Friday, September 20, 2024

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Fact Check: झूठ फैलाकर मनीष सिसोदिया ने दिखाई फ़र्ज़ी देशभक्ति, लोगों ने लगाई ‘लताड़’

'हम AAP के लोग हरिश्चंद्र की संतान हैं, जो हमसे अलग हैं वो झूठ के पुलिंदे।' ऐसे ब्रह्म वाक्य वाले नेताओं के लिए पुलवामा हो या करगिल, राजनीति को छोड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।

जागो कैप्टेन जागो, देशहित में सिद्धू को मंत्रिमंडल से बाहर फेंको

आप सेना में रहे हैं कैप्टेन साहब। इस तरह अनजान न बनिए। इस से पहले कि देश आपको दूसरा मनमोहन पुकारे, जनभावना का अपमान करने वाले सिद्धू को अपने कैबिनेट से निकाल बाहर फेंकिए।

पूरी दुनिया से कहा पाक को ‘आतंकी देश’ घोषित करो, खुद के प्रस्ताव में नाम भी नहीं!

सर्वसम्मति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि हमारा शत्रु एक है- ‘आतंकवाद’। जो भी देश आतंक का भरण पोषण करता है वह हमारे लिए आतंकी देश होना चाहिए। यह विचार भारत के प्रत्येक संस्थान और व्यक्ति द्वारा बिना किसी रिलिजियस अथवा सामुदायिक भेदभाव के अंगीकार किया जाना चाहिए।

गुजरात न्यूज़ एडिटर महोदय, बलिदान की संवेदना पर व्यक्तिगत घृणा थोप कर रात में कैसे सो पाते हैं आप?

गुजरात के लोग ये जानते हैं कि आपके नेतृत्व में प्रकाशित होने वाले अख़बार हमेशा सरकार विरोधी और प्रतिष्ठान विरोधी रुख़ अपनाता रहा है। यही वजह है कि बतौर संपादक आप तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के ख़िलाफ़ लिखते रहे हैं।

आतंकी आदिल के पिता का कुतर्क कहाँ तक उचित है?

क्या अकारण वीरगति को प्राप्त हुए सेना के जवान और आतंकी मनसूबों के साथ मरने वाले आतंकवादियों में कोई फर्क ही नहीं रह गया है? अपने दुख को इन जवानों के घर वालों के दुख के समान बताकर किस तरह का माहौल बनाया जा रहा है?

फैक्ट चेक: NDTV, कॉन्ग्रेस IT सेल की प्रमुख ने ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के बारे में फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई

जहाँ एक तरफ देश पुलवामा में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों को लेकर शोक मना रहा था, वहीं दूसरी ओर दिव्या स्पंदना ने NDTV की आधी-अधूरी रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ट्रेन-18 के बारे में झूठी ख़बर फैलाते हुए ट्रेन को विफल बताया।

आतंकियों को मानवीय बनाने की कोशिश करने वालो, बेहयाई थोड़ी कम कर लो

ऐसी हर बेहयाई के केन्द्र में ये यूजूअल सस्पैक्ट्स आते हैं, भारतीय पत्रकारिता के समुदाय विशेष, उन्हें अलग एंगल चाहिए कि बाकी लोग जवानों के परिवार से मिल रहे हैं, हम आतंकियों के घरवालों से मिल लेते हैं! उसके बाद क्या? उसके बाद यह कहना कि दोनों के माँ-बाप एक ही तरह के दुःख से गुजर रहे हैं?

सोनू और कंगना का ‘सेकुलरों’ पर तंज: ‘विपक्ष वाले फ़र्ज़ी शोक न मनाएँ’, ‘उन्हें गधे पर बिठाकर थप्पड़ मारो’

फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “अब जो भी शांति और अहिंसा की बात करेगा उस पर कालिख पोत कर, गधे पर बैठा कर चौराहे पर खड़ा कर देना चाहिए ताकि जो भी आए थप्पड़ मार कर जाए।”

वो तो अपना काम कर गए, तुमने देश के लिए कुछ करना शुरू किया है?

जो मासूम ये तर्क देते पाए जाते हैं कि “हिंसा का इलाज हिंसा नहीं हो सकता”, वो क्यूट लोग अक्सर भूल जाते हैं कि हिटलर को रोकने के लिए हिंसा का ही इस्तेमाल करना पड़ा था।

आतंकी हमले पर माओवंशी गिरोह सक्रिय: ‘मोदी ने कराया होगा’ से लेकर जवानों की जाति तक पहुँचे

बसु चाहती हैं कि लोग यह मानें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने नरेंद्र मोदी के इशारे पर अपने ही सैनिकों की हत्या कर दी है। और सोचने वाली बात यह है कि बसु ने यह ट्वीट जैश-ए-मुहम्मद द्वारा हमले के लिए जिम्मेदारी का दावा करने के लंबे समय बाद पोस्ट किया है।

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