Monday, November 25, 2024
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’24 जून से अग्निपथ के खिलाफ देश भर में सड़क पर उतरेंगे किसान’: राकेश टिकैत ने शुरू की तैयारी, कहा – सरकार पर यकीन नहीं

टिकैत ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आखिर बेरोजगारों को किस तरह की नियुक्ति दी जाएगी? उन्होंने सभी किसान नेता और संगठनों से मिलकर इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है।

केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच मंगलवार (21 जून 2022) को हिमाचल प्रदेश के गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुँचे भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया। टिकैत ने कहा, “इस योजना के विरोध में आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी तैयारी 24 जून से शुरू होगी। केंद्र सरकार रोजाना अपना स्टैंड बदलती है। सुबह कुछ और शाम को कुछ कहती है। अग्निपथ पर भी सरकार का यही हाल है। इसलिए हम उसकी किसी भी बात पर यकीन नहीं कर सकते हैं।”

टिकैत ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आखिर बेरोजगारों को किस तरह की नियुक्ति दी जाएगी? उन्होंने सभी किसान नेता और संगठनों से मिलकर इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। सोमवार (20 जून 2022) को भी राकेश टिकैत ने हरियाणा के करनाल में कहा था कि 24 जून को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) देश भर के जिला मुख्यालयों पर ‘अग्निपथ योजना‘ का विरोध करेगा।

इससे पहले कथित किसान नेता राकेश टिकैत ने 18 जून को उत्तराखंड के हरिद्वार में आक्रोश रैली निकाली थी। इस दौरान टिकैत ने सरकार पर युवाओं के साथ भद्दा मजाक करने का आरोप लगाया था। टिकैत के पैदल मार्च में किसानों के साथ भारी संख्या में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे।

मार्च के दौरान बीकेयू नेता ने सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की माँग करते हुए नारेबाजी की थी। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में चल रहे किसान महाकुंभ का शनिवार (18 जून 2022) को तीसरा दिन था। इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा था कि 30 जून को भारतीय किसान यूनियन देश भर के राज्यों के जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी।

गौरतलब है कि ​हरिद्वार में प्रदर्शन के दौरान राकेश टिकैत समेत बीकेयू के सभी कार्यकर्ता बाँह पर काली पट्टी बाँधे लालकोठी से वीआईपी घाट पहुँचे और फिर वहाँ से सीसीआर होते हुए रोड़ी बेलवाला मैदान गए थे। किसान नेताओं का कहना था कि या तो केंद्र सरकार इस योजना को वापस ले या फिर इस पर अपना स्पष्टीकरण दे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ये नियम बनाना चाहिए कि 18 साल के युवाओं को मिलिट्री की ट्रेनिंग दी जाए, न कि 4 साल की नौकरी के बाद बेरोजगार कर दिया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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