बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की बीवी गौरी खान को लेकर मंगलवार (19 दिसंबर,2023) को खबर फैली कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें नोटिस जारी किया है। कहा गया कि उन्हें ये नोटिस लखनऊ की रियल एस्टेट कंपनी तुलसियानी ग्रुप का ब्रांड एंबेसडर होने की वजह से भेजा गया है।
खबर में दावे किए गए तुलसियानी ग्रुप पर चूँकि निवेशकों और बैंकों से 30 करोड़ रुपए ठगने का आरोप है इसलिए इसकी ब्रांड एंबेसडर होने के कारण फिल्म निर्माता, इंटीरियर डिजाइनर गौरी खान को नोटिस भेजा गया। हालाँकि बाद में ये खबर फर्जी निकली। ईडी ने खुद इसका खंडन किया।
गूगल और सोशल मीडिया पर देखेंगे तो तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस खबर को तूल दिया था कि प्रवर्तन निदेशालय अब शाहरुख खान की पत्नी और तुलसियानी ग्रुप के बीच हुए वित्तीय लेन-देन की जाँच में जुटा है और अधिकारी इस बात का पता भी लगाएँगे कि गौरी को तुलसियानी समूह का ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए कितने पैसे मिले। इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी और अन्य दस्तावेज भी जाँचे जाएँगे।
खबरों में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि ईडी की ओर से जो नोटिस भेजा गया है उस पर अभी गौरी खान ने कोई जवाब नहीं दिया है।
गौरी खान को लेकर मीडिया में फैली इस खबर के बाद एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने इस पर संज्ञान लिया। कई रिपोर्टों में बताया गया कि ईडी ने इस खबर को पूरी तरह से गलत बताया है। उन्होंने कन्फर्म किया कि गौरी के खिलाफ कोई नोटिस नहीं भेजा गया है। ना ही परमिशन लेने जैसी कोई तैयारी की जा रही है। ये खबर पूरी तरह से गलत है। गौरी के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई तैयारी नहीं की जा रही है।
क्या था मामला?
बता दें कि लखनऊ के तुलसियानी ग्रुप की सुशांत गोल्फ सिटी नाम की एक प्रोजेक्ट में मुंबई के किरीत जसवंत शाह ने कथित तौर पर 2015 में 85 लाख रुपए में एक फ्लैट खरीदा था। मगर समय बीतने के बाद भी कंपनी ने शाह को फ्लैट नहीं दिया और न ही पैसे वापस किए। इसके चलते शाह ने तुलसियानी ग्रुप के निदेशकों अनिल कुमार तुलसियानी, महेश तुलसियानी के साथ-साथ ब्रांड एंबेसडर गौरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मार्च 2023 में शाह ने इन तीनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
जसवंत शाह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्होंने ये फ्लैट गौरी को ऐड में देखकर लिया था। उन्होंने कहा था, “मैं उसी साल सुशांत गोल्फ सिटी में तुलसियानी कंपनी के ऑफिस गया और इसके निदेशकों से मिला और 86 लाख रुपए का एक फ्लैट खरीदने पर सहमति जताई। मुझे आश्वासन दिया गया था कि मुझे 2016 में फ्लैट का कब्जा मिल जाएगा। लेकिन जब काफी वक्त बीत गया और मुझे फ्लैट नहीं मिला तब मैंने पता किया तो मुझे पता चला कि मेरे बुक किए फ्लैट का एग्रीमेंट कंपनी ने किसी और को ट्रांसफर कर दिया है।”