कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने गुरुवार (31 अगस्त) को ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कुछ विदेशी न्यूज पेपर की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। हालाँकि, यह मामला भी ठीक वैसे ही है जैसे चीन ने काल्पनिक नक्शा दिखाया था, वैसे ही अडानी से करार करने वाले ताइवानी व्यक्ति पर भी राहुल गाँधी ने आज देश को गुमराह किया। आज के अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंडनबर्ग पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट की अनदेखी करते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए।
कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने गौतम अडानी के मुद्दे पर मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, “जी-20 सम्मेलन देश के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन देश में पारदर्शिता होना जरूरी है। पीएम मोदी का एक करीबी (गौतम अडानी) ने बिलियन डॉलर का इस्तेमाल शेयर के लिए किया। सवाल उठता है कि ये किसका पैसा है? अडानी का या और किसी का? इसकी जाँच होनी चाहिए है।”
#WATCH पहला सवाल यह उठता है कि- ये किसका पैसा है? ये अडानी का पैसा है या किसी और का है? इसके पीछे के मास्टरमाइंड विनोद अडानी नामक एक सज्जन हैं जो गौतम अडानी के भाई हैं। पैसे की इस हेरा-फेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं। एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अहली है और दूसरे एक… pic.twitter.com/F0ygzZamub
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2023
राहुल गाँधी ने यह भी कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना नाम साफ करें और स्पष्ट रूप से बताएँ कि क्या चल रहा है। कम से कम JPC की अनुमति दी जानी चाहिए और गहन जाँच होनी चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा कि प्रधानमंत्री जाँच क्यों नहीं करवा रहे हैं? वे चुप क्यों हैं और जो लोग ज़िम्मेदार हैं क्या उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया है? G20 नेताओं के यहाँ आने से ठीक पहले यह प्रधानमंत्री पर बहुत गंभीर सवाल उठा रहा है।”
#WATCH यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना नाम साफ करें और स्पष्ट रूप से बताएं कि क्या चल रहा है। कम से कम JPC की अनुमति दी जानी चाहिए और गहन जांच होनी चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा कि प्रधानमंत्री जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं? वे चुप क्यों हैं और जो लोग… pic.twitter.com/2aWFrDDqcQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2023
हालाँकि, राहुल गाँधी यहाँ जिस विदेशी रिपोर्ट की बात कर रहे हैं उस हिंडनबर्ग रिपोर्ट है और दूसरा ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ का रिपोर्ट, पहली हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के खिलाफ जाँच के लिए सर्वोच्च न्यायालय (SC) द्वारा गठित विशेषज्ञ पैनल ने पहले ही कहा है कि कीमतों में हेरफेर को लेकर पहली नजर में किसी तरह की रेगुलेटरी कमी नहीं दिखी है। अदालत द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक सेबी (SEBI) को अडानी समूह की संस्थाओं की अपनी जाँच में कुछ नहीं मिला है।
इस तरह से राहुल गाँधी का यह आरोप कि मोदी सरकार अडानी को छूट दे रही है जबकि अडानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच चल रही है। शीर्ष अदालत ने 17 मई 2023) को ही अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जाँच पूरी करने के लिए SEBI को तीन महीने का विस्तार दिया था।
वहीं ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) ने अडानी समूह पर आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के द्वारा समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया। हालाँकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
इस मामले में अडानी समूह ने एक बयान में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को ही पुनर्जीवित करने का विदेशी मीडिया का प्रयास बताया। उन्होंने साफ़ कहा कि यह सब चार्ल्स सोरोस का किया धरा है .
बता दें कि ग्लोबल नेटवर्क ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने गुरुवार (31 अगस्त 2023) को अडानी समूह (Adani Group) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें आरोप लगाया गया है कि समूह ने मॉरीशस के Opaque Funds के जरिए अपनी ही कंपनियों के सूचीबद्ध शेयरों को खरीदने में लाखों डॉलर का निवेश किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी परिवार और उनके साझेदारों के जरिए गुपचुप रुप से ये निवेश किए गए। इसके लिए OCCRP ने कई टैक्स हेवन और अडानी समूह के आंतरिक ईमेल की फाइलों की समीक्षा का हवाला दिया गया है। उसने कहा कि जाँच में कम-से-कम दो मामले पाए गए, जहाँ ‘रहस्यमय’ निवेशकों ने ऐसी ऑफशोर संस्थाओं के जरिए अडानी के स्टॉक को खरीदा और बेचा।
वहीं, OCCRP के आरोपों को अडानी समूह ने सिरे से खारिज कर दिया है। अडानी समूह का कहना है, “हम इन दोहराए गए आरोपों को साफ तौर पर खारिज करते हैं। ये खबरों पर आधारित रिपोर्ट्स गुणवत्ताहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को दोबारा से जिंदा करने की विदेशी मीडिया के एक वर्ग की मिलीजुली कोशिश है।”
वहीं राहुल गाँधी का यह भी कहना कि अडानी के इंफ़्रा प्रोजेक्ट (पीएमसी प्रोजेक्ट्स) का स्वामित्व एक चीनी नागरिक के पास है, जो कि पूरी तरह से गलत है, क्योंकि, चांग चिएन-टिंग (Chang Chien-Ting) वास्तव में एक ताइवानी नागरिक है। यहाँ तक कि यह बात खुद कॉन्ग्रेस द्वारा किए गए ट्वीट में साफ़ है कि चांग चीनी नहीं बल्कि ताइवानी नागरिक है।
Important Thread On Adani Mega Scam: Do Read
— Congress (@INCIndia) August 31, 2023
OVER 13% STAKE HELD BY OFFSHORE FUNDS CONTROLLED BY ADANI PROMOTERS THEMSELVES?
▪️ Offshore funds owning 13% of Adani stocks were actually controlled by Vinod Adani
▪️ Global Opportunity Fund based in Bermuda had two men who held…
चीनी मिलीभगत का उनका यह आरोप भी निराधार है। जबकि वह और सोनिया गाँधी खुद कुछ साल पहले चीनी सरकार के निमंत्रण पर बहाना बनाकर बीजिंग का गुपचुप दौरा कर चुके हैं। कॉन्ग्रेस पर चीनी सरकार से गुपचुप करार के भी आरोप लगे थे। जबकि ताइवान के भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, और इसलिए, अगर वैध वीजा पर कोई ताइवानी नागरिक किसी भारतीय कंपनी के लिए काम करता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
गौरतलब है कि भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन होना है। ऐसे में इस हंगामें के पीछे चार्ल्स सोरोस का हाथ माना जा रहा है। जिसका मोदी विरोध और हिन्दू घृणा से सना एजेंडा पहले भी कई बार उजागर हो चुका है।