Monday, November 18, 2024
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इंटरनेशनल राड़ा: ईरानी सेना ने मार गिराया अमेरिका का RQ-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन, बढ़ सकता है तनाव

ईरान ने बृहस्पतिवार (जून 20, 2019) को अमेरिका का ड्रोन मार गिराया है। न्यूक्लियर डील पर जारी तनाव के बीच दोनों देशों के बीच मतभेद और बढ़ना तय है। हालाँकि, मामले पर अमेरिका की सेना ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। इस घटना के बाद अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। ईरान की समाचार एजेंसी का कहना है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) (ईरानी सेना) ने अमेरिकी ड्रोन को मार कर गिरा दिया है।

ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अमेरिका के आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन को मारा गिराया। ईरान के पैरामिलिट्री रिवॉल्यूशनरी गार्ड, जो केवल सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी के प्रति जवाबदेह हैं, ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन पर उस वक्त हमला किया गया जह वह दक्षिणी ईरान के होर्मोजोअन प्रांत के कौमोबारक जिले के पास ईरानी हवाई क्षेत्र में घुस रहा था। कौमोबारक तेहरान से लगभग 1,200 किलोमीटर (750 मील) दक्षिण-पूर्व में होमरुज स्ट्रेट के करीब है।

यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिका इरान पर उनके ड्रोन पर मिसाइल हमला करने का आरोप लगा चुका है। बीते हफ्ते जून 13, 2019 को ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर भी हमले किए गए थे लेकिन यह हमले किसने किए थे इसके बारे में साफ नहीं हो सका। हालाँकि अमेरिका ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। इससे पहले भी अमेरिका ने पिछले महीने इस रणनीतिक समुद्री इलाके में ऐसे ही हमलों को लेकर इस्लामिक गणराज्य से आपत्ति जताई थी।

ईरान-अमेरिका के सम्बन्ध अच्छे नहीं चल रहे हैं

अमेरिका और ईरान के बीच पिछले एक साल से तनावपूर्ण माहौल जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से एक साल पहले परमाणु समझौता वापस ले लिया था। ईरान ने हाल ही में कहा था कि वह कम समृद्ध यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ाएगा और उसने हथियार-ग्रेड स्तर के करीब इसके संवर्धन को बढ़ावा देने की धमकी दी थी। जिससे कि यूरोप पर 2015 डील के लिए दबाव बनाया जा सके।

विगत कुछ समय में अमेरिका ने एक विमानवाहक पोत को मध्य पूर्व में भेजा है और इस क्षेत्र में पहले से ही 10 हजार सैनिक तैनात हैं इसके बावजूद हजारों अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है। रहस्यमय हमलों ने तेल टैंकरों को भी निशाना बनाया क्योंकि ईरान-सहयोगी हौती विद्रोहियों ने सऊदी अरब में बम से लैस ड्रोन लॉन्च किए। इससे आशंका बढ़ गई है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष हो सकता है। ऐसे में अगर तनाव बढ़ता है और युद्ध के हालात बनते हैं तो ऐसा ईरान की इस्लामिक क्रांति के 40 साल बाद होगा। ईरानी सेना का यहाँ तक कहना है कि वो युद्ध के लिए भी तैयार हैं।

AN-32 विमान हादसा: अरुणाचल प्रदेश में मिले 6 शव, 7 के पार्थिव अवशेष

असम में जोरहाट से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों में क्रैश हुए भारतीय वायु सेना के विमान AN-32 में सवार 13 वायु सैनिकों में से छ: के शव और सात के पार्थिव अवशेष बरामद हुए हैं। यदि मौसम ठीक रहा तो शव और पार्थिव अवशेष जोरहाट लाए जा सकेंगे। ख़बर के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि ख़राब मौसम के चलते पिछले तीन दिनों में MI-17, चीता और ALH समेत कोई भी हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर उतरने में क़ामयाब नहीं हो सका था। उन्होंने बताया कि एक टीम घटनास्थल पर पैदल चलकर पहुँची। इस टीम में गरुड़ कमांडो, भारतीय सेना के विशेष दल, पोर्टर और शिकारी शामिल थे। राहत एवं बचाव दल ने इस रूसी विमान का कॉकपिट वायस रिकॉर्डर (CVR) और उड़ान डेटा रिकॉर्डर (FDR) बरामद किए थे।

