Saturday, November 23, 2024
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यूपी पुलिस के खिलाफ AltNews वाला मोहम्मद जुबैर पहुँचा सुप्रीम कोर्ट, 12 जुलाई को याचिका पर सुनवाई: 3 हिन्दू संतों पर की थी घृणा भरी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट की डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की बेंच मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को प्रोपगेंडा वेबसाइट AltNews के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट की डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की बेंच मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को प्रोपगेंडा वेबसाइट AltNews के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) की याचिका पर सुनवाई करेगी। लाइव लॉ के मुताबिक, अपने ट्वीट में तीन हिंदू संतों (यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप) को कथित तौर पर ‘घृणा फैलाने वाले’ कहने के मामले में जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर को जुबैर ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

वहीं, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी के बेंच ने ज़ुबैर को सीतापुर मामले में शर्तों के साथ पाँच दिन की जमानत दी थी। इस दौरान ज़ुबैर को ट्वीट करने और दिल्ली छोड़ने पर पाबंदी लगाई गई थी। हालाँकि, जुबैर ने अदालत में कहा था कि उसकी जान को खतरा है। उसे इंटरनेट पर जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। उसने यूपी पुलिस द्वारा दायर एफआईआर को रद्द करने की भी माँग की थी। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रिट पिटिशन को 13 जून को खारिज कर दिया था।

बता दें कि जुबैर के खिलाफ IPC की धारा 295A (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और IT एक्ट की धारा-67 के तहत केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जुबैर को 27 जून को एक ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया था। 4 दिन की पुलिस कस्टडी खत्म होने के बाद कोर्ट में उसकी पेशी हुई तो सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने तमाम तरह के आरोप जुबैर पर लगाए। इन आरोपों में विदेशी फंड लेने के साथ-साथ सबूतों को मिटाने का भी इल्जाम लगा था।

एपीपी श्रीवास्तव ने कहा था कि मोहम्मद जुबैर को विदेश में रहने वाले लोगों से पैसे आए। उन्होंने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान, सीरिया से आने वाली पेमेंट को Razor गेटवे से स्वीकार किया गया। अब पुलिस को इसी मामले में आगे की जाँच करनी है, क्योंकि जुबैर को बचाने के लिए उनकी वकील की ओर से दिया गया बयान और ऑल्ट न्यूज की वेबसाइट पर हो रखा दावा एक दूसरे से भिन्न हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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