UNSC ने चीन के विरोध के बावजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए पुलवामा आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। सुरक्षा परिषद ने कहा कि इस निंदनीय हमले के जो भी दोषी हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
पाक सेना ने जिलानी अस्पताल को पत्र लिख कर कहा है कि भारत से संभावित युद्ध के मद्देनज़र मेडिकल सपोर्ट की व्यवस्था और योजना तैयार करें। इसके अलावा सिविल अस्पतालों को भी तैयार रहने को कहा गया है। सीमा पर नागरिकों को एडवाइजरी भी जारी की गई है।
पुलवामा हमले के बाद, कई पत्रकारों ने फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई थी कि विभिन्न स्थानों पर कश्मीरी मुस्लिम छात्रों पर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा हमला किया जा रहा है। इस तरह के निराधार दावों के कारण लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचनाएँ भी की थीं।
पीड़ित के परिवार और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा पीटने के बाद उसकी मौत हो गई क्योंकि उसने सीएम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अपने खेत में जगह देने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने बताया कि मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियों को मिले इस पत्र में RDX के उपयोग द्वारा रैली के दौरान पीएम मोदी पर एक सुनियोजित हमला करने की साज़िश का विवरण है। इस पत्र में शताब्दी एक्सप्रेस और दिल्ली-कानपुर मार्ग पर बने एक पुल पर हमला करने के बारे में भी लिखा है।
गृह मंत्रालय द्वारा लिया गया यह फ़ैसला तत्काल काल से प्रभावशाली है। इसलिए अब जवानों को छुट्टी पर घर जाने और वापस ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।