श्री-श्री 1008 श्री रवीश कुमार जी महाराज के विरोधियों ने उनके हर पोस्ट और प्राइम टाइम पर कमेंट सेक्शन में लिख कर भक्तों को रवीशिया अफ़ीम की ख़ुमारी से बाहर लाने की कोशिश की लेकिन भक्त तो परमअज्ञान की अवस्था पा चुके थे, उनका उस प्रपंच सागर से बाहर आना नामुमकिन हो चुका था। वो बेचारे सूअरों की तरह कीचड़ में ही आनंद पा रहे थे।
आम आदमी को रिजर्व बैंक या उसी कार्यशैली का कुछ पता नहीं होता। इसलिए, उसे मूर्ख बनाना आसान होता है कि देखो मोदी रिजर्व बैंक को लूट रहा है। जबकि राहुल गाँधी ये नहीं बता पाएँगे कि 2013-14, 14-15, 15-16 और उसके पहले भी रिजर्व बैंक ने सरप्लस भारत सरकार को दिया या नहीं। दिया तो कितने प्रतिशत दिया।
हिन्दुओं को इससे फर्क नहीं पड़ता कि वो कौन-सा मांस खा रहे हैं। जिन्हें फर्क पड़ा, तो उन्हें 'बिगट', 'कम्यूनल', 'असहिष्णु' और पता नहीं क्या-क्या कह दिया गया। क्योंकि बहुसंख्यकों का न तो कोई धर्म है, न उनकी भावना आहत होती है।
इन्हें सिर्फ रोकना ज़रूरी नहीं है, इनका समूल नाश आवश्यक है। इनका लक्ष्य मोदी या भाजपा नहीं, इनका लक्ष्य हिन्दुओं को इतना पंगु और लाचार बना देना है कि ये बिखर जाएँ, नेतृत्वहीन हो जाएँ, और अंत में इस संस्कृति को भुला दें जिसकी जड़ में वैयक्तिक और सामाजिक स्वतंत्रता, सहिष्णुता, सर्वधर्म समभाव है।
अगर एनडीटीवी को सीबीआई के दीवार फाँदने पर मर्यादा और 'तेलगी को भी सम्मान से लाया गया था' याद आ रहा है तो उसे यह बात भी तो याद रखनी चाहिए पूर्व गृह मंत्री को कानून का सम्मान करते हुए, संविधान पर, कोर्ट पर, सरकारी संस्थाओं पर विश्वास दिखाते हुए, एक उदाहरण पेश करना चाहिए था।
ये है वामपंथी पत्रकारिता जो खबरों को देखता नहीं, दिखाता नहीं, बल्कि खबरों को बनाता है, मेकअप करता है उनका और तब आपको गंभीर चेहरे के साथ बताता है कि भाई साहब आप देखते कहाँ हैं, रवीश का हलाल खबर शॉप यहाँ है!
पहले तो हमें पत्रकार ही नहीं माना, फिर कहा इनकी भाषा ठीक नहीं है, फिर याद दिलाया कि मर्यादा लाँघ रहे हैं... ये सब इसलिए कि इनकी हर नग्नता, हर झूठ को हमने परत दर परत छीला है। अब वामपंथी बिलबिला रहे हैं क्योंकि लोग इन्हें पढ़ते भी हैं तो बस गाली देने के लिए।
ओवैसी ब्रीड के तमाम नेता हमेशा भीम-मीम से लेकर तमाम अदरक-लहसुन करते रहते हैं। और सबके केन्द्र में यही बात होती है कि देखो हिन्दू तुमको काटने की तैयारी में है, तुम्हारे बकरीद का बकरा छीन लेगा, तुम्हें अब बच्चे पैदा नहीं करने देगा, तुम्हारे बच्चों को नपुंसक बना देगा।