उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिला स्थित हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गाँव डोमखेड़ा में गत 6 जून की रात 4 युवकों ने आपसी रंजिश के चलते घर में घुस कर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया के कई प्रमुख स्रोतों ने इस खबर को स्पष्ट तौर पर यह साबित करने का प्रयास किया है कि अमरोहा में एक दलित को मंदिर में जाने के कारण गोली से मार दिया गया।
मीडिया द्वारा प्रकाशित की गईं भ्रामक और झूठी हेडलाइन
वामपंथी ‘प्रोपेगेंडा प्रमुख’ – द टेलीग्राफ़ क्विंट, वायर, लल्लनटॉप, टेलीग्राफ जैसे मीडिया गिरोह की हैडलाइन एवं अरफ़ा खानम एवं ऑल्टन्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने भी इस फेक न्यूज़ को फ़ैलाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
‘दलित-मंदिर’ के मामलों में हिटलर का लिंग नापने वाली वेबसाईट ‘द लल्लनटॉप’ पीछे नहीं रहती –
‘द वायर’ की एक और उपलब्धि –
ग्राम डोमखेडा थाना हसनपुर, अमरोहा मे घटना के सम्बन्ध मे पुलिस द्वारा शीघ्र कार्यवाही कर 03 अभियुक्तो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। दोनो पक्षो के मध्य बाग की बटाई के 5000 रुपये को लेकर विवाद होना विवेचना में पाया गया । पीडित पक्ष की आर्थिक व अन्य साहयता हेतु कार्यवाही की जा रही है।
— Amroha Police (@amrohapolice) June 10, 2020
सत्रह वर्षीय मृतक विकास जाटव नाम के इस युवक के परिजनों ने गाँव के ही दूसरी बिरादरी के 4 लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया। मृतक विकास के परिजनों ने आरोप लगाया था कि इस घटना के सात दिन पहले ही मंदिर में पूजा करने को लेकर एक विवाद हुआ जिसके चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया। जबकि पुलिस ने जाँच के बाद जाति और मंदिर के कारण गोली मारने जैसे सभी आरोपों से अलग पाया है।
मीडिया द्वारा प्रकाशित इस खबर में दावा किया गया कि मृतक विकास के पिता ओम प्रकाश जाटव का कहना है कि 31 मार्च को कुछ लड़कों ने उनके बेटे को मंदिर में प्रवेश करने से रोका था। इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि इसके पहले इस तरह का भेदभाव कभी भी नहीं हुआ था और यह बात खुद विकास के पिता ने मीडिया से कथित तौर पर कही थी।
इन रिपोर्ट्स में कहा गया कि मृतक के पिता ओमप्रकाश जाटव ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को पीटा भी गया और जाति को लेकर अपशब्द भी कहे थे। उन्होंने कहा कि जब उनका बेटा सो रहा था, उसी वक्त उसे दो लोगों ने गोली मार दी और परिवार को धमकी देकर भाग गए।
क्या मृतक युवक की जाति के कारण हुई हत्या?
लेकिन इस घटना पर अमरोहा पुलिस ने खुद छानबीन के बाद एक वीडियो जारी कर स्पष्ट करते हुए कहा कि इस घटना में युवक की जाति और मंदिर में प्रवेश का कोई प्रसंग था ही नहीं। इस वीडियो में अमरोहा पुलिस, थाना हसनपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम डोमखेड़ा में नाबालिग युवक की हत्या करने के सम्बन्ध में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) विपिन ताडा ने कहा –
“मामला दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। दो की गिरफ्तारी भी हो गई है। इनका ये कहना है कि जो मृतक है उनके भाई के साथ में इनके आम के बगीचे के ठेकों का और मधुमक्खी पालन की साझेदारी थी, जिसमें कि इनके 5 हज़ार रुपए मृतक के भाई पर शेष थे। इसी बात के तकादे को लेकर मृतक और अभियुक्त पक्ष का झगड़ा हुआ, जिसके बाद अभियुक्त गाँव छोड़कर भाग गया। फिर बदला लेने के उद्देश्य से अचानक गाँव में आया और इस युवक को गोली मारकर फरार हो गया। 2 की गिरफ्तारी हो गई है, इनसे पूछताछ करके बाकियों की गिरफ्तारी भी होगी।”
@amrohapoliceथाना हसनपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम डोमखेड़ा में नाबालिग युवक की हत्या करने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक अमरोहा डॉ0 विपिन ताडा द्वारा दी गयी बाइट @Uppolice @CMOfficeUP @dgpup @adgzonebareilly @digmoradabad @bstvlive @ZEEUPUK @News18HindiUP pic.twitter.com/taRo6E0SNH
— Amroha Police (@amrohapolice) June 7, 2020
मंदिर में पूजा करने को लेकर विवाद पर पुलिस ने कहा कि वे खुद मौके पर पहुँचे थे और वहाँ लोगों से बात में उन्हें पता चला कि जाँच में ऐसी कोई बात निकलकर सामने नहीं आई।
Media spreading FAKE NEWS on Dalit Boy’s Murder in Amroha@rahulkanwal ‘s India Today is also one of it spreading fake news https://t.co/hCr0NcIrxZ pic.twitter.com/eRCaqLPFu7
— Err (@Gujju_Er) June 10, 2020
सोशल मीडिया पर इस घटना को दलित पर सवर्णों के अत्याचार के रूप में जमकर शेयर किया गया है, जबकि वास्तविकता क्विंट, वायर, लल्लनटॉप, टेलीग्राफ, ऑल्टन्यूज़ जैसे मीडिया गिरोह की हेडलाइन से अलग यह है कि यह मामला मृतक युवक की जाति या मंदिर में पूजा को लेकर नहीं बल्कि आपस में मिलजुलकर शुरू किए गए बिजनेस को लेकर था।