Wednesday, November 27, 2024
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अजीत भारती

पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी
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इनकी टूटी हड्डियाँ भी देखो रवीश! अजीत भारती का वीडियो | Stop propaganda on JNU

शुरू में रवीश जी कह रहे थे कि पुलिस केस क्यों नहीं दर्ज कर रही, पुलिस दोषियों को पकड़ क्यों नहीं कर रही है? और जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा है तो रवीश जी ने लंबे-लंबे प्रपंची पोस्ट लिखे हैं।

वामपंथियों को कीमोथैरेपी देने वाले ऑपइंडिया के एक साल: न्यूजरूम की तरफ से आपका आभार

साल पूरा होते-होते, अब हर वामपंथी हमें गाली दे कर खारिज करने की कोशिश करता रहता है। जब इस तरह के आक्रमण होने लगते हैं, इसका मतलब है कि किसी को दर्द हो रहा है। हमारी कोशिश है कि इस दर्द की तीव्रता बढ़ाते रहें।
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इकॉनमी पर अधकचरा ज्ञान, JNU पर फिर झूठ: अजीत भारती का वीडियो | Ravish ki report on JNU, St Stephens, Economy

रवीश के हिसाब से जीडीपी जीरो हो गई है और स्टीफेंस कॉलेज के 50-60 लड़कों का समर्थन एक जनसैलाब है!

डियर दीपिका! नकली पलकों पर भाप की बूंदे टिका कर नौटंकी करना बंद करो

सोचिए उस एसिड अटैक विक्टिम के बारे में अब। सोचिए कि दीपिका के एक गलत कदम (विषय के लिए गलत, फिल्म के लिए मास्टरस्ट्रोक) से उन तमाम लोगों को कैसा लग रहा होगा जिसने इस विषय को ले कर उम्मीद बनाई थी। ये एक राजनैतिक विषय नहीं है। ये घोर सामाजिक विषय है।
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JNU पर वामपंथियों का रवीश ने किया बचाव: अजीत भारती का वीडियो | Ravish ignores Left involvement in JNU violence

रवीश कुमार ने वामपंथियों का जम कर बचाव किया और ABVP, दिल्ली पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठाए।

न्यूजलॉन्ड्री और अजेंडाबाज अभिनंदन: हीनभाव से ग्रस्त, नक्सल हिमायती जो साइट से हिन्दूघृणा बाँटता है

न्यूजलॉन्ड्री के एक पूर्व कर्मचारी ने CEO अभिनंदन सेखरी के बारे में कहा कि हिन्दुओं पर हुए अपराधों को दबाना, मुसलमानों पर हुए अपराधों में 'हिन्दू कनेक्शन' निकालना, सहकर्मियों को गाली देना, चिल्लाना और आम आदमी पार्टी के लिए अजेंडा चलाना, सेखरी का SoP है।

CAA-NRC: कुछ कट्टरपंथियों के भीतर का हिन्दू घृणा वाला ज़हर इनकी सेकुलर केंचुली से बाहर रिस रहा है

केंचुली उतार कर ये पूरा विरोध अब 'हम बनाम वो' का हो गया है। इस पूरे विरोध का लहजा 'मुस्लिम बनाम काफिर' का हो चुका है। वो खुल कर कह रहे हैं कि 'गलियों में निकलने का वक्त आ गया है', वो चिल्ला कर जामिया की गलियों में कह रहे हैं कि उन्हें 'हिन्दुओं से आज़ादी' चाहिए।

लड़े दलित और मुस्लिम, लेकिन दलित बनाम ब्राह्मण कह कर आग लगाई जाती है: भीमा कोरेगाँव का सच

आंदोलन का स्टेज सज गया, वक्ता आ गए, लेकिन इससे आंदोलन सफल नहीं कहा जाता। वो न सिर्फ हिंसा भड़काना चाहते हैं, बल्कि अपने ही लोगों से पेट्रोल बम फिंकवाते हैं, और भीड़ को कहते हैं कि देखो ब्राह्मणों ने बम फेंका तुम पर, तुम्हें 5000 सालों से सता रहे हैं, देखते क्या हो, यलगार हो!