Sunday, December 22, 2024
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ट्रूडो की नीति – एक कदम आगे, दो कदम पीछे: भारत के खिलाफ कनाडा में फिर इकट्ठा होंगे खालिस्तानी

भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री के दावे को गलत बताया था और कनाडा से इस संबंध में सबूत माँगा था। इसके साथ ही भारतीय राजनियक की निष्कासन के विरोध में कनाडा के एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया था। भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा देने पर भी रोक लगा दी थी, जो अभी भी जारी है।

भारत से संबंधों को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की दोहरी नीति सामने आई है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद ट्रूडो ने भारत से सम्बन्ध सुधारने की बात कही थी। हालाँकि, उनकी इस झूठ की की पोल अब दो दिनों में ही खुल गई है।

कनाडा में खालिस्तानी अब रविवार (1 अक्टूबर) को एक रैली का आयोजन करेंगे। इस रैली में पूरे कनाडा से खालिस्तान समर्थकों को बुलाया गया है। इन खालिस्तान समर्थकों को आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए बुलावा भेजा गया है।

अंग्रेजी समाचार वेबसाइट NEWS18 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, रैली का आयोजन कनाडा के सरे शहर के गुरुद्वारे में होगा। 18 जून को अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा गया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर इसी सरे गुरूद्वारे का प्रबंधक था। उसकी हत्या इसी के बाहर हुई थी।

खालिस्तानियों द्वारा आयोजित इस रैली में भारत और उसके राजनयिकों के विरुद्ध फिर से भड़काऊ बयानबाजी होने की आशंका है। इससे पहले भी खालिस्तानी कनाडा में फर्जी जनमत संग्रह और खालिस्तानी रैलियाँ आयोजित करते रहे हैं। ऐसी ही एक रैली में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या की झांकी प्रदर्शित की थी।

खालिस्तान की इस रैली का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कहा है कि वह वह भारत से सम्बन्ध सुधारना चाहते हैं। ऐसे में ट्रूडो द्वारा संबंध सुधारने की बातें खोखली सिद्ध हो रही है।

जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितम्बर को भारतीय एजेंसियों पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा की सरकार के पास इस सम्बन्ध में ‘विश्वसनीय सबूत’ हैं। कनाडा ने इसको लेकर एक भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित किया था।

भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री के दावे को गलत बताया था और कनाडा से इस संबंध में सबूत माँगा था। इसके साथ ही भारतीय राजनियक की निष्कासन के विरोध में कनाडा के एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया था। भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा देने पर भी रोक लगा दी थी, जो अभी भी जारी है।

भारत के कड़े रुख से घबराए ट्रूडो ने अपने बयान के अगले ही दिन कहा था कि वह भारत को उकसाना नहीं चाहते हैं। हालाँकि, कनाडा में सिख वोट बैंक साधने के चक्कर में ट्रूडो लगातार अपने बयानों से पलट रहे हैं। ट्रूडो ने इसके पश्चात कहा था कि भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है और वह उससे अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए ‘गंभीर‘ हैं।

वह एक तरफ वह भारतीय राजनयिकों के विरुद्ध कार्रवाई और भारत से जाँच में सहयोग की माँग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ भारत से अच्छे संबंध बनाने की बात भी कर रहे हैं। उनके द्वारा अच्छे संबंधों की बात इसलिए खोखली साबित हो रही है, क्योंकि उनकी सरपरस्ती में कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियाँ लगातार जारी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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