भारतीय वायुसेना ने गुरुवार (29 दिसंबर 2022) को ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई-30MKI फाइटर प्लेन से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल हवा से शिप पर हमला का वैरिएंट है। इस मिसाइल से 400 किलोमीटर के दायरे में किसी भी युद्धपोत को बर्बाद कर डुबोया जा सकता है।
इस टेस्टिंग के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई लड़ाकू विमान से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के लक्ष्य को साधने की क्षमता हासिल कर ली है। इसके साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल की इस संस्करण से सुखोई लड़ाकू विमान की भी मारक क्षमता बढ़ गई है।
Correction | Indian Air Force today* successfully fired the Extended Range Version of Brahmos Air Launched missile against a Ship Target from a SU-30MKI aircraft. The missile achieved the desired mission objectives in the Bay of Bengal region. pic.twitter.com/4XThrh50Qi
— ANI (@ANI) December 29, 2022
IAF ने ट्वीट किया, “बंगाल की खाड़ी में एक Su-30 MKI विमान से एक जहाज के लक्ष्य के खिलाफ एक सटीक हमला करते हुए, मिसाइल ने वांछित मिशन उद्देश्यों को प्राप्त किया।” परीक्षण के दौरान भारतीय वायुसेना के साथ रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO), भारतीय नौसेना, ब्रह्मोस एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स भी शामिल थे।
इससे पहले 30 नवंबर 2022 को भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया था। सेना की पश्चिमी कमान ने मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का परीक्षण किया था।
Indian Air Force today successfully fired the Extended Range Version of Brahmos Air Launched missile against a Ship Target from a SU-30MKI aircraft. pic.twitter.com/n3jG97xQwK
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) December 29, 2022
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है। इसके साथ ही यह चलते-फिरते लक्ष्य को भी ध्वस्त कर सकता है। यह मिसाइल दुश्मन के राडार को धोखा देने में सक्षम है। इतना ही नहीं, यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकता है। इसे मार गिराना लगभग असंभव कहा जाता है।
बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का एक संयुक्त उद्यम है, जो भारत में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है। इस मिसाइल को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। एक ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना गति से यात्रा करती है।
ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण भारत द्वारा ओडिशा के एपीजे अब्दुल कमल द्वीप से परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षण के कुछ दिनों बाद आया है। अग्नि-5 मिसाइल 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। इसके साथ ही यह एक साथ 10 लक्ष्यों पर हमले कर सकती है।
दरअसल, खतरे को देखते हुए भारत सरकार अपनी मिसाइलों के रेंज को बढ़ा रही है। भारतीय वायुसेना सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात कर रही हैं। इन्हें आगे मिग, तेजस और राफेल आदि फाइटर जेट्स में भी लगाने की योजना है। इसके अलावा पनडुब्बियों पर तैनात करने के लिए भी इसके नए संस्करण पर काम जारी है।