Friday, October 4, 2024
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बजट 2019: PM मोदी ने वीडियो में दी प्रतिक्रिया, कहा यह है #BudgetForNewIndia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत बजट 2019 को नए भारत का बजट कहते हुए कहा कि यह बजट हर भारतीय नागरिक के लिए है। उन्होंने ट्विटर पर वीडियो जारी करते हुए बजट पर अपनी राय रखी:

बजट 2019: टैक्स जमा करने की प्रक्रिया को सरकार ने बनाया आसान

भाजपा सरकार की तरफ़ से अंतरिम बजट को पेश करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने टैक्स जमा करने वालों के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान किया है। अपने भाषण के दौरान गोयल ने एक कविता पढ़ी जिसकी पंक्ति है- ‘एक पाँव रखता हूँ, हजार राहें फूट पड़ती हैं।’ गोयल की यह पंक्ति काफ़ी हद तक भाजपा सरकार के लिए सटीक लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र में सरकार बनने के बाद नोटबंदी, जीएसटी जैसे बड़े फै़सले लेने के बाद मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को उम्मीद से अधिक सफ़लता मिली है। सरकार के इन सभी फ़ैसलों का जैसे-जैसे परिणाम आता गया, इन मुद्दों पर विपक्ष की बोलती बंद हो गई।

केंद्र सरकार ने टैक्स की सीमा को 2.5 लाख रूपए से बढ़ाकर पाँच लाख रूपए कर दिया है। इस तरह सरकार के इस फ़ैसले से बड़ी संख्या में देश के मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में यह भी बताया कि टैक्स ज़मा करना पहले की तुलना में अब अधिक आसान बनाया जाएगा। सरकार ने बताया कि टैक्स अफ़सर की भूमिका अब ख़त्म की जाएगी। टैक्स से जुड़ी हर तरह की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सभी समस्याओं का ऑनलाइन समाधान किया जाएगा।

बजट पेश करते हुए गोयल ने यह भी कहा कि अगले दो साल में आईटीआर वेरिफिकेशन तुरंत ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसमें किसी टैक्स अफसर की भूमिका नहीं होगी। आगे चलकर स्क्रूटनी के लिए भी दफ्तर नहीं जाना होगा। टैक्स अफसर कौन है और टैक्स देने वाला कौन है, यह दोनों को पता नहीं चल पाएगा।

इस तरह यह प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद दो प्रमुख फ़ायदे होंगे- पहला फ़ायदा तो यह होगा कि टैक्स देने वाले लोगों को किसी दफ़्तर का चक्कर नहीं लगाना होगा, जबकि टैक्स जमा करने की पूरी प्रक्रिया भी आसानी से ऑनलाइन निपटाया जा सकेगा। इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि ऑनलाइन प्रक्रिया होने की वजह से भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा।  

गोयल ने सदन में टैक्स से जुड़ी जानकारी को साझा करते हुए कहा कि 99.54 प्रतिशत इनकम टैक्स रिटर्न्स को बिना किसी छानबीन के मंजूर किया गया है। अब 24 घंटे में सभी इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होंगे और तुरंत रिफंड दिए जाएंगे।

यही नहीं अपने बजट भाषण में पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि टैक्स कलेक्शन 2014 में 6.38 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 12 लख करोड़ रुपए हुआ है। इसके अलावा 6.85 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हुए हैं।

जीएसटी लागू होने के बाद निश्चित रूप से लोगों को टैक्स जमा करने के दौरान कुछ मुश्किलों का सामाना करना पड़ा। नई टैक्स प्रक्रिया की वजह से मध्यम वर्ग के लोगों को चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकीलों के पास चक्कर लगाना पड़ता था। इस तरह टैक्स जमा करने के लिए लोगों को काफ़ी समय व पैसा इंवेस्ट करना होता था।

देश में आर्थिक बदलाव की इस नई प्रक्रिया को आदतों में लाना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल भी था। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि लंबे समय से लोगों को टैक्स डिपार्टमेंट के सुस्त काम-काज की आदत लग गई थी। ऐसे में टैक्स सिस्टम के खामियों का फ़ायदा उठाकर टैक्स चोरी करना पहले की तुलना में अधिक मुश्किल हो गया। लोगों के लिए हर हाल में किसी भी तरह के आय को जीएसटी पर दिखाना अनिवार्य हो गया।

