Tuesday, December 3, 2024

फ़ैक्ट चेक

वामपंथी प्रोपेगेंडा गिरोह द्वारा 10% आरक्षण बिल पर फैलाए जा रहें हैं ये 4 झूठ!

देश में केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोग ही प्रभावित नहीं है, बल्कि वो लोग भी प्रभावित है जिनके जाति प्रमाण पत्र पर जनरल होने का टैग भी लगा हुआ और खाने के लिए रोटी भी नहीं है।

‘भारत के लिए ईरान, तालिबान पर अपने ‘प्रभाव’ का इस्तेमाल कर सकता है’

अफ़ग़ान सरकार द्वारा वार्ता में शामिल होने की माँग के बावजूद, तालिबान ने उसे एक मंच पर आने से दूर रखा।

जिग्नेश-केजरीवाल-लालू गिरोह आरक्षण पर फैला रहा है झूठ, सचेत रहिए

अप्रैल 2018 के हिंसक आंदोलन से सीख लेकर अरविन्द केजरीवाल और जिग्नेश मवानी जैसे नेता फिर से जातीय हिंसा को हवा देने पर तुले हुए हैं।

गाय संबंधी हिंसा पर शशि थरूर के झूठ का पर्दाफ़ाश, ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी ने लिया था इंटरव्यू

उनका यह दावा मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित था, जिसके लिए IndiaSpend को दोषी करार दिया गया था, जो हिंदू-विरोधी प्रचार फैलाने के लिए गलत आँकड़ों का इस्तेमाल करनेवाली वेबसाइट है।

गलत आँकड़ों के ज़रिए ‘IndiaSpend’ कर रहा है पीड़ित मुस्लिमों की संख्या में इज़ाफ़ा

इस मामले से अब तक ये तो स्पष्ट है कि विवाद की वजह ज़मीन है, न कि घृणा-जन्य अपराध।

NIA का मज़ाक बनाने वालो! सुतली बम तब तक खतरनाक नहीं है जबतक वो गलत हाथों में नहीं है

सुतली बम पर तंज कसने वालों को, पकड़े गए लोगों को बेगुनाह बताने वालों को और NIA की बड़ी कामयाबी को बेबुनियाद बताने वालों को समझने की जरूरत है कि इन लोगों के पास से सिर्फ सुतली बम ही बरामद नहीं हुआ है।

कॉन्ग्रेस का बड़ा झूठ – गृह मंत्रालय आम जनता के कंप्यूटरों से उनकी जासूसी करती है

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 संसद में किसी भी चर्चा या विरोध के बिना पारित किया गया था।

CBI डायरेक्टर मामले में ‘मोदी सरकार को झटका’ : रीढ़विहीन मीडिया फैला रही यह झूठ, आप न बनें मूर्ख!

आलोक वर्मा कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। उनका कार्यकाल भी इसी महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगा।

फ़ैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर गौ- मांस के साथ पकड़े गए भाजपा नेता वाले वीडियो की सच्चाई क्या है?

फोटो के बारे में सर्च करते ही इस फोटो की हिस्ट्री हमारे सामने आ गई। इसके बाद हमने देखा कि 'ट्रूथ ऑफ गुजरात' नाम के एक वेबसाइट ने इस तरह के फोटो को कई बार 30 मार्च 2014 और फिर 2016 में भी शेयर करते हुए लोगों के फोटो से जुड़ी गलत जानकारी दी है।

मधुर भंडारकर ने नसीरुद्दीन के ‘डर’ को नकारा, मीडिया चला रही है फ़र्ज़ी ख़बर

इंडियन एक्सप्रेस से लेकर Quint और ANI ने भी भंडारकर के बयान की गलत समीक्षा की है।

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