झारखंड की स्थिति का अंदाजा वहाँ के सरकारी स्कूलों की हालत से लगाया जा सकता है। मुस्लिम बहुल इलाके में रविवार की जगह स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी होने लगी और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। कई सरकारी स्कूलों के नाम में उर्दू तक जोड़ दिए गए। जब चीजें मीडिया में सामने आई तो प्रशासन हरकत में आया। बावजूद कई जगहों पर प्रशासन के आदेश को स्थानीय मुस्लिम मानने को तैयार नहीं दिख रहे।
शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद पलामू जिले में शुक्रवार को मुस्लिमों ने जबरदस्ती 5 सरकारी स्कूलों को बंद करवा दिया। समझाने के बाद भी वे नहीं माने और स्कूल में ताला जड़ दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, ये स्कूल पलामू के नवाबाजार और विश्रामपुर में हैं। शुक्रवार (29 जुलाई 2022) को जब स्कूल खुले तो मुस्लिम समुदाय के लोग विश्रामपुर के चार स्कूलों में पहुँच गए और जबरन बंद करवा दिया। स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के आदेश का हवाला दिया। उच्चाधिकारियों से बात करवाई। फिर भी स्थानीय मुस्लिम समुदाय नहीं माने।
इसी तरह से नावाबाजार में भी एक स्कूल को बंद करवा दिया गया। डिहरिया में तो मुस्लिमों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर ही ताला जड़ दिया और शिक्षकों को स्कूल के बाहर ही रोक दिया। बताया जाता है कि ये इलाके मुस्लिम बहुल हैं। यहाँ के मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि वे शुक्रवार को स्कूल को नहीं खोलने दिया जाएगा। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मणि कुमार पांडेय ने कुछ स्कूलों को जबरन बंद करवाने की बात स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया है कि स्कूलों में रविवार को ही छुट्टी रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक पलामू जिले में 20 उर्दू विद्यालय हैं। लेकिन इनके अलावा गुपचुप तरीके से 49 अन्य स्कूलों में भी उर्दू जोड़कर शुक्रवार को छुट्टी शुरू कर दी गई थी। मीडिया में यह खबर सामने आने के बाद पलामू के जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण इन स्कूलों के नाम से उर्दू हटाने और इन्हें शुक्रवार को खोलने का आदेश जारी किया था।