विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने वाले पश्चिमी देशों की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि पश्चिमी देशों को लगता है कि दूसरे देशों पर कमेंट करना उनका अधिकार है। यही नहीं, उन्होंने ब्रिटेन में खालिस्तानियों द्वारा किए गए तिरंगे के अपमान को लेकर कहा है कि यह वो भारत नहीं है जो इस तरह की घटनाओं पर चुप रह जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और पीसी मोहन ने कर्नाटक के हुबली में स्थित कब्बन पार्क में ‘मीट एंड ग्रीट’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद अमेरिका और जर्मनी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया था।
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा है, “मैं आपको इस का सच बता रहा हूँ। वास्तव में इसके पीछे दो वजह हैं। पहला यह है कि पश्चिमी देशों को दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। उन्हें लगता है कि भगवान ने उनको दूसरों पर टिप्पणी करने का अधिकार दिया है। पश्चिमी देशों को पुरानी चीजों से सीखने की जरूरत है। यदि वे ऐसा करते रहेंगे तो दूसरे लोग भी कमेंट करने लगेंगे और ऐसा होने पर उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। मैं देख रहा हूँ कि ऐसा हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा है, “दूसरा कारण यह है कि हमारे देश के लोग ही उन्हें टिप्पणी करने के आमंत्रित करते हैं। ऐसे में अधिक से अधिक लोग कमेंट करते हैं। हमें दुनिया के सामने यह कहना बंद करना होगा कि यहाँ समस्याएँ हैं। साथ ही अमेरिका और अन्य देशों के सामने यह कहने की जरूरत नहीं है कि वे भारत के मुद्दों पर क्यों नहीं बोलते। यदि यहाँ से कोई जाता है और कहता है कि आप हमारी समस्याओं पर क्यों नहीं बोल रहे हैं, ऐसे में वे कमेंट करेंगे ही। इस मामले में समस्या दोनों तरफ है। मुझे लगता है कि दोनों को ठीक करने की जरूरत है।”
We’ve seen incidents in London, Canada, San Francisco, there’s a very small minority, behind that minority there are many interests…If they don’t provide security then there will be reaction from India. This is not an India that will accept its national flag pulled down…: EAM pic.twitter.com/Vlvfh39at6
— ANI (@ANI) April 2, 2023
ब्रिटेन में स्थित भारतीय उच्चायोग में खालिस्तानियों द्वारा किए गए तिरंगे के अपमान को लेकर बोलते हुए उन्होंने कहा, “हमने बीते कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में तिरंगे के अपमान की कुछ घटनाएँ देखी हैं। भारत जब तिरंगे के अपमान को हल्के में लेता था वह दिन अब जा चुके हैं। यह वो भारत नहीं है जो किसी के द्वारा उसके राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को स्वीकार करेगा। तिरंगे के अपमान के बाद भारतीय उच्चायोग ने और भी बड़ा तिरंगा फहरा दिया था। यह केवल वहाँ के तथाकथित खालिस्तानियों के लिए संदेश नहीं था बल्कि अंग्रेजों के लिए भी एक तरह का मैसेज था। यह मेरा झंडा है, अगर कोई इसका अपमान करने की कोशिश करेगा तो मैं इस झंडे को और भी बड़ा कर दूँगा।”