Tuesday, September 17, 2024

राजनीति फ़ैक्ट चेक

फ़ैक्ट चेक: कंधार प्रकरण के लिए अजीत डोभाल को राहुल गाँधी द्वारा दोषी ठहराना दुर्भावनापूर्ण और तथ्यों से परे है

यह बात चौंकाने वाली है कि भविष्य में देश का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले राहुल गाँधी को ऐसी राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान आतंकी समूहों के साथ होने वाली जटिल वार्ताओं के बारे में पूरी और सही जानकारी अब तक नहीं है।

फैक्ट चेक: राजनैतिक लाभ के लिए कॉन्ग्रेस कर रही है अभिनंदन की पत्नी के नाम पर घटिया हरकत

फ़र्ज़ी खबर फ़ैलाने वाले इस ट्विटर एकाउंट को कॉन्ग्रेस पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से लेकर कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर फॉलो करते हैं। प्रियंका चतुर्वेदी जिस तरह से रोजाना फ़र्ज़ी खबर और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पाई जाती हैं, इसकी वजह शायद यही है कि उनकी सूचनाओं के स्रोत और 'कच्चे माल' की निर्भरता इस तरह के फेक न्यूज़ एकाउंट्स हैं।

फैक्ट चेक: केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने नहीं ली शहीद के ताबूत के साथ सेल्फी, कॉन्ग्रेस ने फैलाया था झूठ

तस्वीरों से यह साफ होता है कि वायरल हो रही अल्फोंस की तस्वीर सेल्फी नहीं बल्कि मीडिया के कैमरे से खींची गई तस्वीर है।

Fact Check: झूठ फैलाकर मनीष सिसोदिया ने दिखाई फ़र्ज़ी देशभक्ति, लोगों ने लगाई ‘लताड़’

'हम AAP के लोग हरिश्चंद्र की संतान हैं, जो हमसे अलग हैं वो झूठ के पुलिंदे।' ऐसे ब्रह्म वाक्य वाले नेताओं के लिए पुलवामा हो या करगिल, राजनीति को छोड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।

फैक्ट चेक: क्या मोदी ने 1992 में लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बारे में झूठ बोला था?

द वायर पर लिखे अपने रिपोर्ट में स्वाति चतुर्वेदी ने बिना किसी तथ्य और सबूत के आधार पर लिखा कि मुरली मनोहर जोशी इस वीडियो को देखने के बाद गुस्से में हैं, और उन्होंने आरएसएस से भी इस बारे में शिकायत की है।

फ़ैक्ट चैक: प्रियंका गाँधी की रैली का भीड़ कनेक्शन फ़र्ज़ी, कॉन्ग्रेस को डिलीट करना पड़ा ट्वीट

प्रियंका गाँधी की रैली में भीड़ दिखाने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी प्रवक्ता ने तेलंगाना की तस्वीर शेयर कर डाली, झूठ पकड़े जाने पर जिसे उन्होंने डीलिट कर दिया।

बजट से पहले बजट पेश! बजट बनाना भूल न जाएँ, इसके लिए कॉन्ग्रेस की असफल कोशिश?

तिवारी जी आ गए छौंक लगाने। मोदी सरकार से पहले बजट पेश कर दिया। संसद में नहीं, सोशल मीडिया पर। ऊपर से लिख दिया कि इसे सरकार ने ही लीक किया है। हद कर दी तिवारी जी आपने!

बीमार पर्रीकर को निशाना बनाकर राजनैतिक हित साधना छिछोरापन है, राजनीति नहीं

पर्रीकर ने राहुल गाँधी के ताजा बयानों की निंदा करते हुए उन्हें अपनी अवसरवादी राजनीति के लिए किसी बीमार व्यक्ति के नाम का सहारा न लेने की सलाह दी।

राहुल गाँधी, ठीक से याद कीजिए, नफ़रत की नर्सरी से लेकर झूठ के विश्वविद्यालय तक कॉन्ग्रेस से जुड़े हैं

निराधार बातें करके अपनी छवि को बूस्ट करने वाले राहुल गाँधी एक बार फिर से अपनी कही बातों के कारण पकड़ में आ गए हैं।

अमर्त्य सेन ने 10% आरक्षण बिल पर बोला झूठ, फिर से छेड़ा इनटॉलरेंस का राग

इस तरह के बयानों का उस समय आना जब लोकसभा के चुनाव नज़दीक हों साफ दर्शाता है कि वो व्यावहारिक स्तर पर एक निश्चित व्यक्ति के ख़िलाफ़ कैम्पेनिंग कर रहे हैं।

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