Sunday, September 8, 2024
Homeविविध विषयअन्यआसमान में मक्का के टाइमटेबल से पढ़ना नमाज: UAE के अंतरिक्षयात्री को मिलीं...

आसमान में मक्का के टाइमटेबल से पढ़ना नमाज: UAE के अंतरिक्षयात्री को मिलीं ‘इस्लामी गाइडलाइन’

मक्का की तरफ़ मुँह करके नमाज़ पढ़ने के लिए कहा जाता है, जबकि अंतरिक्ष यात्री शून्य गुरुत्वाकर्षण में तेज़ी से धरती के चक्कर लगा रहे होते हैं। इसके समाधान में हज़्ज़ा को धरती की ओर चेहरा कर नमाज़ पढ़ने को कहा गया है।

दुबई के इस्लामिक मामलों के प्राधिकरण ने संयुक्त अरब अमीरात को इस्लामिक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश देश के पहले अंतरिक्ष यात्री हज़्ज़ा अल मंसूरी के अंतरिक्ष में नमाज़ पढ़ने को लेकर जारी किए गए हैं

इस्लाम की प्रथाओं के अनुसार नमाज़ दिन के समय के हिसाब से पढ़नी होती है, जबकि अंतरिक्ष में हज़्ज़ा को 16-16 सूर्योदय और सूर्यास्त एक दिन में दिखने थे। ऐसे में प्राधिकरण ने हज़्ज़ा को इस्लाम के समर्थकों की पवित्रतम जगह मक्का के सूर्योदय-सूर्यास्त के समय नमाज़ पढ़ने की सलाह दी है। इसके अलावा नमाजियों को मक्का की तरफ़ मुँह करके नमाज़ पढ़ने के लिए कहा जाता है, जबकि अंतरिक्ष यात्री शून्य गुरुत्वाकर्षण में तेज़ी से धरती के चक्कर लगा रहे होते हैं। इसके समाधान में हज़्ज़ा को धरती की ओर चेहरा कर नमाज़ पढ़ने को कहा गया है।

‘रेत के दाने या पत्थर से करना पाक’

नमाज़ पढ़ने के पहले खुद को स्वच्छ करना होता है। गाइडलाइंस के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) में पानी की कमी होने पर इसके लिए रेत के दाने या पत्थर का इस्तेमाल किया जा सकता है। अल मंसूरी रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग स्क्रिपोचका और अमेरिकी अंतरिक्षयात्री जेसिका मायर के साथ बुधवार (25 सितंबर) को ISS के लिए रवाना होंगे। NASA के अनुसार अल मंसूरी 3 अक्टूबर को लौट आएँगे, जबकि बाकी दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी अगले वर्ष होगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -