चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है। चीन के एक मंत्रालय की तरफ से रविवार (02 अप्रैल, 2023) को नक्शा जारी किया गया था। इस नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदले हुए दिखाए गए थे। जिसपर भारत की तरफ से कड़ा ऐतराज जताया गया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि नाम बदल देने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी।
मंगलवार (4 अप्रैल, 2023) को चीन की हरकत का भारत की तरफ से जवाब दिया गया। केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। सवालों का जवाब देते हुए बागची ने कहा कि हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी है। चीन पहले भी इस तरह की कोशिश कर चुका है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। इस तरह की कोशिशों से सच्चाई नहीं बदल जाएगी।
Our response to media queries regarding the renaming of places in Arunachal Pradesh by China:https://t.co/JcMQoaTzK6 pic.twitter.com/CKBzK36H1K
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 4, 2023
इसके पहले रविवार को चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने नया नक्शा जारी कर अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नए नाम जारी किए। इन इलाकों में 2 मैदानी इलाके, 2 रिहायशी इलाके, 5 पर्वत शिखर और 2 नदियों के नाम शामिल हैं। इसके पहले वर्ष 2017 में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से चीन बौखला गया था। इसके बाद ही उसने अरुणाचल प्रदेश के 6 स्थानों के नाम बदल दिए थे।
उसके बाद साल 2021 में चीन ने अरुणाचल के 15 स्थानों के नाम जारी किए थे। भारत ने उस वक्त भी चीन की तरफ से की गई गुस्ताखी का करारा जवाब दिया था। 6 सालों में यह तीसरा मौका है जब चीन की तरफ से अपनी भाषा में अरुणाचल के हिस्सों का नाम बदला गया है। अरुणाचल प्रदेश के इस हिस्से को चीन अपना जंगनान प्रान्त (तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा) बताता है।