देश लौटने के बाद नौक्षम ने महसूस किया कि उनके घर, परिवार, राज्य को उन जैसे लोगों की जरूरत हैं। उन्होंने एक महीने पहले भाजपा की सदस्यता ली थी। उनकी मानें तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से काफी प्रभावित हैं।
घर में फँसे डिप्टी सीएम को रेस्क्यू करना पड़ा और मुख्यमंत्री अमेरिका की बातें कर रहे। अधिकारियों के सामने केंद्रीय मंत्री लाचार हैं और सीएम मुंबई की याद दिला रहे। शायद, नीतीश भूल चुके हैं कि बिहार के लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है और सवाल उनसे पूछे ही जाएँगे।
गाँधी के कई नकली बयान आ गए हैं। ये हँसी-मज़ाक के लिए होते हैं। ये गाँधी के असली वक्तव्य नहीं होते। अब ये तो पता ही है कि जीवनपर्यन्त शाकाहारी रहे बापू आपको बटर-चिकन खाने की सलाह तो देंगे नहीं। लेकिन, मीम्स के द्वारा सब संभव है।
महात्मा गाँधी का मांनना था कि मुस्लिमों को गोहत्या से वंचित करने का अर्थ है उनसे जबरन हिन्दू धर्म कबूल करवाना। राष्ट्रपिता के अनुसार, अगर मुस्लिम बात नहीं मानते हैं तो गाय को मरने देना चाहिए। महात्मा गाँधी गोहत्या पर बिना मुस्लिमों की सहमति के प्रतिबन्ध लगाने के विरोधी थे।
पराशरण ने कहा कि अगर लोगों को विश्वास है कि किसी जगह पर दिव्य शक्ति है तो इसे न्यायिक व्यक्ति माना जा सकता है। उन्होंने कुड्डालोर मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है और केवल एक दीया जलता है जिसकी पूजा की जाती है।
"बड़े-बड़े रेस्तरां या होटलों में आने वाले ग्राहक बहुसंख्या में हिन्दू या गैर-मुस्लिम ही होते हैं लेकिन वे किसी ख़ास प्रकार (झटका या हलाल) पर जोर नहीं देते, जबकि मुस्लिम ग्राहक केवल हलाल पर ही जोर देते हैं। अतः इसे आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए हिन्दुओं को ही जोर लगाना होगा।"
अग्रिम पोस्ट तक जाने के लिए पारितोष के साथ अन्य तीन जवान नाव पर सवार हुए थे। लेकिन जैसे ही नाव नाले के मध्य पहुँची, तो तेज बहाव में नाले का संतुलन बिगड़ गया। सब इंस्पेक्टर पारितोष मंडल अपने दो साथियों को बचाते हुए...
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में मुस्लिम आलिम द्वारा काले जादू का उपयोग करके किए गए इलाज में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई। मगर मीडिया गिरोह ने इस अपराध को हिन्दू तांत्रिक द्वारा किए गए अपराध के रूप में फैलाया।
शाह ने कहा कि किसी भी हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई शरणार्थी को देश छोड़ने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बंगाल में जब घुसपैठिए वाम दलों को वोट देते थे तो विपक्षी नेता के तौर पर ममता बनर्जी उन्हें बाहर निकालने की बात करती थीं।
विधायक बोगो बाबू ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को पूर्णतया उदासीन करार दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों (बिहार सरकार व प्रशासन) की मानवीय संवेदना जीरो पर आउट हो गई है (शून्य हो गई है) और उन्हें मानवता से कोई मतलब नहीं है।