ऐसे में जो नई व्यवस्था आई उसको लेकर लोगों की परेशानी उचित ही थी। लेकिन जल्द ही टैक्स जमा करने के लिए रजिस्टर्ड करने वाले लोगों की संख्या में काफ़ी वृद्धि देखने को मिली।

यही वजह था कि जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2018 तक एक करोड़ लोगों ने इसके लिए पंजीकरण तो कराया, लेकिन 50 फ़ीसदी लोग अभी टैक्स नहीं दे रहे थे। इन लोगों द्वारा पैसा नहीं जमा करने के पीछे जीएसटी तकनीक एक बड़ा मुद्दा था।

सरकार ने इस तकनीक को आसान बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया। इस तरह अब टैक्स जमा करने वालों को न तो किसी कर्मचारी के चक्कर लगाने होंगे और न ही किसी की जेब गर्म करनी होगी।

बजट 2019ः मोदी सरकार के बीते 5 सालों के बजट का सफ़र

केंद्र की मोदी सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह केंद्रीय मंत्री व कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल संसद में बजट 2019-20 पेश किए। मोदी सरकार का यह अंतरिम बजट है। इसमें आने वाले अगले तीन-चार महीने के खर्चे का ध्यान रखा गया। आइए आपको हम मोदी सरकार के पिछले पाँच सालों में बजट घोषणाओं की मुख्य बातों से अवगत कराते हैं।

केंद्रीय बजट 2014-15

सरकार ने इस बजट में करदाताओं को लाभ दिया था। संसद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने व्यक्तिगत कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख से 2.5 लाख कर दिया था। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाकर 3 लाख किया गयाा था।

इसके साथ ही निवेश की सीमा को 80C के तहत 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख, जबकि आवास ऋण ब्याज दर कटौती की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख की गई थी। इसके साथ ही जमाकर्ताओं को और राहत देते हुए (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) जमा सीलिंग को 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख प्रतिवर्ष करने का ऐलान किया गया था।

केंद्रीय बजट 2015-16

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के इस बजट में मिडिल क्लास को राहत देते हुए व्यक्तिगत इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया था। सरकार ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा 15,000 से बढ़ाकर 20,000 कर दिया था। इसके अलावा परिवहन भत्ता छूट में बढ़तरी करते हुए उसे दोगुना करते हुए 1,600 कर दिया गया था।

एनडीए सरकार के पहले पूर्ण बजट में, जेटली ने अगले चार वर्षों में कॉर्पोरेट टैक्स में 5% के कमी की घोषणा की थी। इसके अलावा 1 करोड़ से अधिक के राजस्व वाले ‘सुपर-रिच’ व्यक्तियों पर कुल अधिभार में 2% की वृद्धि करते हुए 12% दिया गया था।

केंद्रीय बजट 2016-17

इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कम आय वाले करदाताओं को राहत देते हुए प्रति वर्ष 5 लाख से अधिक की आय के वालों के लिए कर छूट की सीमा 2000 से बढ़ाकर 3000 करने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही जिन लोगों के पास खुद का घर नहीं था और उन्हें मकान का किराया भत्ता नहीं मिल पाता था, उन्हें 24,000 के मुकाबले 60,000 प्रति वर्ष की कटौती की भी वित्त मंत्री ने घोषणा की थी।

इसके अलावा पहली बार होम बायर्स को भी 35 लाख तक के ऋण के लिए प्रति वर्ष
50,000 की कटौती मिली थी। लेकिन शर्त ये थी कि घर का मूल्य 50 लाख से अधिक न हो।

केंद्रीय बजट 2017-18

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए इस बजट में कर की दर में बदलाव करते हुए 5 प्रतिशत घटाकर 5 लाख करने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन जिनकी कमाई 50 लाख और 1 करोड़ के बीच है, उनपर 10% का अधिभार प्रस्तावित किया गया था।

इसके अलावा 93 सालों में यह पहली बार हुआ था कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बनाकर पेश किया गया था। हालाँकि इस बार बजट में रेल यात्रियों को किराए में छूट और बढ़ोतरी जैसे कोई ऐलान नहीं किए गए थे।

