Sunday, November 17, 2024
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बाबा का धाम और शिवरात्रि पर 144 का पहरा: देवघर में शिव बारात रूट पर विवाद; हाई कोर्ट पहुँचे बीजेपी MP, कहा- एंटी हिंदू है हेमंत सोरेन सरकार

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर में महाशिवरात्रि पर धारा 144 लगाने और शिव बारात के रूट में बदलाव के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

झारखंड का देवघर हिंदू आस्था का बड़ा केंद्र है। लेकिन इस बार 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि के​ दिन शहर के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू करने का आदेश प्रशासन ने जारी किया है। साथ ही इस मौके पर निकलने वाली शिव बारात के रूट में भी मनमाने तरीके से बदलाव का आरोप प्रशासन पर है।

इसको लेकर बीजेपी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को घेरते हुए उस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने धारा 144 और शिव बारात के रूट में बदलाव के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर शुक्रवार (17 फरवरी 2023) को सुनवाई होगी। देवघर गोड्डा संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा है।

दुबे ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि शिवरात्रि के अवसर पर शिव की बारात निकालने के लिए वर्ष 1994 एक समिति बनाई गई थी। समिति की तरफ से ही बारात के लिए रूट निर्धारित किया जाता रहा है। इस साल समिति ने जो मार्ग निर्धारित किया था, उसमें प्रशासन ने मनमाने ढंग से बदलाव कर दिया है। प्रशासन जिस मार्ग से बारात निकालने की इजाजत दे रहा है, वह रास्ता संकरा है।

निशिकांत दुबे ने याचिका में शहर में लगाए गए धारा 144 पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शहर में धारा 144 लगाए जाने का कारण अस्पष्ट है। टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए दुबे ने कहा कि शिवरात्रि के दिन भक्त जमा होंगे। बारात देखने के लिए भीड़ जमा होगी। ऐसे में धारा 144 लगाया जाना प्रशासन का तानाशाही पूर्ण रवैया है। दुबे ने कहा कि शिव की नगरी में शिव बारात नहीं निकलेगी तो कहाँ निकलेगी। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार एंटी हिंदू सरकार है।

भाजपा नेता और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी देवघर और पलामू की घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार एक बार फिर हिंदू आस्था को निशाना बना सस्ती राजनीतिक रोटियाँ सेंकने का प्रयास हो रहा है। देवघर में राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित फरमान के बाद इसका साइड इफेक्ट्स पलामू के पांकी में देखने को मिल रहा है।

मरांडी ने लिखा है, “पलामू में शिवरात्रि का तोरण द्वार लगाने से रोका गया। हिंदुओं और पुलिसवालों को निशाना बनाकर हमला किया गया। कई पुलिसवाले घायल हैं। पूरा क्षेत्र अशांत है। अब क्या हिंदुओं को त्योहार मनाने और अपनी परंपराओं को निभाने के लिए भी अदालत की शरण में जाना पड़ेगा? मुख्यमंत्री जी जहर की खेती करने वालों को पोषण देना बंद करिए।”

बता दें कि झारखंड के पलामू में महाशिवरात्रि की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं पर मस्जिद से पत्थरबाजी की गई। इसी के साथ कुछ वाहनों में आगजनी भी की गई। इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती है और धारा 144 लागू की गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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