कश्मीर मामले को वैश्विक पटल पर उठाकर हर ओर से अपनी फजीहत करवाने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों मलेशिया प्रधानमंत्री और तुर्की के राष्ट्रपति से मिलकर बीबीसी जैसा एक अंग्रेजी चैनल खोलने की योजना बना रहे हैं। जिसके संबंध में आज उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकॉउंट से घोषणा भी कर दी है।
इमरान खान के मुताबिक तीनों देश मिलकर ऐसा न्यूज चैनल खोल रहे हैं, जो मुस्लिमों के मुद्दों पर प्रकाश डालेगा और इस्लामोफोबिया के ख़िलाफ़ भी लड़ाई लड़ेगा। इमरान खान ने अपने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी शेयर की है। जिसमें उनके साथ मलेशिया प्रधानमंत्री महातिर और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान उनके साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
Our meeting in which we decided to set up a BBC type English language TV Channel that, apart from highlighting Muslim issues, will also fight Islamophobia. pic.twitter.com/GA6o15oJFH
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 30, 2019
इमरान भले ही इस बैठक को और इस फैसले को एक उपलब्धि की तरह मान रहे हों, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स फिर भी उनसे और सवाल कर रहे है।
जाने माने पत्रकार आदित्य राज कौल इस ट्वीट पर दो टूक कहते हैं कि पाकिस्तान, मलेशिया और तुर्की इंसानियत और आतंकवाद की लड़ाई को लेकर बिलकुल चिंतित नहीं हैं, अब इस्लामिक प्रोपेगेंडा और नफरत फैलाने के लिए हमारे पास एक और मुखपत्र आ गया है। आदित्य ने अपने ट्वीट में पूछा है कि क्या इस मुस्लिम चैनल के संपादक जाकिर नाइक होने वाले हैं?
Pakistan, Turkey and Malaysia are not bothered about humanity and the menace of Islamist terrorism and now we will have yet another propaganda mouthpiece for Islamists for their venomous propaganda and hate. Will Zakir Naik be the Editor in Chief of this ‘Muslim’ news channel? https://t.co/pVD4O9W8xr
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 30, 2019
उनके अलावा साजिदा अख्तर नाम की यूजर पूछती हैं कि क्या अपने इस चैनल में वो चाइना में उघूर मुस्लिमों के साथ होते बर्ताव के बारे में बात करेंगे? वहीं बक्षी सिंह पूछते हैं कि उघूर मुस्लिमों पर भी कोई बात होगी या सिर्फ़ भारत के ख़िलाफ़ फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाया जाएगा।
In that channel will you talk about the treatment meted out to the Uighurs of China??
— Sajeda Akhtar (@Sajeda_Akhtar) September 30, 2019
लोग हैरान है कि पाकिस्तान मलेशिया और तुर्की के साथ मिलकर इतनी बड़ी बात खुलेआम कह रहा है और मीडिया गिरोह के किसी व्यक्ति को इस बात में खबर नहीं दिख रही। मीडिया चैनल इसपर बात करने से कतरा रहा है। लोग पूछ रहे हैं क्या ये खबर सुर्खियों में आने वाली खबर नहीं है? यूजर्स का कहना है कि सोचिए जरा अगर नरेंद्र मोदी नेपाल और सुरीनाम जैसे हिन्दू राष्ट्रों के साथ ऐसा कोई बैठक करते तो सभी लोगों का गुस्सा फूट पड़ता।
Just imagining,
— Halwa-e-Hind (@e_halwa) September 30, 2019
Had modi spoken about a Hindu channel and held a similar meeting with the Nepal and Surinam PMs (not that there are 50 + Hindi majority nations)..
All hell would have broken.#JustSaying #UNGA
यूजर्स का कहना है कि हर भारतीय को मलेशिया को बॉयकॉट करने की बात अपने हर ट्वीट के नीचे लिखनी चाहिए।
I urge every self respecting indian to continue using #BoycottMalaysia at the end of each and every tweet as much as possible. ???#Mahathir had the guts to call #India an #Invader because we allow such people to get away in abusing #India ?
— Mango (@AamTweet) September 30, 2019
NOT ANYMORE
PLEASE #BoycottMalaysia
तुर्की के इस फैसले में शामिल होने पर लोग बोल रहे हैं कि तुर्की ने हजारों रिपोर्टर्स और विपक्ष के लोगों को जेल पहुँचाया है और अब ये हमें ज्ञान दे रहा है। लोगों का कहना है कि वो चाहते वो उस शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं जब भारत तुर्की से अपने संबंध तोड़ेगा।
Turkey has jailed thousands of reporters, opposition people & now giving us lectures.
— Asoka (@asoka_in) September 30, 2019
We are waiting good Muhurut to cut our defense tie with Turkey To cancel Naval ship order? India is Turkeys third largest defense buyer.https://t.co/s6CN6tdixI
लोगों का कहना है कि इमरान द्वारा शेयर की गई तस्वीर में तीन देश एक साथ बैठकर इस बात पर राय कायम कर रहे हैं कि सोशल मीडिया और टीवी चैनल्स के जरिए कैसे इस्लाम को पूरे विश्व में फैलाया जाए। ये शर्मनाक है कि ये अपने देश के प्रधानमंत्री हैं।
Three fanatic muslims sitting together & discussing how to spread islam across the globe through social media & TV channels. They are also PM of their respective country, what a shame.
— dil toh bacha hai ji ☺ (@Brijesh86484715) September 30, 2019
Islamic countries will never change, religion is above humanity for them.
यूजर्स इस चैनल के खुलने पर ये भी बोल रहे हैं कि इनके पास पूरे विश्व भर में अजेंडा फैलाने के लिए बीबीसी, सीएनएन, अलजजीरा, न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट जैसे चैनल हैं और इन्हें अब भी एक चैनल की जरूरत है जो मुस्लिमों के मुद्दों पर प्रकाश डाले।
They have so many news papers and channels like bbc, cnn , al jazeera, new york times, Washington Post and still they need more . And we have none worldwide wise .
— Nandini Khanna (@NandiniKhanna3) September 30, 2019
उल्लेखनीय है कि न्यूयॉर्क दौरे के दौरान 74वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में कहा था कि इस अंग्रेजी चैनल पर वे मुस्लिमों से जुड़ी सीरीज और फिल्में दिखाएँगे, जिसमें मुस्लिम शिक्षा और इस्लामिक इतिहास से जुड़ी बाते होंगी।