Sunday, October 6, 2024
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जिग्नेश-केजरीवाल-लालू गिरोह आरक्षण पर फैला रहा है झूठ, सचेत रहिए

ऐसा विश्लेषण और तार्किकता सिर्फ़ इनके ख़ुराफ़ाती दिमाग़ में ही आ सकती है जहाँ मोदी सरकार द्वारा इस बात को स्वीकारने पर कि सामान्य वर्ग में भी वंचित और ग़रीब हैं, इन्हें लगने लगता है कि आरक्षण ख़त्म कर दिया जाएगा।

अप्रैल 2018 में कुछ दंगाई नेताओं ने, जो खुद को दलितों के हिमायती बताते हैं, एक जातीय आग लगाई थी जिसकी भेंट 14 लोग चढ़ गए। व्हाट्सप्प पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST एक्ट पर दिए गए निर्देश को नेताओं ने यह कहकर फैलाया कि सरकार आरक्षण की व्यवस्था हटा रही है। उसके बाद जो जान-माल की हानि हुई वो सबके सामने है।

चूँकि आगजनी हुई, ग़रीब सब्ज़ीवालों के दुकान तोड़े गए, हिंसा चरम पर पहुँचकर 14 लोगों को लील गई, तो इस आंदोलन को मोदी-विरोधी नेताओं ने ‘सफल’ कहा। लेकिन कुछ ही दिनों में सच सामने आया और सरकार भी परेशान होकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नकार बैठी।

इस हिंसक आंदोलन से सीख लेकर अरविन्द केजरीवाल और जिग्नेश मवानी जैसे नेता फिर से जातीय हिंसा को हवा देने पर तुले हुए हैं। कल जब लोकसभा में संविधान संशोधन के ज़रिए सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण का विधेयक पास हो गया, और आज राज्य सभा में इस पर चर्चा हो रही है, तब ये दंगाई नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं जिसका कोई सिर-पैर नहीं है।

फ़िलहाल जिग्नेश मेवानी का ट्वीट पढ़िए जिसमें वो, हमारी मुख्यधारा की मीडिया की तरह ‘विश्वस्त सूत्रों’ से बात करते हुए फ़र्ज़ी बात लिख रहे हैं:

“RSS के लोगों से बात हुई- भाजपा 10% ग़रीबों को आरक्षण क्यों दे रही है? जो पता चला वो बेहद ख़तरनाक है। RSS जाति आरक्षण के हमेशा से ख़िलाफ़ रही है। अभी पहले चरण में संविधान संशोधन करके आर्थिक आधार शुरू करेंगे। फिर SC, ST और OBC का सारा आरक्षण ख़त्म करके केवल आर्थिक आधार रखेंगे।”

ज्योंहि ये ट्वीट आया, गैंग के टुटपुँजिए जीव दौड़ पड़े। इसी फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने वाले इस गिरोह के सदस्य अरविन्द केजरीवाल ने भी बता दिया की उन्होंने भी ‘कई लोगों’ से बात कर ली है। सुपरलेटिव विशेषणों का प्रयोग करना तो वो काफ़ी समय से जानते हैं, तो यहाँ भी ‘बेहद ख़तरनाक’ लिखते हुए उन्होंने जिग्नेश के ट्वीट को मेंशन करते हुए ट्वीट किया:

“मेरी कई लोगों से बात हुई। सब लोगों को लग रहा है कि भाजपा कि यही चाल है। बेहद ख़तरनाक।”

ऐसा विश्लेषण और तार्किकता सिर्फ़ इनके ख़ुराफ़ाती दिमाग़ में ही आ सकती है जहाँ मोदी सरकार द्वारा इस बात को स्वीकारने पर कि सामान्य वर्ग में भी वंचित और ग़रीब हैं, इन्हें लगने लगता है कि आरक्षण ख़त्म कर दिया जाएगा। ट्वीट पढ़ने से एक ही बात समझ में आती है कि जिग्नेश अपनी कल्पना को यथार्थ मानते हुए बेबुनियाद आरोप मोदी पर मढ़कर भीमा कोरेगाँव या अप्रैल वाले जातीय दंगों की तरह कुछ नई आग लगाना चाहता है।

जब आरक्षण की बात हो रही हो तो बिहार को बर्बाद करनेवाली पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, कैसे पीछे रह जाती! लालू यादव की पार्टी ने फ़रमाया:

“सवर्ण पैदा हुए मोदी ने पहले गुजरात में अपनी जाति को पिछड़ा बनाया फिर 14 में खुद की जाति के नाम दलित पिछड़ों को मूर्ख बना कर खूब वोट लूटा! अब मोदी ने अपना असली मनुवादी जातिवादी रंग दिखा दिया! जिनमें सिर्फ 5% गरीब हैं उन्हें देश की आबादी का 10% आरक्षण में दे बहुजनों को लूट लिया!”

राजद ने इस पूरे मसले में अलग स्तर की जासूसी कर दी कि सवर्णों में 5% ही ग़रीब हैं और आरक्षण 10% को दे दिया गया है। ये क्वांटम लेवल का कैलकुलेशन है जिसका गणित सिर्फ़ लालू यादव या उनकी पार्टी ही जानती है कि इस 10% को जब 50% के ऊपर रखा गया है तो बहुजन कैसे लुट गए?

चुनाव आ रहे हैं और इस तरह की अफ़वाहें अब आम हो जाएँगी। वैसे भी आदत से मज़बूर लोग हर बात में जातिवाद, मनुवाद और तमाम वाद ले आते हैं और फिर इन वादों का वाद्य बजाते रहते हैं। केजरीवाल और इनके गिरोह की पूरी कोशिश रहती है कि ऐसे अफ़वाह फैलाकर अपने मतलब की बात करें। बिहार चुनावों के समय भी इन्होंने यही काण्ड किया था और अफ़वाह उड़ाई थी की भाजपा आरक्षण के विरोध में हैं।


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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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