Saturday, September 21, 2024
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जंतर-मंतर पर पहलवान: कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण, गाली देने-थप्पड़ मारने के आरोप; बोलीं विनेश फोगट- पता नहीं जिंदा रहूँगी या नहीं

"हम यहाँ तब तक रहेंगे जब तक बृजभूषण सिंह को पद से नहीं हटाया जाता। उनके पद से हटने तक हम किसी टूर्नामेंट में हिस्सा भी नहीं लेंगे। वह हर दिन मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। हमें छोटी-छोटी बातों के लिए भीख माँगना पड़ता है।"

दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत के पदकवीर पहलवानों ने धरना दिया। वे भारतीय कुश्ती फेडरेशन की मनमानी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धरने पर बैठे पहलवानों में ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक भी शामिल हैं। पहलवानों ने फेडरेशन अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न, जान से मारने की धमकी जैसे आरोप लगाए हैं।

पुनिया ने कहा है, “बृजभूषण सिंह हमें गाली देते हैं। यहाँ के किसी भी खिलाड़ी को टाटा स्पोर्ट्स से कभी सपोर्ट नहीं मिला। प्राइवेट प्रमोटर केवल फेडरेशन से ही आ सकते हैं। युवा खिलाड़ी आते हैं और हमसे पूछते हैं कि कहाँ जाना है। कोई भी खिलाड़ी सवाल करता है तो उस पर बैन लगा दिया जाता है।” उन्होंने यह भी कहा है, “हमें जान से मारने की धमकियाँ दी गईं थीं। टोक्यो ओलंपिक के बाद मैंने प्रधानमंत्री जी को इस बारे में बताया था। बृजभूषण ने ओलंपिक के बाद मुझसे बात करने से इनकार कर दिया। मुझे बृजभूषण से सीधे कोई धमकी नहीं मिली, बल्कि उनके लोग धमकी देते हैं।”

इसको लेकर पूनिया ने ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, “फेडरेशन का काम खिलाड़ियों का साथ देना, उनकी खेल की जरूरतों का ध्यान रखना होता है। कोई समस्या हो तो उसका निदान करना होता है। लेकिन अगर फेडरेशन ही समस्या खड़ी करे तो क्या किया जाए? अब लड़ना पड़ेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे ।”

वहीं, साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा है, “खिलाड़ी पूरी मेहनत कर देश को मेडल दिलाता है। लेकिन फेडरेशन ने हमें नीचा दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया। मनचाहे क़ायदे-क़ानून लगाकर खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।”

विनेश फोगाट ने कहा है, “रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण और राष्ट्रीय शिविर में कुछ कोचों ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। मैंने आज खुले तौर पर यह कहा है। मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूँगी या नहीं। हमने कई बार स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। कैंप लखनऊ से दूर है। ऐसा सिर्फ वहीं क्यों होता है? क्योंकि उसके लिए महिला पहलवानों को शिकार बनाना आसान होता है।”

उन्होंने आगे कहा है, “वे हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं। वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था। टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद बृजभूषण सिंह ने मुझे खोटा सिक्का कहा। फेडरेशन ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। मैं हर दिन अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में सोचती थी। किसी पहलवान को कुछ होता है तो जिम्मेदारी बृजभूषण सिंह पर होगी।”

उन्होंने यह भी कहा है, “हम यहाँ तब तक रहेंगे जब तक बृजभूषण सिंह को पद से नहीं हटाया जाता। उनके पद से हटने तक हम किसी टूर्नामेंट में हिस्सा भी नहीं लेंगे। वह हर दिन मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। हमें छोटी-छोटी बातों के लिए भीख माँगना पड़ता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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