अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी के बीच वक्तव्यों की यह लड़ाई चाहे जितनी गंभीर हो, कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके केंद्रीय नेतृत्व को पता है कि बिना उनके विपक्षी एकता की कल्पना तो संभव है पर एकता संभव नहीं है।
विमर्शों का कोई अंतिम या लिखित निष्कर्ष निकले यह आवश्यक नहीं पर विमर्श हो यह आवश्यक है क्योंकि वर्तमान काल भारतीय संवैधानिक लोकतंत्र की यात्रा के मूल्यांकन का काल है।
राष्ट्रीय राजनीति में जिस भूमिका की तलाश में ममता बनर्जी हैं, उसे पहले से ही अस्तित्व के संकट से दो-चार हो रहे अन्य दलों के चुक गए नेताओं के सहारे पाना बड़ी चुनौती होगी।
सत्यपाल मलिक को 3 साल में बिहार, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय का राज्यपाल बनाया गया। जानिए क्या रहा है उनका राजनीतिक इतिहास और चुनावों में प्रदर्शन।
गोरखनाथ मंदिर 47 शैक्षिक और स्वास्थ्य संस्थान चलाता है, जहाँ सभी जाति-मजहबों के ज़रूरतमंदों की मदद होती है। जानिए पूर्वांचल की राजनीति और योगी आदित्यनाथ सहित यहाँ के अन्य महंतों के चुनावी इतिहास के बारे में।