इस विमान के बारे में बता दें कि 3 जून को 12:25 मिनट पर AN-32 ने असम के जोरहाट से मेंचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन 1 बजे के आसपास इसका सम्पर्क कंट्रोल रूम से टूट गया था। तभी से यह विमान लापता था, इसमें पायलट समेत 13 लोग सवार थे।

AN-32 विमान हादसे का शिकार हुए 13 यात्रियों में से 8 क्रू मेंबर थे

  • विंग कमांडर जीएम चार्ल्स
  • स्कवाड्रन लीडर एच विनोद
  • फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा
  • फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर
  • फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती
  • फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग
  • वारंट ऑफिसर के के मिश्रा
  • सार्जेंट अनूप कुमार
  • कॉरपोरल शेरिन
  • लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह
  • लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन पंकज
  • नॉन कॉम्बैंटेट (ई) पुतली
  • नॉन कॉम्बैंटेट (सी) राजेश कुमार

ख़बर के अनुसार, भारतीय वायु सेना के AN-32 विमान का मलबा जिस जगह पर मिला था वो अरुणाचल प्रदेश में विमान के उड़ान मार्ग से क़रीब 15-20 किलोमीटर उत्तर की ओर है। वायु सेना के बयान के अनुसार, क़रीब 12,000 फ़ीट पर एक छोटे से गाँव लिपो के पास AN-32 विमान का मलबा मिला था।

लिपो गाँव के घने जंगलों में AN-32 विमान का मलबा मिला था, इसके बाद वायु सेना द्वारा इसकी तस्वीरें जारी कर दी गई थी। जारी की गई तस्वीरों में स्पष्ट नज़र आ रहा है कि जिस जगह AN-32 का मलबा था वहाँ आसपास के पेड़ जले हुए थे जिससे यह संभावना जताई जा रही थी कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वहाँ आसपास के पेड़ों में आग लग गई होगी।

BJP में जा सकते हैं TDP के 6 में से 4 राज्यसभा सांसद, नायडू को बड़ा झटका: रिपोर्ट

तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के 6 में से 4 राज्यसभा सांसद जल्द ही अपना इस्तीफा सौंप कर भाजपा में शामिल होने वाले हैं। न्यूज़ 18 ने सूत्रों के हवाले से ख़बर देकर बताया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी, टीडीपी के प्रवक्ता सीएम रमेश और टीजी वेंकटेश राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारी हार का सामना करने वाले नायडू के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में अपने लिए बड़ी ज़मीन बनाने की उनकी सारी कोशिशें ध्वस्त हो चुकी हैं। कुछ दिनों पहले सीबीआई ने वाईएस चौधरी के ठिकानों की तलाशी ली थी।

राजग छोड़ कर विपक्षी एकता बनाने निकले नायडू को विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा और उनकी सीएम की कुर्सी खिसक गई। 176 सदस्यीय विधानसभा में उनकी पार्टी को महज 23 सीटें मिली। लोकसभा में और भी दुर्गति हुई। टीडीपी के बस 3 उम्मीदवार ही जीत दर्ज कर सके। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कॉन्ग्रेस ने नायडू की पार्टी को हर स्तर पर चित कर दिया।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान व उससे पहले नायडू लगातार भारत भ्रमण कर विपक्षी नेताओं से मिल कर एकजुटता के प्रयास में लगे हुए थे। उन्होंने लगभग सभी बड़े विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात की थी और खंडित जनादेश की स्थिति में तैयारी हेतु योजना बनाई थी। लेकिन, भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलते ही उनकी सारी योजनाएँ धराशाई हो गई और दिल्ली तो दूर की बात है, आंध्र में भी उनकी राजनीति पर ग्रहण लग गया। अब राज्यसभा में अगर उनके सांसद इस्तीफा देते हैं तो उनकी पार्टी के पास महज 2 राज्यसभा सांसद बच जाएँगे।

मैन इन भगवा: इंग्लैंड के खिलाफ केसरिया जर्सी पहनकर उतर सकती है टीम इंडिया- मीडिया रिपोर्ट्स

इस क्रिकेट वर्ल्‍ड कप में अब तक टीम इंडिया गहरे नीले रंग की जर्सी में नजर आई है। लेकिन खबर है कि नए नियमों के कारण भारतीय टीम के लिए ऑरेंज (केसरिया) रंग की दूसरी किट भी होगी। वर्ल्ड कप के कुछ मैचों में भारतीय टीम नीले रंग के बजाय ऑरेंज यानी भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतर सकती है। भारतीय टीम का अब अगला मुकाबला 22 जून को अफगानिस्तान से होना है और इसके बाद 30 जून को उसकी भिड़ंत मेजबान इंग्लैंड से होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, आईसीसी ने दूसरी जर्सी के रूप में टीम इंडिया को कोई और रंग चुनने को कहा था। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ऑरेंज (केसरिया) रंग चुना है।

क्या है भगवाकरण का उद्देश्य?

