनवमी पर हिंसा

रामनवमी पर आनंद जिले के खंभात क्षेत्र में हिंदुओं द्वारा प्रभु राम के जन्मदिन पर शोभा यात्रा निकाली गई थी। जब शोभा यात्रा एक मस्जिद के पास से गुजरी तो जुलूस पर पथराव कर दिया गया। इस दौरान उपद्रवियों ने लगभग 7-8 दुकानों में आग भी लगा दी। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। ऐसी ही घटना को राज्य के हिम्मतनगर में भी अंजाम दिया गया। वहाँ रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया।

रामनवमी के जुलूस पर पथराव और हिंसा की घटनाएँ पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे कई राज्यों से भी सामने आई हैं। भारत में ‘उदारवादियों’ ने यह दावा करके हिंसा को सही ठहराने की कोशिश की है कि ‘मुस्लिम क्षेत्रों’ में श्रीराम की जय-जयकार वाले संगीत और नारे लगाकर मुस्लिमों को उत्तेजित किया गया। इस्लाम में मूर्ति पूजा को सबसे बड़ा पाप माना गया है। यहाँ पढ़ें पथराव के बारे में कुरान क्या कहता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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