Tuesday, November 5, 2024
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‘उनका प्लान किसी तरह हिंदुओं को मंदिर में रोकने और रात में सफाया करने का था’: प्रत्यक्षदर्शी ने बताया नूहं में क्या चाहती थी हमलावर भीड़

"उनका मकसद था कि हिंदुओं को किसी तरह रातभर मंदिर में रोक लो। इसके बाद रात में घुसकर इनका नाम-ओ-निशान मिटा दो। नल्हड़ महादेव मंदिर में महिलाएँ, छोटी-छोटे बच्चे, बुजुर्ग डरे-सहमे बैठे हुए थे।"

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मेवात के नूहं में हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर हुए हमले के पीछे बड़ी साजिश का अंदेशा जताया है। पीड़ित भी जो कुछ बता रहे हैं उससे पता चलता है कि हमला अचानक नहीं हुआ। इसकी पूरी तैयारी की गई थी। 31 जून के हुए इस हमले के शिकार बने एक विहिप कार्यकर्ता ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा है कि मुस्लिम भीड़ हिंदुओं का इंतजार कर रही थी। उनका प्लान हिंदुओं को रात तक रोककर रखने और सफाया करने का था। उन्होंने बताया कि 16-16 साल के लड़के भी फायरिंग कर रहे थे।

ऑपइंडिया को इस प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “भीड़ हिंदुओं के नल्हड़ महादेव मंदिर आने और उसके बाद आधे लोगों के फिरोजपुर झिरका की ओर जाने का इंतजार कर रही थी। जब कुछ हिंदू उस ओर चले गए तब मुस्लिमों ने गाड़ियों पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। हम दर्शन कर फिरोजपुर झिरका जाने के लिए निकल रहे थे। तभी फोन आया कि वहाँ पथराव हो चुका है। जब हम वहाँ पहुँचे तो देखा कि गाड़ियों पर फायरिंग और पथराव हो चुका था। वहाँ हमारे कुछ लोग घायल पड़े हुए थे। जब हम घायलों को सँभाल रहे थे तभी 50-60 लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। हम खाली हाथ थे। इसलिए कुछ नहीं कर सके।”

उन्होंने आगे बताया, “पथराव से बचने के लिए जब हम पीछे हटे तब जमकर फायरिंग होने लगी। 1-2 राउंड नहीं, बल्कि 200-250 राउंड फायरिंग हुई। समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ से फायरिंग हो रही थी। वे पत्थर मारकर घर में छिप जाते थे। लेकिन हम लोग एकदम खुले में थे। वे जैसे चाह रहे थे, वैसे मार रहे थे। न जाने कितने लोगों को मेरे सामने गोली लगी है। गाड़ियों में जिंदा जला दिए गए वहाँ मौजूद पुलिस हमें हमारे हालात पर छोड़कर फरार हो गई थी। एक बजे से 6 बजे तक हम किसी तरह खुद को बचाते रहे।”

हमने उनसे लोगों को गाड़ियों में जिंदा जलाने के दावे को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था, “मीडिया दिखा नहीं रहा है। जिन लोगों को मौका नहीं मिला (भागने का) उन्हें जिंदा जलाया गया। बसें फूँक दी गईं। मस्जिद से हथियार से लैस 200-250 लोग निकल कर आए थे। जब फायरिंग होनी शुरू हुई तब हमने अपने कदम पीछे खींच लिए। तब उन लोगों ने सारी बसें और गाड़ियाँ फूँक दीं। इसके बाद जब हम मंदिर गए तब भी वहाँ 3 तरफ से घेरकर फायरिंग हुई। वहाँ पुलिस मौजूद थी। इसकी गवाह है। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की थी।”

उन्होंने आगे बताया, “उनका मकसद था कि हिंदुओं को किसी तरह रातभर मंदिर में रोक लो। इसके बाद रात में घुसकर इनका नाम-ओ-निशान मिटा दो। नल्हड़ महादेव मंदिर में महिलाएँ, छोटी-छोटे बच्चे, बुजुर्ग डरे-सहमे बैठे हुए थे। पुलिस-प्रशासन ने आने के बाद जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद हम लोगों को सही सलामत निकाला और फिर बसों के द्वारा सिविल लाइन ले जाया गया। जब हम अपने घर के लिए जा रहे थे, तब भी पथराव हुआ। उनकी तैयारियों को देखकर यह नहीं लगता है कि अचानक से हिंसा हुई है। इसके लिए पहले से तैयारी हो रही थी। सोलह-सोलह साल के लड़के घुटने पर बैठकर फायरिंग कर रहे थे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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