दरअसल, अफगानिस्तान और इंग्लैंड दोनों टीमों के खिलाड़ियों की जर्सी का रंग नीला है। जबकि रिपोर्ट्स के अनुसार आईसीसी के नियमों के मुताबिक, किसी भी ऐसे मैच में, जिसका प्रसारण टीवी पर होता है, दोनों टीमें एक ही रंग की जर्सी पहनकर नहीं उतर सकती हैं।

ICC लाई है जर्सी में भी फुटबॉल कि तरह  ‘होम’ और ‘अवे’ नियम

यह नियम फुटबॉल के ‘होम और अवे’ मुकाबलों में पहनी जाने वाली जर्सी से प्रेरित होकर बनाया गया है। आईसीसी ने इस बार जर्सी को लेकर एक नया फैसला लिया है जिसमें फुटबॉल कि तरह ‘होम’ और ‘अवे’ यानी, ‘घरेलू सरजमीं से बाहर’ प्रणाली के तहत प्रत्येक टीम (मेजबान टीम को छोड़कर) दूसरी जर्सी में भी नजर आएगी।
वर्ल्‍ड कप 2019 में इंग्‍लैंड, भारत, अफगानिस्‍तान और श्रीलंका की टीमों की जर्सी नीले रंग की है। ऐसे में नए दर्शकों को टीम पहचानने में परेशानी न हो, इसलिए होम और अवे मैच की तर्ज पर टीमों की जर्सी अलग-अलग रंग की होगी।

भगवा रंग की जर्सी पर होगी नीली पट्टी

टीम इंडिया की जर्सी की रंग नीला है और उसमें कॉलर पर भगवा रंग की पट्टी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उल्टा हो सकता है। टीम इंडिया की जर्सी भगवा रंग की हो सकती है जिसमें नीले रंग की पट्टी कॉलर पर होगी। साथ ही, यह भी संभावना है कि इंग्लैंड के खिलाफ सभी वनडे मैचों में भारत की जर्सी का रंग बदला हुआ होगा।

हालाँकि टीम प्रबंधन से जुड़े सारे लोगों को इस पर अब भी जानकारी नहीं है कि टीम को नए रंग की जर्सी पहनने की जरूरत है या नहीं। भारतीय टीम की किट स्पॉन्सर कंपनी नाइक के प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज को अपनी जर्सी का रंग बदलने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनका रंग किसी भी टीम की जर्सी से मेल नहीं खाता है।

लिबेरपंथी और मीडिया गिरोह हो सकता है धुआँ-धुआँ

अगर टीम इंडिया मैदान में भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतरती है, तो भगवा शब्द सुनते ही किलकारियाँ मारने वाला देश का एक बड़ा वर्ग खुद को कोड़े मारते हुए देखा जा सकता है। संसद से लेकर क्रिकेट वर्ल्डकप तक भगवाकरण होता देखना कुछ लोगों को जरूर दुःख दे सकता है। उनके लिए सलाह है कि वो आने वाले दिनों में सूती कपड़े पहनें, लम्बी साँसे लें, हाइड्रेटेड रहें, यात्रा करें और राहुल गाँधी के जन्मदिन पर चर्चा करें। वरना इमरजेंसी का माहौल हो सकता है और सेक्युलरिज़्म भी खतरे में पड़ सकता है।

‘ममता जी, अपराधी को उसके मजहब के कारण मत बख़्श दीजिए’

पश्चिम बंगाल में लगातार हो रहे घटनाक्रमों के बीच ममता बनर्जी बुरी तरह फँस गई हैं। लोकसभा चुनावों में बीजेपी के 18 सीट जीतने के बाद तो उनकी पकड़ पश्चिम बंगाल पर दिनों-दिन और ढीली पड़ती जा रही है। एक तरफ डॉक्टरों के हड़ताल और दूसरी तरफ वहाँ के नागरिकों द्वारा ‘जय श्री राम’ के जयघोष कई अवसरों पर प्रोटेस्ट करने वालों ने लगाए, जिससे उनकी परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। डॉक्टरों पर मजहबी भीड़ द्वारा किए हमले के बाद, अभी हाल ही में मिस इंडिया यूनिवर्स की घटना में भी कट्टरपंथियों का ही हाथ सामने आया है।

