चीन ने भारत और जापान सहित कई देशों को निशाना बनाते हुए जासूसी गुब्बारों को हवा में छोड़ा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ दिन पहले चीन के जासूसी गुब्बारे देश के संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर उड़ रहे थे। शनिवार (4 फरवरी 2023) को अमेरिका की सेना ने अटलांटिक महासागर के ऊपर दक्षिण कैरोलिना के तट के ऊपर उड़ रहे इन गुब्बारों को मिसाइल के जरिए नष्ट कर दिया था।
अमेरिका की उप-विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने सोमवार (6 फरवरी 2023) को करीब 40 दूतावासों के अधिकारियों को इस जानकारी से अवगत कराया। इस जानकारी को भारत समेत अन्य सभी सहयोगी और मित्र देशों के साथ साझा किया गया।
First video of the downed Chinese Spy Balloon!! #ChineseSpyBalloon #ChinaSpyBalloon #Balloon #spyballoon pic.twitter.com/hvCjOywj5w
— James Bennett 🇺🇲 (@Sire_Bennett) February 4, 2023
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने मंगलवार (7 फरवरी 2023) को दावा करते हुए कहा कि चीन ने गुब्बारे के जरिए निगरानी अभियान के तहत जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपीन समेत कई देशों की सैन्य संपत्तियों संबंधी जानकारी एकत्रित की। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की यह रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों के साक्षात्कार पर आधारित है।
अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वायु सेना द्वारा संचालित इन जासूसी करने वालों गुब्बारों को पाँच महाद्वीपों में देखा गया है। हाल के वर्षों में फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार गुब्बारे देखे गए हैं, जो पिछले हफ्ते नष्ट किए गए गुब्बारों के अलावा हैं।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, “ये गुब्बारे पीआरसी (People’s Republic of China) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिन्हें निगरानी अभियान चलाने के लिए विकसित किया गया है। इसके जरिए इन्होंने अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।”
कहा जा रहा है कि अमेरिकी में डोनल्ड ट्रंप के शासन के दौरान चार में से तीन घटनाएँ हुई थीं, लेकिन इनकी पहचान चीनी निगरानी एयरशिप के रूप में हाल ही में की गई। इस संबंध में अमेरिकी रक्षा संस्थान ने गुब्बारे की तस्वीरें जारी की थी।
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना ने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के निर्देश के बाद एफ-22 फाइटर जेट से मिसाइल दागकर कैरोलिना तट के पास चीन के जासूसी गुब्बारे को गिरा दिया था। इस जासूसी बैलून को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में खटास आ गई है। बाइडेन पाँच दिन पहले ही इस काम को करना चाहते थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी थी कि इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब होगा, जब यह पानी के ऊपर आ जाए।