केंद्रीय बजट 2018-19

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स के स्लैब तथा दरों में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन 40,000 का नया स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव रखा गया था। जिसने मौजूदा ट्रांसपोर्ट एलाउंस 19,200 तथा मेडिकल री-इम्बर्समेंट 15,000 का स्थान लिया। इसमें पेंशन भोगियों को ट्रांसपोर्ट एलाउंस तथा मेडिकल री-इम्बर्समेंट के फायदे को ध्यान में रखा गया था।

कुल मिलाकर इस बजट का केंद्र बिंदु ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की सरकार की योजना थी। यह 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को सेकेंडरी और टर्सियरी (Secondary & Tertiary) लेवल के अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष  ₹5 लाख तक की कवरेज प्रदान करता है।

बजट 2019 में तो ‘मोदी-मोदी’ हो गया, लेकिन फ़्यूचर का विज़न क्या है सरकार का?

केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने 2030 में 10 सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण आयामों को सूचीबद्ध करते हुए अगले दशक के लिए अपनी परिकल्‍पना पेश की है। उन्‍होंने कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जहाँ गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिक से संचालित, उच्‍च विकास के साथ एक समान और पारदर्शी समाज होगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत अगले पाँच वर्षों में पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था होने की ओर अग्रसर है और इसके पश्‍चात यह 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी।

गोयल द्वारा उल्‍लेखित परिकल्‍पना-2030 के आयाम निम्‍नलिखित हैं:-

  1. इस परिकल्‍पना के प्रथम आयाम के अंतर्गत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना है।
  2. परिकल्‍पना के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है जहाँ हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्‍यापक स्‍तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम मे लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्व करेगा।
  3. भारत को प्रदूषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए इलैक्ट्रिकल वाहनों और नवीकरण ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देना।
  4. आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगीकीकरण विस्तार के माध्‍यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
  5. सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने के माध्‍यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।
  6. सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्‍यम से देश के विकास को सशक्‍त बनाना।
  7. हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम-गगनयान, भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने का “लांच पैड” बन चुका है और 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना इस आयाम को दर्शाता है।
  8. सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्‍पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्म निर्भर बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों का निर्यात करना।
  9. 2030 तक स्वस्थ भारत और एक बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल एवं व्यापक आरोग्यकर प्रणाली के साथ-साथ आयुष्‍मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्‍वपूर्ण घटक होगा।
  10. भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम अभिशासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना जहाँ एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के अभिशासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।

साभार: पत्र सूचना कार्यालय

बजट 2019: देश की सड़कों के लिए क्या रहा खास

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सड़क और परिवाहन से संबंधित ये घोषणाएँ की हैं।

  • देश में 27 किमी हाईवे का निर्माण प्रत्येक दिन किया जा रहा है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण तिगुना हुआ।
  • ब्रॉडगेज पर मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करने का ऐलान भी किया गया।
  • कोलकाता-वाराणसी के बीच नदी पर जलमार्ग शुरू हुआ।

ग्रामीण सड़कों के लिए ₹19 हजार करोड़
कार्यवाहक वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच साल में हमने गाँवों में शहरों जैसी सुविधाएँ दी हैं और सड़कों का विकास तेज़ी से किया जा रहा है। आज भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हाईवे बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ने इसमें काफी योगदान दिया। गाँव की सड़कों के लिए 19 हजार करोड़ इस साल दिए जाएँगे।

10 तस्वीरों में बजट 2019 का सार

केंद्रीय कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि पिछले पाँच वर्षों से भारत वैश्विक इकॉनमी में छाया रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्होंने अपने बजट अभिभाषण की शुरुआत की। अपने भाषण में उन्होंने किसानों से लेकर महिलाओं, ग्रामीण लोगों, मज़दूरों, पेंशनधारकों, टैक्सदाताओं और समाज के हर वर्ग के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की बात की।

आइए जानते हैं बजट 2019 को इन दस तस्वीरों से:

बजट 2019 में मिली आँकड़ों के साथ महिला सशक्तिकरण को भी जगह

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज 11 बजे से अंतरिम बजट को संसद में पेश करना शुरू किया। देश में हर तबके का ख्याल रखते हुए उन्होंने महिलाओं के लिए भी बात की।

