दिल्ली पुलिस ने साल 2020 में हुए राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के मुख्य आरोपितों में से एक मोहम्मद वसीम उर्फ बबलू उर्फ सलमान को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम उसकी तलाश में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ गई थी। वहाँ वह एक ताला बनाने वाले कारखाने में काम करता था। मोहम्मद वसीम पर दिल्ली दंगों के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या का आरोप है। दंगों के बाद ही वह फरार हो गया था।
The Crime Branch of the #DelhiPolice has arrested an absconding accused from #Aligarh who was involved in the murder of Head Constable Ratan Lal during the 2020 riots in north east Delhi.@CrimeBrDelhi pic.twitter.com/T8uXL74BLm
— IANS (@ians_india) October 3, 2022
दरअसल, फरवरी 2022 में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली में दंगे हुए थे। इस दौरान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा और यमुना विहार जैसे इलाकों में मुस्लिम भीड़ ने हिंसा की थी। इस दौरान हुई हिंसा में कई कट्टरपंथियों ने मिलकर हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हिंसा में भीड़ ने डीसीपी अमित शर्मा और गोकल पुरी के तत्कालीन एसीपी अनुज कुमार समेत कई पुलिसकर्मियों पर भी जानलेवा हमला किया था।
दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोप में दिल्ली हिंसा की जाँच के लिए गठित की एसआईटी ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में पुलिस ने 17 लोगों को आरोपित बनाया था। इस मामले में पुलिस के पास करीब 50 से ज्यादा गवाहों की सूची भी है, जिसकी चर्चा चार्जशीट में की गई थी। चूँकि अब वसीम की भी गिरफ्तारी हो गई है, इसलिए पुलिस नए तरीके से चार्जशीट बनाने पर विचार कर रही है।
इस मामले में क्राइम ब्रांच कमिश्नर रवींद्र यादव का कहना है कि मोहम्मद वसीम को हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या करने के मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था। फिलहाल आरोपित से पूछताछ की जा रही है। वसीम के नए बयान भी रिकॉर्ड किए जाएँगे। इन बयानों के आधार पर ही अब चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की जा रही है। फिलहाल, यह यह भी जाँच की जा रही है कि दिल्ली दंगों के दौरान या उससे पहले वह देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त या ऐसे लोगों के संपर्क में था या नहीं।
गिरफ्तारी के बाद आरोपित मोहम्मद वसीम ने पूछताछ में पुलिस से कहा है कि फरवरी 2020 में वह कई असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ गया था। घटना (हिंसा) वाले दिन उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कांच की बोतलों में थिनर भरकर एक घर की छत पर रख दिया था। इसके बाद इन बोतलों को दंगों के दौरान पुलिस अधिकारियों पर फेंका गया था। घटना के बाद उसने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया था और पिछले दो वर्षों से अपने रिश्तेदारों के संपर्क में भी नहीं था