"कोरोना से लड़ने के लिए इन दोनों ताकतों (इमान और युवा) का इस्तेमाल करना है। अब युवा ही कमियों को पूरा करेंगे। इसके लिए युवाओं की टाइगर फोर्स की घोषणा करता हूँ।"
डॉ फेन के मुताबिक, 30 दिसंबर को प्रयोगशाला में पता चला कि यह विषाणु ‘SARS Coronavirus’ जैसा है। डॉ फेन ने रिपोर्ट की तस्वीर लेकर अपने वरिष्ठों और सरकारी अधिकारियों को भेजी। शाम तक यह तस्वीर वुहान के सभी डॉक्टरों के पास पहुँच गई। डॉक्टर ली वेनलियांग ने इसे सोशल मीडिया पर डालकर दुनिया भर को बताया कि नया कोरोना विषाणु फैल रहा है।
वुहान निवासियों का कहना है कि चीन के 7 शहरों में अलग-अलग फ्यूनरल होम से हर दिन 500 परिवारों को कोरोनावायरस से मरने वाले लोगों के अस्थि कलश सौंप जा रहे हैं। यानी हर दिन 3500 लोगों को अस्थि कलश दिए जा रहे हैं।
"मैं तुम्हें अँधेरा कहता हूँ। तुमने मुझे क्रोधित किया है। जिस तरह गॉड ने ईडन के बगीचे में तुम्हारे सिर पर पैर रख तुम्हें आदेश दिया था उसी तरह मैं तुम्हें आदेश देता हूँ कि अपने पेट के बल लेट कर घिसटो। ये समाप्त हो गया। ये खत्म हो गया। और संयुक्त राज्य अमेरिका फिर से स्वस्थ और अच्छा हो गया है।"
मैं चाहता हूँ कि अमेरिका के लोग यह जानें कि आपके नि:स्वार्थ एवं साहसिक प्रयास देश में कई जानें बचा रहे हैं। आप बदलाव ला रहे हैं। लेकिन अनुमान दर्शाते हैं कि दो हफ्तों में मृत्यु दर बेहद ऊँचाई पर पहुँच जाएगी।”
67 साल के थाई राजा ने अपने हरम के साथ सेल्फ आइसोलेशन में जाने के लिए बवेरिया के शानदार होटेल सोनेनबिचल को पूरा बुक किया हुआ है। इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि थाई राजा की चारों पत्नियाँ उनके साथ इस आइसोलेशन में हैं या नहीं।
"इस वायरस का पेटेंट एक अमेरिकी कम्पनी शिरॉन ने अमेरिकी सरकार से 2006 में प्राप्त किया था। 2014 में इसकी वैक्सीन के पेटेंट के लिए उन्होंने यूरोप में अप्लाई किया था। इसका पेटेंट कुछ वर्षों में दे देना चाहिए था जो कि नवंबर 2019 तक नहीं दिया गया।"
स्पेन में कोरोना वायरस की वजह से हालात काफ़ी बिगड़े हुए हैं। अभी तक वहाँ लगभग 6000 लोगों की मौत हो चुकी है। हालाँकि, 12,000 से अधिक मरीज ठीक भी हुए हैं, लेकिन 73,235 कोरोना मामलों के साथ स्पेन इस वायरस के संक्रमण से दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा प्रभावित देश बन गया है।
कुछ पाकिस्तानियों ने चीन को क्लीनचिट देते हुए दावा किया कि उससे ज्यादा तो कोरोना को फैलाने के लिए शिया जिम्मेदार हैं। सैयद अज़ीम ने लिखा कि इसे 'चाइनीज वायरस' की जगह 'शिया वायरस' कहना चाहिए।
यह राशि फरवरी में अमेरिका की ओर से घोषित 10 करोड़ डॉलर की मदद के अलावा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक लेबोरेटरी सिस्टम, ऐक्टिव केस ढूँढने, निगरानी और टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मदद संबंधी तैयारियों आदि को दुरुस्त करने के काम में इस पैसे का इस्तेमाल किया जा सकेगा।