उज्ज्वला योजना ने किया 6 करोड़ रसोई से चूल्हे का धुआँ दूर

इस बजट में प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए शुरू की गई उज्ज्वला योजना की भी बात हुई। इसमें उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक महिलाओं को 6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अगले साल तक यह गैस कनेक्शन 8 करोड़ लोगों को दे दिया जाएगा। ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के ज़रिये भाजपा ने देश के लिए एक ऐसा सपना देखा, जहाँ हर घर की रसोई में चूल्हे के धुएँ की जगह एलपीजी सिलिंडर पहुँचाए गए।

उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले से इस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें 5 करोड़ महिलाओं की रसोई में मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। पर, हाल ही के आँकड़ों पर यदि पर गौर करें तो इस योजना ने 6 करोड़ का आँकड़ा छू लिया है। एलपीजी की शुरुआत के बाद से 50 वर्षों में केवल 13 करोड़ कनेक्शन लोगों को उपलब्ध कराए गए थे, जबकि पिछले 54 महीनों में सरकार ने लगभाग इतने ही कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। आज लगभग 80 प्रतिशत लाभार्थी अपने एलपीजी सिलेंडरों की रीफ़िलिंग करवा रहे हैं।

मुद्रा योजना के लाभान्वितों में 75% है महिलाएँ

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत जिन लोगों को फ़ायदा पहुँचा है। बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी है। इस मुद्रा योजना की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत लोन लेने वाले चार लोगों में से तीन महिलाएँ हैं।

इस योजना ने आज के समय मे कई महिलाओं को सशक्त किया है। ‘मुद्रा योजना’ के तहत कुल मिलाकर ₹7,23,000 करोड़ के 15.56 करोड़ ऋण वितरित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री मातृत्व योजना से हुई महिलाएँ सशक्त

महिलाओं की सशक्तिकरण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व योजना में महिलाओं को 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव दी जा रही है। जिससे आज के समय में महिलाएँ सशक्त हुई हैं। ‘प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना‘ के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ₹6,000 की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है।

इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करना है और नकदी प्रोत्साहन के ज़रिए उनके जीवन को स्वावलंबी बनाना है। इस योजना के लाभ से माँ और बच्चे दोनों को पोषण प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके। जनवरी 2017 में इस योजना के तहत मोदी सरकार ने कुल बजट ₹12,661 करोड़ तय किया जिसमें से ₹7,932 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाना तय हुआ, बाक़ी राशि संबंधित राज्यों द्वारा वहन की जाएगी। इस योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि योजना की राशि सीधे बैंक में भेजी जाती है जिससे इसके दुरुपयोग न किया जा सके।

40 हज़ार तक के कर्ज़ पर महिलाओं को नहीं देना होगा टैक्स

इसके अलावा इस अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए घोषणा हुई है कि महिलाओं को अब 40 हज़ार तक के लोन के लिए किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला महिलाओं को उनके सपने पूरे करने में एक कारगर फैसला साबित होगा।

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार की वो योजनाएँ जिन्होंने बदल दी ग्रामीण महिलाओं की ज़िंदगियाँ

‘गौमाता के सम्मान से कभी पीछे नहीं हटेगी सरकार’- अमित शाह ने किया सरकार का अभिनंदन

अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा: “यह सरकार गौमाता के सम्मान में कभी पीछे नहीं हटेगी”

गोयल ने घोषणा की है कि सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए ₹750 करोड़ आवंटित किए हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय कामधेनु आयोग भी स्थापित किया जाएगा।

गोयल ने बताया कि गौ संसाधनों के आनुवंशिक उन्नयन को स्थाई रूप से बढ़ाने और गायों के उत्पादन एवं उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग स्थापित किया जाएगा। यह आयोग गायों के लिए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और कल्याणकारी योजनाओं के कार्य को भी देखेगा।  

बजट 2019: सबसे सुरक्षित हुआ रेल से सफ़र, रेल बजट पर बड़ा ऐलान

कार्यवाहक वित्‍त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि रेलवे का समग्र पूँजीगत व्‍यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपए का है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि वंदे भारत एक्‍सप्रेस से देश को वर्ल्‍ड क्‍लास रेलवे की सुविधा दी जाएगी। खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से भारतीय इंजीनियरों ने तैयार किया है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि यह भारतीय रेलवे के लिए सबसे सुरक्षित साल रहा है और अब देश में एक भी मानवरहित क्रॉसिंग नहीं है।