वह लगातार असमंजस में हैं कि कार्रवाई करें तो करें कैसे? अब उनकी मुश्किल थोड़ी आसान की है वहाँ के कुछ लोगों ने ही। कोलकाता के समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर हाल की घटनाओं पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है।

कोलकाता के लोगों द्वारा ममता बनर्जी को लिखा गया पत्र

पत्र में लिखा गया है कि लिखनेवाले कोलकाता में रहने वाले समुदाय विशेष से हैं, जो दशकों से यहाँ रह रहे हैं और हालिया दो घटनाओं से बेहद आहत हैं- पहला डॉक्टरों पर हमला और दूसरा पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता पर हमला।

उनका कहना है कि इन दोनों घटनाओं में शामिल आरोपित समुदाय विशेष से हैं। वे उनके ही मजहब के हैं, इससे वे और भी ज़्यादा आहत और खीझ से भरे हैं।

इसके बाद पत्र में उन्होंने अपने तरफ से ममता बनर्जी को दो रास्ते सुझाएँ हैं जिससे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। पत्र के अनुसार, पहला अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए। न केवल इस मामले में बल्कि उन सभी मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया जाए जहाँ दोषी या आरोपित समुदाय विशेष से हैं। उन्हें अवश्य गिरफ्तार किया जाना चाहिए क्योंकि लोगों के बीच यह मत पुष्ट होता जा रहा है कि तुष्टिकरण के कारण राज्य उन सभी अपराधियों को खुली छूट दे रही है जो खास समुदाय से आते हैं। ऐसे आरोपितों को राज्य द्वारा सिर्फ उनके मजहब के कारण बच के निकल जाने दिया जा रहा है या उन्हें कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

दूसरा सलाह है कि समुदाय विशेष बहुल इलाकों में ऐसे प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए जिससे मजहब के युवाओं में संवेदनशीलता और जागरूकता पैदा हो, खासतौर से जेंडर सेंसिटिविटी, कानूनों के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में। बेशक यह एक लम्बी प्रक्रिया है लेकिन इसकी शुरुआत होनी चाहिए।

दोनों मामलों में एक मामला पूर्व मिस इंडिया का है जिसमें, पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता ने खुद फेसबुक पर अपनी दास्ताँ बयाँ की है, और बताया है कि कैसे 6 लड़कों ने उनकी गाड़ी के साथ अपनी बाइक भिड़ाने के बाद उनके ऊबर कैब के ड्राइवर को बेरहमी से पीटा, उसकी गाड़ी तोड़ दी और उशोषी के भी साथ बदतमीज़ी की। और इस दौरान कोलकाता की पुलिस मूकदर्शक बनी ज्यूरिस्डिक्शन-ज्यूरिस्डिक्शन (मेरा एरिया-उनका एरिया) खेलती रही। यहाँ तक कि मामले की प्राथमिकी दर्ज करने से भी इनकार किया और मामला तूल पकड़ने के बाद ही ढंग से प्राथमिकी हुई

इसी मामले में, उशोषी ने तंज कसते हुए यह भी कहा, “अगर आपके साथ मारपीट, बदसलूकी, छेड़खानी या फिर मर्डर की घटना हो, तब पुलिस के पास जाने से पहले उनके सीमा क्षेत्र के बारे में जान लें, क्योंकि घटनास्थल पुलिस थाने की सीमा से 100 मीटर भी बाहर हुआ, तो वे मदद नहीं करेंगे।”

इसके अलावा व्यापक आक्रोश का मुद्दा बना डॉक्टरों के ऊपर हमला, कोलकाता स्थित नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार (10 जून) को एक बुजुर्ग मरीज मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय पर घातक हमला किया। डॉक्टरों की मानें तो करीब 200 की भीड़ ने मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर न्याय की माँग करते हुए हड़ताल पर चले गए थे।

मेरा बॉयफ्रेंड मुस्लिम है, पापा कहते हैं कि आतंकवादी है और उसे स्वीकार नहीं रहे: ऋतिक रोशन की बहन

