सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने फेक न्यूज़ फैलाने वाले 6 यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया है। पीआईबी के ट्विटर अकाउंट से इससे संबंधित 100 से ज्यादा फैक्ट चेक वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब से इन 6 चैनलों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक फर्जी खबरें फैलाने वाले चैनलों के 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे और उनके वीडियो 51 करोड़ से अधिक बार देखे गए हैं। पीआईबी ने जिन 6 यूट्यूब चैनलों की फैक्ट चेकिंग की उनमें नेशनल टीवी, संवाद टीवी, सरोकार टीवी, नेशन 24, स्वर्णिम भारत और संवाद समाचार शामिल हैं। संवाद टीवी के सबसे ज्यादा लगभग 11 लाख सब्सक्राइबर्स थे।
‘Swarnim Bharat’ नामक #YouTube चैनल के एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री @nitin_gadkari ने अपनी पार्टी छोड़ दी है।#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 12, 2023
▶️वीडियो में किया जा रहा दावा #फ़र्ज़ी है pic.twitter.com/CjQcqXG8p8
इन यूट्यूब चैनलों ने चुनाव, भारत के सर्वोच्च न्यायालय, भारत की संसद में कार्यवाही और भारत सरकार के कामकाज को लेकर फर्जी खबरें फैलाईं। भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारियों को लेकर भ्रामक खबरें फैलाई गई।
‘Nation Tv’ नामक #Youtube चैनल द्वारा एक वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री, स्मृति ईरानी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 12, 2023
#PIBFactCheck
▶️ यह दावा फ़र्ज़ी है।
▶️ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। pic.twitter.com/M1BW0ydpRw
पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट की तरफ से जानकारी दी गई कि ये चैनल दर्शकों को गुमराह करने के लिए टीवी समाचार चैनलों और उनके एंकर्स की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि यह यकीन दिलाया जाए कि उनके द्वारा दी जा रही जानकारी सही है। बताया गया कि ये चैनल अपने वीडियो में विज्ञापन दिखाते और यूट्यूब पर भ्रामक खबरें दिखा कर पैसे भी कमा रहे हैं।
A video of #YouTube channel ‘Samvaad Tv’ claimed that the Union Home Minister, @AmitShah has resigned.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 12, 2023
#PIBFactcheck
▶️ This claim is #Fake.
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📲 8799711259
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दरअसल इस तरह के चैनलों पर जानबूझकर भ्रामक, झूठी और सनसनीखेज खबरें अपलोड की जाती हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन फर्जी खबरों को देखें। अधिक व्यू होने से विज्ञापन और यूट्यूब के जरिए इन्हें धन प्राप्त होता है। इसके पहले भी दिसंबर 2022 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी विभाग की फैक्ट चेक यूनिट ने तीन चैनलों को फर्जी और भ्रामक ख़बरें फैलाने वाला करार दे कर इनपर बैन लगा दिया था। वर्ष 2023 में फर्जी खबर फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों पर यह पहली कार्रवाई है।