समझे ग्राफिक से पूरा रेल बजट

वंदे भारत एक्‍सप्रेस

स्‍वेदश में पहली बार विकसित एवं निर्मित सेमी हाई-स्‍पीड ‘वंदे भारत एक्‍सप्रेस’ का परिचालन शुरू होने से भारतीय यात्रियों को तेज रफ्तार, बेहतरीन सेवा एवं सुरक्षा के साथ विश्‍वस्‍तरीय अनुभव होगा। हमारे इंजीनियरों द्वारा पूर्ण रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगाई गई इस उल्‍लेखनीय ऊँची छलांग से ‘मेक इन इंडिया’ को काफ़ी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही रोजगारों का सृजन भी होगा।

भारतीय रेलवे के इतिहास में यह वर्ष सर्वाधिक सुरक्षित वर्ष रहा, ब्रॉड गेज लाइनों पर मानवरहित लेवल क्रॉसिंग समाप्त हुआ।

₹5 से ₹6.5 लाख तक कमाने वालों पर कोई टैक्स नहीं; बजट 2019 में मिडिल क्लास को बड़ी राहतें

टैक्सदाताओं का ध्यान रखते हुए, और मिडिल क्लास की बात करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई घोषणाएँ प्रस्तावित की। उन्होंने कहा कि ये अंतरिम बजट है, तो अभी वो सिर्फ़ प्रस्ताव ही रख सकते हैं। उन्होंने मिडिल क्लास और टैक्स देने वाले लोगों को बहुत बड़ी राहत देते हुए कई बातें कही:

टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई

अब 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं: टैक्स छूट की सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई। यानी अब आयकर की सीमा पाँच लाख कर दी गई। इस ऐलान के बाद सदन में मोदी-मोदी का नारा गूंजने लगा। 3 करोड़ लोगों को इससे फायदा होगा। इस ऐलान के बाद अब 3 करोड़ लोग इससे मुक्त हो जाएंगे। निवेश करने पर ₹6.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा।

श्री गोयल ने आगे कहा, “कलेक्शन से 12 लाख करोड़ मिले हैं। 99.94 प्रतिशत पैसा बिना स्क्रूटनी के सिस्टम में लौटा है। 6.85 करोड़ लोगों ने टैक्स भरा है। टैक्सपेयर्स की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 हो गई है। नोटबंदी की वजह से 1.30 हजार करोड़ का फायदा हुआ है। 1.30 हजार करोड़ का टैक्स मिलने से सिस्टम को फायदा हुआ है। नोटबंदी के बाद से 1 करोड़ से ज्यादा नए टैक्सपेयर्स जुड़े हैं। 99.94 प्रतिशत पैसा बिना स्क्रूटनी के सिस्टम में लौटा है।”

बजट 2019 में टैक्स और जीएसटी से जुड़ी घोषणाएँ

• इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब ऑनलाइन है। पिछले वर्ष सभी प्रकार के रिटर्न्स 99.54% स्वीकार किया गया। यह इनकम टैक्स रिटर्न 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुआ है।
• टैक्स बेस में 80% तक की बढ़त, प्रत्यक्ष कर भुगतान की सुविधाओं को आसान बनाकर हमने आम आदमी के जीवन को आसान करने की ओर प्रयास किए हैं और टैक्स रेट्स को कम किया है, जिसका नतीजा ये है कि 2013-14 की तुलना में कुल जमा टैक्स 6 लाख 38 हजार करोड़ से इस वर्ष 12 लाख करोड़ रुपए के स्तर तक पहुँच पाया है।
• टैक्स देने वालों की संख्या 89 फ़ीसद तक बढ़ी
• घर खरीदने पर GST कम करने पर विचार
• GST घटने से लोगों को 80,000 करोड़ की राहत मिली
• छोटे कारोबारियों पर तीन महीने में एक जीएसटी रिटर्न
• जनवरी का जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार
• अब रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक जाँच होगी
• 6.85 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा
• रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद बढ़ी
• 2018-19 में 12 लाख करोड़ रूपए टैक्स जमा हुआ
• टैक्स दरें घटाने का ऐलान
• आधार के ज़रिये बिचौलियों को हटा दिया गया
• पाँच साल में 34 करोड़ जन-धन बैंक खाते खोले गए
• देश में सबसे ज़्यादा हैं मोबाइल यूज़र