जाने-अनजाने बीते कुछ वर्षों से ऋतिक रोशन का नाम विवादों से घिरा रहता है। कभी वो अपनी पत्नी सुज़ैन ख़ान को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं तो कभी अभिनेत्री कंगना रनौत से अपने रिश्ते को लेकर सवालों में घिरे रहते हैं। अब ऋतिक रोशन की बहन सुनैना रोशन ने अपने परिवार के ख़िलाफ़ एक बड़ा ख़ुलासा किया है। सुनैना ने अपने पिता राकेश रोशन, भाई ऋतिक रोशन समेत पूरे परिवार पर मारपीट का आरोप लगाया है।

Pinkvilla पोर्टल को दिए एक साक्षात्कार में, सुनैना ने अपने रिश्ते को स्वीकार किया और यह दावा किया कि कोई भी इस रिश्ते के पक्ष में नहीं था – न तो ऋतिक और न ही उनके पिता राकेश रोशन। सुनैना ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पिता ने उन्हें तब थप्पड़ मारा जब वो अपने रिश्ते के बारे में सब कुछ बता रहीं थीं।

पोर्टल ने सुनैना के हवाले से लिखा:

“पिछले साल (मुझे प्यार हो गया) और क्योंकि मुझे एक मुस्लिम व्यक्ति से प्यार था, मेरे पिता ने मुझे थप्पड़ मारा था और मुझे बताया था कि जिस लड़के से मैं प्यार करती थी वह एक आतंकवादी था, जो कि रुहेल नहीं है। अगर वह एक आतंकवादी होता तो वो मीडिया में काम करते हुए आज़ाद कैसे घूम रहा होता? क्या वह सलाखों के पीछे नहीं रह रहा होता? मैं पिछले साल फेसबुक के माध्यम से रूहेल से मिली थी, लेकिन मैंने उसका नंबर सेव नहीं किया था, क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मेरे माता-पिता को इस बारे में पता चले।”

सुनैना ने कहा, “मैं इस बारे में (आतंकवादी होने के विषय में) बात नहीं करना चाहती थी, लेकिन मैं चाहती हूँ कि वे (रोशन परिवार) अभी रुहेल को स्वीकार करें क्योंकि वे मेरे जीवन को नरक बना रहे हैं और मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती… वे नहीं चाहते कि मैं उनसे (रुहैल) मिलूँ। मैं शादी के बारे में कुछ नहीं जानती, लेकिन अभी मैं रूहेल के साथ रहना चाहती हूँ। सिर्फ़ इसलिए कि वह मुस्लिम है, वे (रोशन परिवार) उसे स्वीकार नहीं कर रहे।”

इससे पहले भी सुनैना ने एक साक्षात्कार में अपनी पारिवारिक स्थिति का ज़िक्र किया था और कहा था, “हाँ, निश्चित तौर पर कुछ मुद्दे हैं, लेकिन कृपया मुझे इस बारे में बात करने के लिए न कहें क्योंकि यह मेरे परिवार के बारे में है और मैं नहीं चाहती कि वे प्रभावित हों।”

इससे पहले कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने इस बात का ख़ुलासा करके सबको अचंभित कर दिया था कि सुनैना ने अपने इस बुरे हालात में कंगना से मदद की गुहार लगाई है। अपने ट्वीट में रंगोली चंदेल ने लिखा कि सुनैना रोशन को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा क्योंकि वो दिल्ली के एक मुस्लिम व्यक्ति से प्यार करती हैं। पिछले हफ्ते परिवार वालों ने एक महिला पुलिसकर्मी से सुनैना को थप्पड़ मरवाया। इतना ही नहीं उनके पिता ने भी उन्हें मारा और भाई ऋतिक उन्हें सलाखों के पीछे डालने की कोशिश कर रहा है।

अपने ट्वीट में रंगोली चंदेल ने यह भी लिखा कि उन्हें डर है कि कहीं रोशन परिवार सुनैना को किसी तरह की कोई हानि न पहुँचा दे। मैं इस बात का ख़ुलासा सार्वजनिक तौर पर कर रही हूँ कि सुनैना कंगना को कॉल करती हैं और रोती हैं। कंगना नहीं जानतीं कि वो सुनैना की कैसे मदद करें, इसलिए उन्होंने सुनैना का नंबर ब्लॉक कर दिया। हमें सुनैना की फ़िक्र है, हर किसी को उस इंसान से प्यार करने का हक़ है, जिसे वो चाहता है।

