Tuesday, November 26, 2024
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‘उधर आपदा से निपट रहा था गुजरात, इधर शुरू था साजिशों का दौर’: PM मोदी ने कच्छ को दी ₹4400 करोड़ की सौगात, 470 एकड़ में ‘स्मृति वन’

"तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, साधारण सा कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊँगा। लेकिन, मैंने ये तय किया कि मैं यहाँ आप सबके बीच में रहूँगा।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 अगस्त, 2022) को गुजरात के कच्छ में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने भुज में ‘स्मृति वन’ का भी उद्घाटन किया। 4400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के शुभारंभ के साथ-साथ उन्होंने 3 किलोमीटर का रोडशो भी किया। 2001 में आए भूकंप के मृतकों की याद में 470 एकड़ में ‘स्मृति वन’ बनाया गया है। 948 गाँवों और 10 कस्बों को सिंचाई की सुविधा भी मिली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरहद डेयरी के एक नए स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग संयंत्र, भुज में एक क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, गांधीधाम में डॉ बाबासाहेब अंबेडकर कन्वेंशन सेंटर, अंजार में वीर बाल स्मारक और नखतराना में भुज 2 सबस्टेशन का भी उद्घाटन भी किया। सुजुकी के एक कार्यक्रम को भी उन्होंने सम्बोधित किया, जहाँ इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण पर जोर दिया गया। उन्होंने इस दौरान जनसभा को भी सम्बोधित किया।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है, क्योंकि भुजियो डूंगर में स्मृतिवन मेमोरियल, अंजार में वीर बाल स्मारक का लोकार्पण कच्छ की, गुजरात की, पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं लगा, बल्कि कितने ही परिवारों के आँसुओं ने इसके ईंट-पत्थरों को सींचा है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें याद है, भूकंप जब आया था तो उसके दूसरे दिन ही वो यहाँ पहुँच गए थे।

उन्होंने याद किया, “तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, साधारण सा कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊँगा। लेकिन, मैंने ये तय किया कि मैं यहाँ आप सबके बीच में रहूँगा। कच्छ की एक विशेषता तो हमेशा से रही है, जिसकी चर्चा मैं अक्सर करता हूँ। यहाँ रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति एक सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उसको वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है। कच्छ के इन्हीं संस्कारों ने हर आशंका, हर आकलन को गलत सिद्ध किया। ऐसा कहने वाले बहुत थे कि अब कच्छ कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। लेकिन आज कच्छ के लोगों ने यहाँ की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं, वो अकल्पनीय हैं। उन्होंने बताया कि कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है। पीएम ने याद किया कि एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे और प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था, कि साजिशों का दौर शुरू हो गया।

पीएम मोदी ने कहा कि देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहाँ निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं। उन्होंने बताया कि कैसे ऐसी स्थिति में भी एक तरफ गुजरात देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाने वाला पहला राज्य बना और इसी एक्ट की प्रेरणा से पूरे देश के लिए भी ऐसा ही कानून बना। पीएम मोदी ने कहा कि देश में आज जो ग्रीन हाउस अभियान चल रहा है, उसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि जब गुजरात, दुनिया भर में ग्रीन हाउस कैपिटल के रूप में अपनी पहचान बनाएगा, तो उसमें कच्छ का बहुत बड़ा योगदान होगा।

पीएम मोदी ने कच्छ की जनता से आगे कहा, “हमारे कच्छ में क्या नहीं है। नगर निर्माण को लेकर हमारी विशेषज्ञता धौलावीरा में दिखती है। पिछले वर्ष ही धौलावीरा को वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिया गया है। धौलावीरा की एक-एक ईंट हमारे पूर्वजों के कौशल, उनके ज्ञान-विज्ञान को दर्शाती है। कच्छ का विकास, सबका प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है। कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि ये एक स्पिरिट है, एक जीती-जागती भावना है। ये वो भावना है, जो हमें आज़ादी के अमृतकाल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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