सत्ता में रहने के दौरान कॉन्ग्रेस (Congress) की अलग नीति होती है और विपक्ष के रूप में अलग। अगर चुनाव का मौसम हो और वादे ही करने हो तो कॉन्ग्रेस ऐसे-ऐसे वादे करती है, जिसे सत्ता में आने के बाद वह खुद तोड़ देती है। चाहे वह किसानों की कर्ज माफी का वादा हो या संविदा पर युवाओं की बहाली का विरोध, कॉन्ग्रेस दोनों ही मोर्चे पर बेनकाब हुई है।
दरअसल, कॉन्ग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि गुजरात में सत्ता में वापसी करने पर कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बंद करने का वादा किया है। वहीं, राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार ने महात्मा गाँधी अँग्रेजी मीडियम स्कूलों में 10,000 शिक्षकों की संविदा पर भर्ती का आदेश जारी किया है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि कॉन्ग्रेस की कथनी करनी में अंतर दिख रहा है। पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी ने यूपी में संविदा पर युवकों की भर्ती को उनका अपमान बताकर भाजपा सरकार की आलोचना की थी। उसके कुछ समय बाद राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार ने कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती संविदा पर करने का ऐलान किया था।
दरअसल, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार (3 अक्टूबर 2022) को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के ‘8 संकल्प’ का ऐलान करते हुए ट्वीट किया। इन संकल्पों के बारे में बताते हुए उन्होंने दो ट्वीट किए। इसमें एक संकल्प ‘सरकारी नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बंद करना और ₹300 बेरोजगारी भत्ता देना’ भी है।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “₹500 में LPG सिलेंडर, 300 यूनिट तक बिजली फ्री, ₹10 लाख तक का इलाज व दवाइयाँ मुफ्त, किसानों का ₹3 लाख तक कर्ज माफ, सरकारी नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बंद और ₹300 बेरोजगारी भत्ता, 3 हजार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल, को-ऑपरेटिव सोसायटी में दूध पर ₹5/लीटर सब्सिडी, कोरोना से जान गंवाने वाले 3 लाख लोगों के परिवार को ₹4 लाख मुआवजा।”
5⃣ सरकारी नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बंद और ₹300 बेरोजगारी भत्ता
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 3, 2022
6⃣ 3 हजार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल
7⃣ को-ऑपरेटिव सोसायटी में दूध पर ₹5/लीटर सब्सिडी
8⃣ कोरोना से जान गंवाने वाले 3 लाख लोगों के परिवार को ₹4 लाख मुआवजा
પરિવર્તન આવશે, ગુજરાતના નાગરિકોના જીવન ખુશહાલ બનશે
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष खड़गे के ट्वीट के ठीक एक दिन पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने महात्मा गाँधी अँग्रेजी मीडियम स्कूलों में अलग से 10,000 शिक्षकों को संविदा पर भर्ती करने का ऐलान किया। प्रदेश में अँग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने इन स्कूलों को खोला है।
राजस्थान सरकार ने संविदा पर कर्मियों की भर्ती के लिए बकायदा इस साल एक नीति बनाई है। इसे ‘संविदा भर्ती नियम 2022’ के नियम से जाना जाता है। संविदा पर इन शिक्षकों की भर्ती इसी नियम के तहत किया जाएगा। राजस्थान सरकार की इस नीति का खूब विरोध हो रहा है।
दरअसल, 13 दिसंबर 2020 को प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर उत्तर सरकार को संविदाकर्मियों की भर्ती पर घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था, “युवा नौकरी की माँग करते हैं और यूपी सरकार भर्तियों को 5 साल के लिए संविदा पर रखने का प्रस्ताव ला देती है। ये जले पर नमक छिड़कर युवाओं को चुनौती दी जा रही है। गुजरात में यही फिक्स पे सिस्टम है। वर्षों सैलरी नहीं बढ़ती, परमानेंट नहीं करते। युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे।”
पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी संविदा पर भर्ती को युवाओं के सम्मान से खिलवाड़ बता रही थीं, उसके ठीक एक साल बाद राजस्थान सरकार ने कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती निकाल कर प्रियंका गाँधी के बयान का माखौल उड़ा दिया। अब अंग्रेजी शिक्षकों की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती निकाली गई है। इधर, पार्टी अध्यक्ष संविदा पर भर्ती को खत्म करने की बात कर रहे हैं।