फ़िलहाल, इस पूरे घटनाक्रम पर रोशन परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ऋतिक की एक्स वाइफ़ सुज़ैन रोशन परिवार के सपोर्ट में नज़र आईं हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने लिखा, “इस प्यारी सी फैमिली में एक लंबा अरसा रहने के बाद और फैमिली के लोगों के साथ अपने अनुभव के आधार पर मैं बताना चाहती हूँ कि सुनैना बेहद प्यारी और सभी की परवाह करने वाली इंसान हैं, लेकिन अभी वह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में हैं। सुनैना के पिता (राकेश रोशन) शारीरिक बीमारी से गुज़र रहे हैं और उनकी माँ भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए मैं रिक्वेस्ट करूँगी कि ऐसे मुश्किल समय में परिवार का सम्मान करें। ऐसी परिस्थितियाँ हर परिवार में आती हैं। मुझे यह सब कहने की इसलिए ज़रूरत पड़ी क्योंकि मैं एक लंबे समय तक इस परिवार का हिस्सा रही हूँ।”

मुद्रा योजना का बढ़ेगा दायरा, 30 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा, होगा रोजगार सृजन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार (जून 20, 2019) को संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने संसद को संबोधित करते हुए सभी निर्वाचित लोगों को बधाई दी।
उन्होंने अपने संबोधन में मोदी सरकार 2.0 के एजेंडे को देश के सामने रखा। इस दौरान उन्‍होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सरकार के एक खास प्रस्‍ताव का भी जिक्र किया। इस प्रस्‍ताव के लागू होने के फायदा 30 करोड़ लोगों तक पहुँचने की उम्‍मीद है।

राष्ट्रपति अपने इस अभिभाषण में सरकार की भावी योजनाओं और उसके एजेंडे को देश के सामने रखते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार दी, दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया जो कि विकास यात्रा को आगे बढ़ाने का जनादेश है।

स्वरोजगार के लिए अभी तक दिए जा चुके हैं लगभग 19 करोड़ लोगों को लोन

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ लोगों को लोन दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि मुद्रा लोन का अब 11 करोड़ अतिरिक्‍त लोगों तक फायदा पहुँचने की उम्‍मीद है। इसके साथ ही कारोबारियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के कर्ज की योजना भी लाई जाएगी।

स्वरोजगार के लिए 2015 में हुई थी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 

वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए तीन अलग-अलग कैटेगरी में 50 हजार से 10 लाख रुपए तक छोटी रकम का लोन दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि इस योजना के जरिए स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन मिल सके ताकि छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार का सृजन भी हो। कोई भी व्यक्ति, जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है, वह इस योजना के तहत लोन ले सकता है। 

कैबिनेट की पहली बैठक में ही छोटे दुकानदारों और रीटेल ट्रेडर्स के लिए एक अलग ‘पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का लाभ लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा। राष्‍ट्रपति ने आगे बताया कि ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लोन दिया जा चुका है। 

राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2014 से पहले निराशा का माहौल था। देश के प्रत्येक व्यक्ति को समृद्ध करना हमारी सरकार का लक्ष्य है और यह विश्वास ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास‘ पर आधारित है। साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के प्रति जनविश्वास बढ़ा है।

रात को निकाह, सुबह तलाक़: पुराने कपड़े और हल्के ज़ेवर देने पर 150 बारातियों को बनाया बंधक

झारखण्ड के देवघर में निकाह के महज़ 10 घंटों बाद तलाक़ देने का मामला समाने आया है। यह घटना सारठ क्षेत्र के पिंडारी गाँव की है। तलाक़ का कारण जान कर आप भी चौंक जाएँगे। यह तलाक़ इसलिए हुआ क्योंकि वर पक्ष की तरफ़ से दुल्हन को पुराने कपड़े देने के बाद विवाद हुआ। मुस्लिम समाज में परम्परा के अनुसार, शादी में दुल्हन को शगुन के तौर पर नक़ाब, लहँगा और सलवार-सूट दिए जाते हैं। वर पक्ष के लोगों ने इस दौरान पुराने कपड़े भेंट में दिए। इसके बाद कन्या पक्ष लोग नाराज़ हो गए और उन लोगों में चर्चा होने लगी कि निकाह में ही जब पुराने कपड़े दिए जा रहे हैं तो निकाह के बाद अल्लाह ही जाने की कैसा व्यवहार दिया जाएगा?

