Wednesday, July 3, 2024
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‘सांसद के लॉगिन ID का इस्तेमाल गंभीर अपराध’: महुआ मोइत्रा मामले में आचार समिति के प्रमुख ने कहा- संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ

भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि संसदीय आचार समिति 26 अक्टूबर 2023 को सभी सबूतों की जाँच करेगी। इसके लिए सभी शिकायतकर्ताओं को सबूत के साथ मौजूद रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई दोनों पक्षों के समिति को दिए गए सबूतों पर निर्भर करेगी।

संसद की आचार समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार (20 अक्टूबर 2023) को बताया कि ‘कैश फॉर क्वेरी’ स्कैंडल में उन्हें कारोबारी दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा मिल गया है। दरअसल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर घूस लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने यह शिकायत समिति को भेजी थी।

इस बातचीच में संसदीय आचार समिति अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा था कि अगर किसी ने सांसद के लॉग-इन आईडी का इस्तेमाल किया है तो ये बहुत गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा, “संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। यह बहुत ही अजीबोगरीब और गंभीर मामला है।”

भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि संसदीय आचार समिति 26 अक्टूबर 2023 को सभी सबूतों की जाँच करेगी। इसके लिए सभी शिकायतकर्ताओं को सबूत के साथ मौजूद रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई दोनों पक्षों के समिति को दिए गए सबूतों पर निर्भर करेगी।

बता दें कि विनोद सोनकर ने कहा है कि उन्हें दर्शन हीरानंदानी से लेटर\हलफनामा मिल चुका है। इससे पहले सासंद सोनकर ने बताया था कि उन्हें अभी तक रियल एस्टेट से लेकर एनर्जी में कारोबार करने वाले हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी का कोई लेटर नहीं मिला है।

आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर को भेजे गए तीन पेज के हलफनामे में दर्शन हीरानंदानी ने स्वीकार किया है कि उनकी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ दोस्ती थी। इसमें उन्होंने ये भी दावा किया है कि लोकसभा सदस्य मोइत्रा ने मशहूर होने के लिए सबसे आसान रास्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले का चुना।

हीरानंदानी ने हलफनामे में आगे लिखा है कि मई 2019 में सांसद बनी मोइत्रा को उनके दोस्तों ने जल्दी मशहूर होने के लिए पीएम मोदी पर हमला करने की सलाह दी थी। इसके बाद टीएमसी सांसद मोइत्रा ने सोचा कि पीएम मोदी पर हमला करने का इकलौता रास्ता गौतम अडानी और उनके समूह पर हमला करना है, क्योंकि दोनों ही गुजरात से थे।

दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि इसके लिए सांसद मोइत्रा ने अपनी संसद की लॉग-इन आईडी और पासवर्ड भी उनके साथ शेयर किए थे, ताकि वे सूचना भेज सकें और महुआ इसे संसद में उठा सकें। हीरानंदानी ने कहा कि वह महुआ मोइत्रा के पेशकश को स्वीकार कर लिया।

इसके साथ ही दर्शन हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा पर फेवर और तोहफे माँगने का भी आरोप लगाया है। हालाँकि, मोइत्रा ने हीरानंदानी के हलफनामे में किए गए दावों को नकार दिया और आरोप लगाया कि यह हलफनामा बीजेपी के दबाव में तैयार किया गया है और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर हस्ताक्षर करने के लिए दर्शन हीरानंदानी को बाध्य किया है।

इस बीच, हाईकोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने महुआ मोइत्रा की दायर मानहानि मुकदमे पर सुनवाई की और मामले को 31 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सुरक्षित रख लिया। गौरतलब है कि टीएमसी सांसद ने मंगलवार (17 अक्टूबर 2023) को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इसमें उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील अनंत देहाद्राई के अलावा कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और मीडिया हाउसों को उनके खिलाफ किसी भी कथित फर्जी और अपमानजनक सामग्री को पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने की माँग की थी।

इस दौरान देहाद्राई ने खुली अदालत में आरोप लगाया कि मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने गुरुवार (19 अक्टूबर 2023) को उनसे संपर्क कर मोइत्रा के खिलाफ शिकायत वापस लेने को कहा था। इसके बाद शंकरनारायणन ने इस केस से खुद को अलग कर लिया।

बीजेपी सांसद दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा के दोस्त रहे वकील जय अनंत देहाद्राई से मिले एक पत्र का हवाला दिया है। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने इस पत्र में, दुबे ने दावा किया कि हाल तक लोकसभा में टीएमसी सांसद मोइत्रा के पूछे गए 61 में से 50 सवाल अडानी समूह पर केंद्रित थे।

हालाँकि हाईकोर्ट की अपनी याचिका में, मोइत्रा ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत के कथित आदान-प्रदान के लिए दुबे और देहाद्राई के उनके खिलाफ लगाए गए झूठे आरोप उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने के लिए लगाए गए थे।

वहीं इस बीच टीएमसी सांसद मोइत्रा ने अपने एक्स हैंडल पोस्ट में लोगों को ‘शुभो षष्ठी’ की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वह नदिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रही हैं।

उन्होंने कहा, “यदि सीबीआई और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) सवालों का जवाब देने के लिए मुझे बुलाती है तो मैं उनका स्वागत करती हूँ। अडानी के निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल चलाने या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए मेरे पास न तो वक्त है और न ही मेरी दिलचस्पी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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