अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है!
बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!
कुछ मीडिया संस्थानों ने जितना इस विकास यात्रा को कवर नहीं किया था, उससे ज़्यादा ये साबित करने में लग गए कि ट्रेन अपनी पहली यात्रा में ही ख़राब हो गई। व्यक्तिगत रूप से ख़ार खाए कुछ तथाकथित पत्रकार बड़ी चालाकी से मवेशी हिट की घटना को छिपा गए।
"देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही हर क्षेत्र में रोजगार और देश के समुचित बुनियादी विकास को गति मिलेगी। हमारा लक्ष्य नॉर्थ ईस्ट सहित सम्पूर्ण भारत के विकास को गति देना है।"
मेक इन इण्डिया के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में निर्मित बदलते भारत की तस्वीर पेश करती वन्दे भारत एक्सप्रेस में ऐसी कई खूबियाँ हैं जो ट्रेन यात्रा को सुगम, समयबद्ध और आरामदायक बनाते हुए दिल्ली से वाराणसी की यात्रा को महज़ 8 घंटे में समेट देती है।
ट्रेलर में एक तंज भी है, जब कन्हैया नोट को ध्यान से अपने दोस्तों को दिखाते हुए कहता है, "माँगने से कुछ नहीं होता, करने से होता है और वह सिर्फ़ एक ही आदमी कर सकता है- गाँधी जी।"