इसके बाद नाराज़ कन्या पक्ष वालों ने नए कपड़े लेने की ज़िद ठान दी। वर पक्ष का कहना था कि नए कपड़े ख़रीदे गए थे लेकिन सब घर पर छूट गए हैं। बवाल बढ़ने पर सभी बारातियों को बंधक बना लिया गया। विवाद इतना बढ़ गया कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख और मुखिया अब्दुल मियाँ को वहाँ पहुँच कर हस्तक्षेप करना पड़ा। दरअसल, सोनारायठाढ़ी के मोहनपुर गाँव के खुर्शीद मियाँ के बेटे आरिफ़ अंसारी का फ़ातेमा से 18 जून को निकाह तय हुआ था। इसके लिए लड़की पक्ष वालों ने दहेज के तौर पर 1.72 लाख रुपए नक़द और एक लाख रुपए का सामान दिया था।

लेकिन उसके बाद कपड़ों के लिए विवाद हुआ। परिणाम यह हुआ कि ग्रामीणों की मौजूदगी में ही निकाह के 10 घंटे भी नहीं बीते थे कि तलाक़ भी हो गया। आरिफ़ अपने गाँव में किराना की दुकान चलाता है। वे सभी मंगलवार (जून 18, 2019) को 150 बारातियों के साथ कन्या पक्ष के यहाँ पहुँचे थे। कन्या पक्ष का यह भी कहना था कि ज़ेवर काफ़ी हल्के हैं। दुल्हन को आशंका थी कि ससुराल में उसके साथ बदसलूकी की जा सकती है। विधायक पत्रलेख ने इस बारे में कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज के लिए सही नहीं है। उन्होंने तलाक़ को ग़लतफ़हमी का परिणाम बताया।

आँख की पुतली काटी, पसली तोड़ी, शरीर को जलाया: 4 महीने तक बेटे-बहु करते रहे अत्याचार

दुबई में एक 29 वर्षीय भारतीय व्यक्ति की माँ की मौत के आरोप में अदालत ने व्यक्ति और उसकी पत्नी पर मामला दर्ज किया है। खबरों के मुताबिक शारीरिक रूप से मिली प्रताड़ना व्यक्ति की माँ की मौत का मुख्य कारण है क्योंकि जाँच में उनकी हड्डियों और पसलियों में फ्रैक्चर पाया गया है। साथ ही मीडिया रिपोर्टों में उनके शरीर में हुई इंटरनल ब्लीडिंग की बात भी सामने आई है और उनके शरीर पर जलने के निशान भी पाए गए हैं।

हालाँकि दंपत्ति की पहचान का अभी खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन कोर्ट की पहली सुनवाई में ये पता चल गया है कि उस व्यक्ति (आरोपित) ने और उसकी पत्नी ने अपनी माँ पर बेरहमों की तरह अत्याचार किया। माँ, जिसे भगवान का रूप कहा जाता है, उसके साथ इस दंपत्ति ने क्रूरता की हर सीमा पर दी। इन्होंने बुजुर्ग महिला की दाहिनी आँख की पुतली और बाईं आँख के कुछ भागों तक को काट दिया।

बुजुर्ग महिला पर बेटे-बहु द्वारा ये अत्याचार जुलाई 2018 से लेकर अक्टूबर 2018 तक चला। एक फॉरेंसिक डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बुजुर्ग महिला की मौत के समय उनका वजन 29 किलो था। जिसके मद्देनजर डॉक्टर ने उनकी मौत की एक वजह खाना न मिलने को भी बताया। फिलहाल, दंपत्ति को हिरासत में ले लिया गया है लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे इल्जामों से साफ़ मना किया है।

गौरतलब है इस मामले को दुबई के अल-कसैस पुलिस थाने में एक 54 वर्षीय महिला द्वारा दर्ज करवाया गया है, जो इस दंपत्ति की पड़ोसी होने के साथ अस्पताल की कर्मचारी भी हैं। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले महिला (बुजुर्ग महिला की बहु) उनके घर अपनी बेटी को लेकर आई और बताया कि उनकी सास भारत से आई हैं, लेकिन वो उनकी लड़की का अच्छे से ध्यान नहीं रख पाती हैं और जब वो ख्याल रखती हैं तो बच्ची बीमार हो जाती है। महिला ने बताया, “वो चाहती थी कि मैं बच्ची का ध्यान रखूँ”

