अक्सर विवादों में रहने वाले बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) तीन दिवसीय फैज़ फेस्टिवल में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए हैं। इस शो में दुनिया भर के कई देशों के लोग शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में 60 से अधिक अलग-अलग शो आयोजित होंगे जिसमें चर्चा, डांस, नाटक आदि शामिल हैं।
भारत में अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जावेद अख्तर पाकिस्तान में अपनी एक किताब का विमोचन भी करेंगे। इसके साथ वो एक मुशायरे में भी हिस्सा लेंगे। शनिवार (18 फरवरी 2023) को पाकिस्तानी पत्रकार और वहाँ के क्रिकेट विशेषज्ञ फरीद खान ने जावेद अख्तर की लाहौर में मौजूदगी की फोटो शेयर की है।
फरीद खान के मुताबिक, जावेद अख्तर पाकिस्तान के फैज़ फेस्टिवल में 5 साल पहले भी शामिल हो चुके हैं। तस्वीर में जावेद कुछ अन्य लोगों के साथ दिखाई दे रहे हैं, जिनमें एक सिख व्यक्ति भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्यक्रम को पाकिस्तान का साहित्यिक सम्मेलन भी कहा जाता है।
जावेद अख्तर ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए वीसा का आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। जावेद अख्तर के साथ कुछ अन्य भारतीय भी लाहौर गए हैं। हालाँकि, उन अन्य लोगों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
Javed Akhtar in Lahore to attend the Faiz Festival after five years ❤️ pic.twitter.com/bXDj9dxT3h
— Farid Khan (@_FaridKhan) February 18, 2023
फैज़ फेस्टिवल की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। इसका आयोजन पाकिस्तान स्थित फैज़ फाउंडेशन ट्रस्ट अलहमरा आर्ट्स कौंसिल इन लाहौर के साथ साझीदारी में करता है। बता दें कि ये वही फैज अहमद हैं, जिन्होंने विवादास्पद ‘हम देखेंगे, लाजिम है हम भी देखेंगे…’ लिखा था।
उनके नज्म के बोल इस तरह हैं– “लाजिम है कि हम भी देखेंगे, जब अर्ज-ए-खुदा के काबे से, सब बुत उठाए जाएँगे, हम अहल-ए-वफा मरदूद-ए-हरम, मसनद पे बिठाए जाएँगे। सब ताज उछाले जाएँगे, सब तख्त गिराए जाएँगे। बस नाम रहेगा अल्लाह का। हम देखेंगे।”
इस नज्म को फैज ने 1979 में सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक के संदर्भ में और पाकिस्तान में सैन्य शासन के विरोध में लिखी थी। जिसके बाद फैज अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई सालों तक जेल में रहे थे। भारत मे अक्सर देश विरोधी और हिंदू विरोधी प्रोपगेंडा में इस नज्म का प्रयोग किया जाता है।
वहीं, फरीद खान द्वारा जावेद अख्तर की पाकिस्तान में मौजूदगी पर नेटीजेंस ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कोलंबस नाम की प्रोफ़ाइल से जावेद अख्तर के बदले पाकिस्तान की गायिका मोमिना मुस्तेशान की माँग की गई है। अनिल नाम के यूजर ने फरीद को लिखा है कि वो जावेद अख्तर को वहीं रहने के लिए हर महीने 100 किलो आटा पाकिस्तान भेजते रहेंगे।
प्रशांत गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा कि रख लो वापस मत भेजना। अभिषेक का कहना है कि अगर अगर पाकिस्तानियों द्वारा जावेद अख्तर को वहीं रख लिया जाता है तो उन्हें गिफ्ट में अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी भी दे दिए जाएँगे। केशव अरविन्द ने ऐसा करने पर आमिर और शाहरुख़ को उपहार के तौर पर भेजने की बात कही है।