Sunday, May 25, 2025
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मृत्युंजय कुमार

मृत्युंजय विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। 5 वर्षों तक देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करने के बाद अब मीडिया एजुकेशन के फील्ड में भावी पत्रकारों की नई पौध को सींच रहे हैं। संप्रति भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के हिंदी पत्रकारिता विभाग में टीचिंग एसोसिएट के बतौर कार्यरत हैं।

इस्लाम का जिक्र नहीं, सिर्फ आभासी कहानी के कारण 36 साल बैन रही सलमान रुश्दी की किताब: राजीव गाँधी ने लगाया प्रतिबंध, अब सड़कों...

असल आश्चर्य इस किताब को पढ़ने के बाद हुआ। पूरी किताब में कहीं भी ऐसी बात नजर नहीं आई, जिस पर दंगा हो सके, दर्जनों लोगों की जानें जाएँ और लेखक पर दर्जनों बार जानलेवा हमले हों...।