लेकिन 3 दिन बाद, उसी महिला ने देखा कि वो बुजुर्ग महिला अपने घर की बालकनी में गिरी पड़ी है, उनके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं है और उनके शरीर पर जलने के निशान भी है। महिला की हालत देखते ही उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड को बताया। फिर उन्होंने जाकर दरवाजे को दंपत्ति के घर का दरवाजा खटखटाया। वहाँ बुजुर्ग महिला जमीन पर पड़ी हुई थी, उनकी हालत बहुत गंभीर थी, उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता थी, इसलिए उन्होंने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई।

महिला गवाह ने अपने बयान में बताया कि बुजुर्ग महिला को जब अस्पताल भेजा जाने लगा तो वो बहुत दर्द में थीं, उनके हाथ-पाँव सूज रखे थे। वो चिल्ला रही थी और कराह रही थी। जब महिला के बेटे से उनके जले शरीर के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उन्होंने अपने ऊपर गर्म पानी डाल लिया था।

जानकारी के अनुसार महिला गवाह ने यह भी बताया कि लड़का अपनी माँ से दूर-दूर रह रहा था, यहाँ तक उसने उस समय भी मदद नहीं की जब उन्हें उठा कर एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था। अस्पताल पहुँचने के बाद डॉक्टर ने अपनी जाँच में बताया कि बहुत थोड़े समय में बुजुर्ग महिला पर बहुत अत्याचार हुए। उनके शरीर पर जलने के निशान मिले। जाँच में बताया गया कि उनकी हड्डियाँ और पसलियाँ भी फ्रैक्चर थीं, उनकी आँख की पुतली पर कट था और आतंरिक ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टर का कहना था कि उन्हें अलग-अलग औजारों से मारा और जलाया गया है, उनकी देखरेख नहीं हुई और उन्हें भूखा रखा गया, जिसके कारण उनकी ऐसी हालत हुई। हॉस्पिटल के मुताबिक उनकी मौत 31 अक्टूबर 2018 को हुई थी।

पूर्व PM को राज्यसभा भेजने के लिए दूसरी पार्टी से मदद की गुहार, कॉन्ग्रेस की हालत जार-जार

पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा में कॉन्ग्रेस पार्टी से सदस्य डॉ मनमोहन सिंह को एक बार फिर सदन तक पहुँचाने के लिए पार्टी खूब कोशिश कर रही है।

पाँच बार उच्च सदन के सदस्य रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल 15 जून को पूरा चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब पार्टी उन्हें तमिलनाडु से राज्यसभा भेजने की तैयारी में जुटी है। इसलिए कॉन्ग्रेस पार्टी ने तमिलनाडु में अपनी सहयोगी पार्टी डीएमके से उसकी तीन सीटों में से एक सीट माँगी है।

बता दें सूबे की 6 राज्यसभा सीटों पर इस महीने चुनाव होना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें से तीन सीटें डीएमके के खाते में जा सकती हैं और बाकी की सीटें एआईएडीएमके के हिस्से में जाएँगी। लेकिन तमिलनाडु की राजनीति में बात यहाँ आकर अटक रही है कि डीएमके ने आम चुनावों से पहले एमडीएमके के मुखिया वाइको को एक सीट देने का वादा किया था, और अब कॉन्ग्रेस ने भी उनसे अपने लिए एक सीट माँग ली है।

ऐसे में अगर कॉन्ग्रेस की माँग पर डीएमके अध्यक्ष हामी भर देते हैं तो उनकी पार्टी के खाते में महज एक ही सीट आएगी। खबरों के मुताबिक कॉन्ग्रेस की इस माँग पर डीएमके गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन ये बात भी सच है कि कॉन्ग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर उतरी डीएमके के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वो इस माँग को स्वीकारे।

गौरतलब है, अगर मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से जुलाई में मैदान में नहीं उतारा जाता है, तो राज्यसभा तक पहुँचने के लिए उन्हें अप्रैल 2020 तक इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि तब कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से 55 सदस्य रिटायर हो जाएँगे। ऐसे में देखना है कि कॉन्ग्रेस के आग्रह पर डीएमके क्या जवाब देती है और पूर्व प्रधानमंत्री को उच्च सदन में पहुँचाने के लिए क्या फैसला लेती है?