Sunday, December 22, 2024
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उद्धव ठाकरे की नई पार्टी को मिला मशाल चुनाव चिह्न, नाम – ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’: एकनाथ शिंदे की पार्टी को भी मिला नया नाम

चूँकि गदा और त्रिशूल ही हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक हैं, इसलिए ये चिह्न उन्हें नहीं दिए गए। उगते सूरज को इसलिए खारिज किया गया है क्योंकि यह पहले से ही 'द्रविड़ मुनेत्र कड़गम' का चुनाव चिह्न है।

महाराष्ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार (10 अक्टूबर, 2022) को उद्धव ठाकरे गुट को अंधेरी पूर्व सीट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ने के लिए मशाल चुनाव चिह्न दिया है। हालाँकि, चुनाव आयोग ने यह कहते हुए एकनाथ शिंदे गुट को कोई भी चुनाव चिह्न नहीं दिया कि धार्मिक प्रतीकों को चुनाव चिह्न नहीं बनाया जा सकता।

दरअसल, उद्धव गुट ने अंधेरी पूर्व सीट पर विधानसभा उपचुनाव के लिए मशाल, त्रिशूल और उगता हुआ सूरज इन तीन चिह्नों के विकल्प चुनाव आयोग के सामने रखे थे। वहीं शिंदे गुट ने गदा, उगता हुआ सूरज और त्रिशूल का विकल्प दिया था।

चूँकि गदा और त्रिशूल ही हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक हैं, इसलिए ये चिह्न उन्हें नहीं दिए गए। उगते सूरज को इसलिए खारिज किया गया है क्योंकि यह पहले से ही ‘द्रविड़ मुनेत्र कड़गम’ का चुनाव चिह्न है। ऐसे में, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के तीनों विकल्पों को खारिज कर दिया है। चूँकि शिंदे गुट के तीनों विकल्प खारिज कर दिए गए हैं, इसलिए अब चुनाव आयोग ने इस गुट को मंगलवार (11 अक्टूबर, 2022) सुबह 10 बजे तक तीन चिह्नों की एक नई सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

उद्धव गुट को चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ दिया है। वहीं, शिंदे गुट की पार्टी का नाम ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ होगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि पार्टी के नाम को लेकर शिंदे गुट की जो पहली प्राथमिकता थी, वही विरोधी गुट ने भी पहली प्राथमिकता में रखी थी। ऐसे में दोनों ही गुटों को वह नाम नहीं दिया गया है।

उपचुनाव के लिए चुनाव चिह्नों और पार्टी का नाम मिलने पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा है उनका गुट मशाल चिह्न और पार्टी के नाम के साथ खुश है। उन्होंने शिंदे गुट पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिंदे गुट उनके चिह्नों और नामों की नकल कर रहा है।

ठाकरे गुट के एक अन्य करीबी भास्कर जाधव ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उद्धव, बालासाहेब और ठाकरे के लिए जो तीन नाम हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं, उन्हें नए नाम में रखा गया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आगामी 3 नवंबर को अंधेरी पूर्व सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है। यह उपचुनाव एक तरीके से दोनों ही गुटों की शक्ति परीक्षण के जैसा होगा। यह सीट शिवसेना विधायक रिमेश लातके के निधन के बात खाली हो गई थी थी। इस सीट से शिवसेना दिवंगत विधायक रिमेश तालके की पत्नी रितुजा तालके को टिकट दिया है। वहीं शिंदे गुट और भाजपा साल 2019 के चुनाव में इस सीट से हारे हुए प्रत्याशी मुरजी पटेल को उतारने की योजना में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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