सात जुलाई को आज तक ने एक रिपोर्ट दिखाई। यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में बिचौलियोंं और कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा लड़कियों के कथित यौन शोषण से जुड़ी थी। दावा किया गया कि नाबालिग लड़कियॉं खदानों में काम करने और मजदूरी के एवज में अपना जिस्म सौंपने को मजबूर हैं।
आज तक की रिपोर्टर मौसमी सिंह ने लिखा कि 12-14 साल की ये लड़कियॉं गरीब आदिवासी परिवारों से हैं। जिंदा रहने के लिए ये अवैध खदानों में काम करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि बिचौलिए और कॉन्ट्रैक्टर्स इन्हें आसानी से मजदूरी नहीं देते। दावा किया गया कि मजदूरी पाने के लिए उन्हें अपने जिस्म सौंपना पड़ता है।
आज तक की रिपोर्टर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें एक लड़की दवा कर रही थी कि जिस्म का सौदा करने पर ही कॉन्ट्रैक्टर्स काम देने के लिए राजी होते हैं।
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी ने आज तक की इस रिपोर्ट का इस्तेमाल अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए किया। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अनियोजित लॉकडाउन में भूख से मरता परिवार। इन बच्चियों ने ज़िंदा रहने की ये भयावह क़ीमत चुकाई है। क्या ये ही हमारे सपनों का भारत है?”
अनियोजित लॉकडाउन में भूख से मरता परिवार…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 9, 2020
इन बच्चियों ने ज़िंदा रहने की ये भयावह क़ीमत चुकाई है।
क्या ये ही हमारे सपनों का भारत है?https://t.co/JGKnU8mdmr
इसके बाद बुधवार को भाजपा नेता अमित मालवीय ने इससे जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया। इस वीडियो में लड़कियों ने आज तक द्वारा किए गए सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया। संवाददाता ने लड़कियों से पूछा क्या काम करने के दौरान ठेकेदार उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं?
कल राजदीप सरदेसाई ने एक ख़बर चलाई जिसमें चित्रकूट की जनजातीय नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना को लॉकडाउन के साथ जोड़ कर दिखाया।
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 8, 2020
अब जरा उन्हीं लड़कियों की जुबानी सुनिए इस फ़र्ज़ी वीडियो की कहानी..
बताया ये भी जा रहा कि आज तक की संवाददाता ने अनाज देकर झूठा बयान दिलवाया। pic.twitter.com/tzys3zo948
जवाब में एक लड़की ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उसने इस तरह का व्यवहार होने से स्पष्ट तौर पर इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि उसने पहले क्यों यह बात स्वीकार की थी, उसने कहा कि उसे समझ ही नहीं आया कि क्या सवाल पूछे जा रहे हैं।
आज तक द्वारा चलाई गई इस भ्रामक खबर पर सोशल मीडिया में खूब शोर होने के बाद एक ट्विटर अकाउंट ने मौसमी सिंह की सच्चाई दर्शाते हुए कई स्क्रीनशॉट साझा किए। इसमें साफ़ तौर पर दिखाया आखिर कैसे आज तक की संवाददाता ने यह रिपोर्ट फर्ज़ी तरीक़े से तैयार की। ‘मोदी भरोसा’ नाम के इस अकाउंट ने कुछ तस्वीरें साझा की जिसमें मौसमी सिंह ग़रीबों को राशन बाँटते हुए नज़र आ रही थीं।
तस्वीरों के साथ कहा गया है कि कुछ इस तरह मौसमी सिंह ग़रीबों को लालच देकर अपनी रिपोर्ट तैयार करती हैं और निर्दोष लोगों को भ्रामक बातें कहने के लिए मजबूर करती हैं। ट्वीट में मौसमी सिंह के साथ अनाज बाँट रहे व्यक्ति को कॉन्ग्रेस का कार्यकर्ता भी बताया गया है।
खेल निराला है एकदम से!
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) July 9, 2020
एक NGO संचालक (कॉंग्रेसी)
एक पत्रकार मौसमी सिंह (आजतक)
गरीब परिवार
जबरदस्त क्लाइमैक्स बनाया गया एक स्टोरी के लिए।
फिर NGO संचालक & पत्रकार
फिर अनाज देकर लिए झूठे बयान, चित्रकूट की खदानों में बलात्कार
यह तो हिट होना ही था #Chitrakoot pic.twitter.com/7hlWCBiOvt
यह पहला मौक़ा नहीं है जब मौसमी सिंह का नाम इस तरह की धोखाधड़ी में सामने आया है। इसके पहले भी उन पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं। पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद विपक्षी दल के नेताओं का दौरा कवर करने गई मौसमी सिंह ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर खूब शोर मचाया था। मौसमी सिंह का आरोप था कि एक सुरक्षाकर्मी ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें रिपोर्टिंग करने से रोका।
इसके पहले साल 2019 के आम चुनाव के दौरान यह देखा गया था किस तरह मौसमी सिंह कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी वाड्रा के आते ही उत्साहित होने के लिए कह रही थीं। इसी तरह एक और घटनाक्रम में वह मणिशंकर अय्यर का बचाव करते हुए नज़र आ रही थीं जबकि मणि शंकर ने खुद दूसरे संवाददाता के साथ अभद्रता की थी।